/sootr/media/media_files/2025/10/04/indore-policeman-lokesh-2025-10-04-19-44-10.jpg)
INDORE. इंदौर का सीतलामाता बाजार हिंदू-मुस्लिम राजनीति का केंद्र बन गया है, शहर में लगातार सद्भाव की जगह अलगाव की बात हो रही है। ऐसे में इंदौर पुलिस के दो जवानों ने अपने काम से फिर इंदौर में सद्भाव का संदेश दिया है। इंदौर पुलिस के पुलिस आरक्षक लोकेश गाथे और जयवीर के इस काम से अब्दुल समद की जान बची है।
इस तरह 30 सेकंड़ में बची जान
छोटी ग्वालटोली एरिया में गुलमोहर होटल में ठहरे अलीगढ़ निवासी अब्दुल समद की जान उस वक्त खतरे में पड़ गई, जब वह अचानक बेहोश होकर गिर पड़ा। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों जयवीर और लोकेश गाथे ने बिना देरी किए CPR देना शुरू किया। सिर्फ 30 सेकेंड में युवक की धड़कनें लौट आई।
ये भी पढ़ें...इंदौर में बच्चों से भरी स्कूल बस जलकर हुई खाक, समय रहते निकाले गए सभी बच्चे
ये भी पढ़ें...मध्यप्रदेश में Coldrif Syrup पर लगा बैन, तमिलनाडु सरकार की रिपोर्ट के बाद एक्शन में आई एमपी सरकार
3 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी👉इंदौर का सीतलामाता बाजार हाल में राजनीतिक तनाव का केंद्र बन गया है। यहां हिंदू-मुस्लिम राजनीति के बीच सद्भाव की बजाय अलगाव की बातें हो रही हैं। इस तनाव के बीच पुलिस ने एक प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया है। 👉इंदौर पुलिस के आरक्षक लोकेश गाथे और जयवीर ने अपनी जान जोखिम में डाले बिना एक युवक की जान बचाई। युवक, अब्दुल समद, अचानक होटल में बेहोश होकर गिर पड़ा था। 👉दोनों पुलिसकर्मियों ने बिना समय गंवाए युवक को CPR देना शुरू किया, जिससे महज 30 सेकंड में उसकी धड़कनें वापस लौट आईं। यह पुलिस की तत्परता और पेशेवर प्रशिक्षण का परिणाम था। |
ये भी पढ़ें...हिंदू-मुस्लिम एकता: दोनों में संवाद जरूरी, हिंसा नहीं सौहर्द चाहिए
एंबुलेंस बुलाकर इलाज के लिए भेजा
इसके साथ ही पुलिस ने एंबुलेंस के लिए भी फोन कर दिया था। सांस लौटने के बाद युवक को एंबुलेंस से इलाज के लिए भेज दिया गया। अब उसकी स्थिति खतरे से बाहर बताई गई है। गाथे ने कहा कि पुलिस ट्रेनिंग के कारण ही हम युवक की जान बचाने में सफल रहे। आरक्षक लोकेश गाथे को इससे पहले भी 'जीवन रक्षक पदक' से सम्मानित किया जा चुका है। डॉक्टरों के मुताबिक, अगर CPR समय पर न दिया गया होता, तो स्थिति गंभीर हो सकती थी।