इंदौर में बच्चे के साथ दो नाबालिगों ने किया कुकर्म, स्वाब टेस्ट के लिए 17 घंटे अस्पताल में दौड़ाते रहे डॉक्टर

इंदौर में दो नाबालिगों ने 13 साल के बच्चे के साथ कुकर्म किए था। इस मामले में सरकारी अस्पतालों के डाॅक्टरों की लापरवाही के चलते स्वाब टेस्ट के लिए 17 घंटे की देरी हो गई।

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Sanjay Gupta
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इंदौर में सरकारी डॉक्टर और प्रबंधन की भारी लापरवाही सामने आई है। यहां एक 13 साल के बच्चे के साथ दो नाबालिगों ने कुकर्म किए था। इस मामले में मात्र स्वाब टेस्ट के लिए पीड़ित को इधर से उधर भटकाया गया। मामला सामने आने पर सीएमएचओ ने शनिवार को अस्पताल में जाकर डॉक्टर को फटकार लगाई, लेकिन फिलहाल किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

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इस तरह भटकाया गया बच्चे को

मामला अन्नपूर्णा थाना क्षेत्र का है। पीड़ित के साथ दो नाबालिगों ने कुकर्म किया। पीड़ित ने घर जाकर पूरी बात बताई, इसके बाद माता-पिता उसे थाने ले गए। वहां गुरुवार को पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज करने के बाद पीड़ित के मेडिकल टेस्ट के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। लेकिन वहां के ड्यूटी डॉक्टर ने उन्हें एमवाय अस्पताल रेफर कर दिया।

रात को सभी एमवाय पहुंचे तो वहां सीएमएचओ ने ड्यूटी डॉक्टर के पास भेज दिया, लेकिन वह घंटों तक ड्यूटी डॉक्टर आए ही नहीं। बाद में ड्यूटी डॉक्टर आए तो उन्होंने रात अधिक होने का बहाना बनाते हुए सुबह आने को कहा। शुक्रवार को करीब साढ़े ग्यारह बजे टेस्ट लिया गया, जो मेडिकली अब किसी काम का नहीं था।

स्वाब टेस्ट के लिए पीड़िता को घंटो अस्पताल में दौड़ाते रहे डॉक्टर...

  • इंदौर में 13 साल के कुकर्म पीड़ित को स्वाब टेस्ट के लिए सरकारी अस्पताल और प्रबंधन की लापरवाही के कारण भटकना पड़ा।

  • अन्नपूर्णा थाना क्षेत्र में दो नाबालिगों द्वारा कुकर्म के बाद गुरुवार को मामला दर्ज किया गया, जिसके बाद पीड़ित को मेडिकल टेस्ट के लिए जिला अस्पताल भेजा गया।

  • एमवाय अस्पताल में ड्यूटी डॉक्टर घंटों तक अनुपस्थित रहे और बाद में रात अधिक होने का बहाना बनाकर सुबह आने को कहा।

  • शुक्रवार सुबह करीब 11:30 बजे स्वाब टेस्ट लिया गया, लेकिन तब तक वह चिकित्सकीय रूप से अप्रभावी हो चुका था।

  • सीएमएचओ ने अस्पताल में जाकर डॉक्टर को फटकार लगाई है और एमवाय अधीक्षक ने ड्यूटी डॉक्टर से जवाब मांगा है।

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यही टेस्ट कोरोना में कहीं भी हो जाता था

जानकारों के अनुसार अप्राकृतिक कृत्य के समय यह टेस्ट होता है। इसमें एक स्टिक में कॉटन लगाकर लार टेस्ट के लिए लिया जाता है। यह कोरोना के समय तो कहीं भी हो जाता था, लेकिन इतनी बड़ी घटना के समय किसी ने यह टेस्ट नहीं लिया। एमवाय अधीक्षक अशोक यादव ने कहा कि स्वाब टेस्ट सामान्य बात है, इसे तत्काल लिया जाना चाहिए था, इसमें ड्यूटी डॉक्टर से जवाब मांगा है। वहीं सिविल सर्जन डॉ. जीएल सोढ़ी ने कहा कि आगे ऐसा न हो, इसके लिए सर्कुलर जारी कर निर्देश दे रहे हैं।

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