MP News: नीट-यूजी के रिजल्ट (Neet-UG) पर 15 मई को इंदौर हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई रोक पर अगले दिन 16 मई को ही संशोधित आदेश जारी हो गया था। इसमें इंदौर के 11 परीक्षा केंद्र छोड़कर बाकी जगह के रिजल्ट जारी करने की मंजूरी दी गई थी। साथ ही इसमें एनटीए से जवाब मांगा गया था जो दे दिया गया है।
एनटीए ने यह दिया जवाब
एनटीए की ओर से अधिवक्ता हिमांशु जोशी ने जवाब पेश किया। इसमें बताया गया कि चार मई को इंदौर में बारिश हुई थी और इसके चलते परीक्षा केंद्रों पर बिजली गुल हुई थी, यह सही है। थोड़ी अव्यवस्था हुई थी लेकिन इतना अंधेरा नहीं हुआ था कि किसी का पेपर बिगड़े। बिजली गुल होने से किसी का पेपर नहीं बिगड़ा और ना ही किसी भी केंद्र से सुपरवाइजर की ओर से इस तरह की रिपोर्ट दी गई। इसलिए सभी के रिजल्ट जारी करने की मंजूरी दी जाए। उधर पांच और याचिकाकर्ता इसमें इंटरविनर बन गए हैं। इसके चलते हाईकोर्ट ने सभी याचिकाओं पर अब 22 मई को एक साथ सुनवाई की बात कही है।
इधर याचिकाकर्ता ने लगाई मौसम विभाग की चेतावनी
इस मामले में याचिकाकर्ता द्वारा अधिवक्ता मृदुल भटनागर की ओर से तथ्य रखे गए। उन्होंने बताया कि तीन मई को परीक्षा से एक दिन पहले ही मौसम विभाग की चेतावनी जारी हुई थी जिसमें इंदौर जिले में भी बारिश, बिजली क़ड़कने इन सभी की चेतावनी थी, लेकिन इसके बाद बी पक्षकार मप्र पश्चिम बिजली कंपनी के एमडी द्वारा बैकअप व्यवस्था नहीं की गई। इसके चलते इन केंद्रों पर अंधेरा हुआ और एक से दो घंटे तक अभ्यर्थी परेशान हुए, इसमें अंधेरे में, मोमबत्ती की रोशनी में पर्चा देना पड़ा। उनके साथ गलत हुआ और उनका पेपर अंधेरे के चलते सही से नहीं हो सका।
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इसके पहले 16 मई को एजेंसी ने यह रखी थी बात
इंदौर हाईकोर्ट ने परीक्षा आय़ोजन दिन इंदौर में हुई तेज बारिश से बच्चों को हुई परेशानी और उनकी याचिका को देखते हुए रिजल्ट पर रोक लगा दी थी। इस पर एनटीए की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने 16 मई को हाईकोर्ट इंदौर में जवाब दिया था कि इससे अन्य केंद्रों और बच्चे परेशान होंगे, यह समस्या केवल इंदौर के 11 परीक्षा केंद्रों पर थी। ऐसे में अन्य के रिजल्ट जारी करने दिए जाएं।
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याचिकाकर्ता की यह है आपत्ति
हालांकि याचिकाकर्ता ने इस पर आपत्ति ली और कहा कि ऐसा होने पर इनका नुकसान होगा, क्योंकि यह फिर एनटीए की काउंसलिंग में शामिल नहीं हो सकेंगे और उनका हक मारा जाएगा। लेकिन सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि वह एजेंसी के तर्क से सहमत है और इसलिए प्रभावित परीक्षा केंद्र छोड़कर अन्य रिजल्ट जारी करने की मंजूरी दी जाती है।
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