इंदौर में प्री मानसून की बारिश होने के दौरान अभी तक चार बार ब्लैक आउट हो चुका है। इसके कारण लोग खासा परेशान होते रहे हैं। वे बिजली कंपनी के हेल्पलाइन नंबर 1912 पर फोन लगा–लगाकर थक जाते हैं, लेकिन उन्हें या तो रिकॉर्डेड मैसेज सुनाई देता है कि आप कतार में हैं, या फिर लाइन बिजी मिलती है। जनता की इस समस्या को सुलझाने के लिए बिजली कंपनी ने अपने शहर के 5 क्षेत्रों के कुल 59 एई और जेई के नंबर जारी किए हैं। कंपनी के मुताबिक पहले 1912 पर कॉल करें। वहां सुनवाई नहीं हो तो अपने क्षेत्र के जेई को फोन करें, वे भी ना सुनें तो एई को फोन कर सकते हैं। इसके बाद भी अगर आपकी समस्या का समाधान ना हो तो द सूत्र आपको बिजली कंपनी के एमडी अनूप कुमार सिंह का मोबाइल नंबर उपलब्ध करवा रहा है। जो कि 8290172489 है। आप इसे अपने पास सेव कर लें और बिजली संबंधी अपकी समस्या का निचले अफसरों द्वारा समाधान नहीं किया जाता है तो आप सीधे इन्हें कॉल कर लें। आप बिजली कंपनी के उपभोक्ता हैं और यह आपका अधिकार है।
बारिश से खुल गई बिजली कंपनी की पोल
शहर में प्री–मानसून की बारिश हुई तो बिजली कंपनी ने एक साथ शहर के अधिकांश हिस्सों में ब्लैक आउट कर दिया था। ऐसा एक बार नहीं, बल्कि कई बार किया गया। एक तो बारिश और ऊपर से बिजली का चले जाना, लोगों के लिए काफी मुसीबत भरा रहा। जब लोगों ने बिजली कंपनी के दफ्तर में कॉल करना शुरू किए तो जवाब मिले कि पेड़ गिर गया है, ट्रांसफॉर्मर में फाल्ट आ गया, लाइन टूट गई है आदि। वहीं, जब बारिश नहीं होती तो भी पावर कट करने का कारण मेंटेनेंस किया जाना बताया जाता। इससे बिजली कंपनी की मानसून पूर्व किए गए मेंटेनेंस की पोल खुल गई।
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बिजली कंपनी की भद पिटी तो जारी कर दिए अफसरों के नंबर
बिजली कंपनी के द्वारा बारिश के दौरान 3 से 4 घंटे तक बत्ती गुल करने की शिकायताें का अंबार पिछले दिनों लगने लगा था। इसमें खास बात तो यह थी कि लोगों ने सुनवाई नहीं होने के आरोप लगाए। इस पर पूरे शहर में बिजली कंपनी की भद पिट गई। मेंटेनेंस के नाम पर मानसून पूर्व बिजली कटौती करने के बावजूद बारिश के दौरान काटे जाने वाले सवालों के जवाब अफसर नहीं दे पाए। इससे बचने के लिए अफसरों ने बैठक की और साेमवार को कंपनी ने अपने जेई और एई के नंबर जारी कर दिए।
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शहर को 5 क्षेत्रों में बांटा, 59 अफसरों के नंबर जारी
बिजली कंपनी ने शहर में बिजली व्यवस्था को सुचारू रुप से चलाने के लिए अपने कार्यक्षेत्र को 5 भागों में बांटा है। इसमें पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण और मध्य क्षेत्र शामिल है। इन सभी क्षेत्रों के एई और जेई के नंबर, नाम, उनके जोन के नाम सहित लिस्ट में दर्ज कर जारी किए गए हैं। कुल 59 अफसरों के नंबरों वाली सूची को विभाग की तरफ से जनता के लिए सोमवार रात को जारी किया गया।
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कैबिनेट मीटिंग के लिए दर्जनभर जनरेटर रखे
शहर में मंगलवार को राजबाड़ा में कैबिनेट मीटिंग हो रही है। इसमें कहीं बिजली नहीं चली जाए, इस डर से अधिकारियों ने यहां पर दर्जन भर से ज्यादा जनरेटर रखे हुए हैं। वहीं, हालही में हुई नीट-यूजी परीक्षा में भी 4 मई को बिजली गई थी, जिससे कई उम्मीदवारों के पेपर बिगड़ गए। यह केस भी हाईकोर्ट इंदौर में चल रहा है, जिसमें एमपीईबी एमडी को भी पक्षकार बनाया गया है। यााचिकाकर्ता ने कहा है कि 3 मई को मौसम विभाग से अलर्ट होने के बाद भी एमडी ने कुछ बैकअप नहीं किया।
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बिजली सुधार के लिए मिले 1600 करोड़ कहां गए
एमपीईबी इंदौर को बिजली इन्फ्रा सुधार के लिए केंद्र की दो विविध योजनाओं में 1600 करोड़ रुपए मिले हैं। पहले आईडीपीएस में 500 करोड़ रुपए मिले और अब आरआरडीएस मं 1100 करोड़ रुपए मिले हैं। इतनी बड़ी राशि आखिर कहां गई? असल में खुद कंपनी ने आईडीपीएस योजना में घोटाले को लेकर 35 से ज्यादा इंजीयिर को शोकाज नोटिस दिए और जांच हुई, लेकिन मामला दबा दिया गया। अब इसी तरह आरआरडीएस योजना में घटिया क्वालिटी के केबल, कंडक्टर व अन्य उपकरण लगाए जा रहे हैं। इसकी शिकायत हुई और उच्च स्तर पर ई–मेल भी किया गया है।
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लाइनमैन ही नहीं बचे, आउटसोर्स के भरोसे
इंदौर शहर में 30 के करीब बिजली जोन हैं। हर जोन में कम से कम 20 लाइनमैन की जरूरत होती है, लेकिन इस समय मुश्किल से दो-तीन लाइनमैन ही हर जोन में बचे हैं। ऐसे में लाइन फाल्ट होने के बाद इन्हें सुधारने वाला प्रशिक्षित स्टाफ ही कंपनी के पास नहीं है। संविदा आउटसोर्स पर लाइनमैन से काम चल रहा है, लेकिन इनकी संख्या भी कम है। वहीं दस साल से स्टाफ की भर्ती नहीं हुई है।
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