इंदौर पुलिस का व्यवहार कैसा है, क्या शिकायत सुनते हैं, पानी वगैरह का पूछते है या नहीं। यह कुछ सवाल ऐसे हैं जो अब पुलिस में शिकायत करने वालों से फोन करके पूछा जा रहा है। दरअसल इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा आरआई, पटवारी के कामों पर नजर रखने के लिए संवाद कक्ष स्थापित किया गया, अब इसी तर्ज पर इंदौर पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह ने फीडबैक डेस्क बना दी है, जो शिकायतकर्ताओं से फोन करके कई सवाल पूछ रही है।
यह सवाल पूछे जा रहे हैं
- क्या आपकी समस्या सुनी गई
- आपके साथ पुलिस का व्यवहार कैसा रहा
- आपके लिए पानी आदि की व्यवस्था की गई या नहीं
- आवेदन पत्र पर कोई कार्रवाई हुई या नहीं
- कार्रवाई की कोई पावती दी गई या नहीं
फीडबैक में यह रहे असंतुष्ट
फीडबैक के आधार पर 49 शिकायकर्ताओं ने पुलिस की कार्रवाई से असंतुष्टि जताई है। इसमें जोन वन के 18, जोन टू के दो, जोन 3 के 16 और जोन 4 के 5 मामले सामने आए। अब इस पर पुलिस कमिशनर ने संबंधित डीसीपी को इन शिकायतों के निराकरण के संबंध में निर्देशित किया है।
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कलेक्टर ने शुरू कर दी थी 17 पटवारियों की जांच
कलेक्टर आशीष सिंह ने राजस्व कामों की परेशानी को दूर करने के लिए संवाद कक्ष बनाया है, जो आवेदकों से रेंडम आधार पर फोन करके फीडैबक लेते हैं। इस फीडबैक के आधार पर पूरे 17 पटवारियों के खिलाफ जांच के आदेश सिंह दे चुके हैं। कई को निलंबित किया जा चुका है। अब पुलिस कमिशनर द्वारा जनता से सीधे फीडबैक लेने की यह प्रथा शुरू हुई है।
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