इंदौर में बिजली सुधार के लिए खर्च 1600 करोड़ कहां गए, भ्रष्टाचार के ईमेल, पत्र को दबा दिया

पिछले दो दिनों में आई तेज आंधी और बारिश से इंदौर के अधिकांश इलाके रातभर अंधेरे में डूबे रहे। शहर को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिलने के बावजूद थोड़ी सी बारिश में बिजली आपूर्ति ठप हो जाना गंभीर सवाल खड़े करता है।

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Sanjay Gupta
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MP News: इंदौर में बीते दो दिन आंधी के साथ बारिश का दौर चला। रविवार को पौने तीन इंच बारिश हुई और सोमवार रात को एक इंच बारिश। दोनों ही दिन आधे से ज्यादा शहर रात दो बजे तक अंधेर में डूबा रहा। उधर एमपीईबी पश्चिमी क्षेत्र के एमडी आईएएएस अनूप सिंह के लगातार प्रेस नोट आते रहे कि कर्मचारी कर्मठता से जुटे हैं और जल्द व्यवस्था सुधर गई। लेकिन सबसे बड़ी बात है कि यह हालत क्यों हो रहे हैं। स्मार्ट सिटी का तमगा हासिल करने वाले इंदौर की बत्ती थोड़ी सी बारिश में गुल कैसे हो रही है।

बिजली सुधार के लिए मिले 1600 करोड़ कहां गए

सबसे बड़ी बात यह है कि एमपीईबी इंदौर को बिजली इन्फ्रा सुधार के लिए केंद्र की दो विविध योजनाओं में 1500 करोड़ रुपए मिले हैं। पहले आईडीपीएस में 500 करोड़ रुपए मिले और अब आरआरडीएस में 1100 करोड़ रुपए मिले हैं। इतनी बडी राशि आखिर कहां गई।

यहां गई यह राशि, भ्रष्टाचार का लगा दीमक

तो अब बताते हैं यह राशि कहां गई। इस राशि का बड़ा हिस्सा भ्रष्टाचार की भेंट चढ गया। यह हवा हवाई आरोप नहीं है, बल्कि खुद कंपनी ने आईडीपीएस योजना में घोटाले को लेकर 35 से ज्यादा इंजीयिर को शोकॉज नोटिस दिए और जांच हुई। लेकिन मामला दबा दिया गया। 

अब इसी तरह आरआरडीएस योजना में घटिया क्वालिटी के केबल, कंडक्टर व अन्य उपकरण लगाए जा रहे हैं। इसकी बकायदा शिकायत हुई और उच्च स्तर पर ई मेल हुआ है। बिजली कंपनी के इंजीनियर हे ने ही चार महीने पहले अमानक कंडक्टर पकड़े और कंपनी को शिकायत की थी।

वहीं निगरानी करन वाली एजेंसी यानी थर्ड पार्टी ने भी कंपनी को पत्र लिखा और ईमेल किया कि टेस्टिंग रिपोर्ट में फर्जीवाड़ा कर घटिया क्वालिटी के पुर्जे, उपकरण लगाए जा रहे हैं। इसके बाद भी इन मामलों को उच्च स्तर पर दबाया गया। 

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इधर लाइनमैन ही नहीं बचे, आउटसोर्स के भरोसे

इंदौर शहर में 30 बिजली जोन है। हर जोन में कम से कम 20 लाइनमैन की जरूरत होती है।  लेकिन इस समय मुश्किल से दो-तीन लाइनमैन ही हर जोन में बचे हैं। ऐसे में लाइन फॉल्ट होने के बाद इन्हें सुधारने वाला प्रशिक्षित स्टाफ ही कंपनी के पास नहीं है। संविदा आउटसोर्स पर लाइनमैन से काम चल रहा है लेकिन इनकी संख्या भी कम है। वहीं दस साल से स्टाफ की भर्ती नहीं हुई है।

कांग्रेस ने जारी किया पोस्टर "बत्ती गुल मीटर चालू"

इंदौर में हो रही घंटों की बिजली कटौती के विरोध में कांग्रेस ने तंज कसते हुए फिल्मी पोस्टर जारी किया। कांग्रेस नेता विवेक खंडेलवाल गिरीश जोशी ने बताया कि इंदौर में विद्युत मंडल की लापरवाही या व्यवस्थाओं के कारण कई के घंटे तक बिजली कटौती की जा रही है।

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विद्युत मंडल के झोनों पर फोन लगता नहीं है अधिकारियों के फोन कवरेज के बाहर आते हैं। वहीं बार-बार मेंटेनेंस के नाम पर विद्युत विभाग द्वारा बारिश से पूर्व की जाने वाली व्यवस्थाएं सब मात्र दिखावा पर बनकर रह गई। इसके बाद भी विद्युत विभाग द्वारा अपनी पीठ थपथपाई जा रही है कि हमारे द्वारा बहुत जल्दी ही विद्युत व्यवस्था को सुधार दिया गया मगर दूसरे दिन की बारिश के बाद उनकी पोल खुल गई।

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