इंदौर में श्री गुरुसिंघ सभा चुनाव की तारीख एक बार फिर बदलने वाली है। हाईकोर्ट के आदेश पर 3 नवंबर को यह चुनाव होना तय हुआ था, लेकिन अब इस तारीख को बदलने का पत्र एक बार फिर जिला कलेक्टर के पास गया है। संभवत: शुक्रवार शाम तक ही नई तारीख घोषित हो जाएगी।
क्यों बदलने वाली है तारीख
हाईकोर्ट में चुनाव को लेकर लगी याचिका के दौरान माननीय बेंच ने फर्म्स एंड सोसायटी व शासन से ही पूछा था कि किस तारीख पर चुनाव करा सकते हैं। इस पर 3 नवंबर बोला गया था। फिर मतदाता सूची को लेकर छुट्टियों में लगी याचिका में भी 3 नवंबर को ही चुनाव कहा गया, लेकिन अब चुनाव कराने के लिए मुख्य चुनाव अधिकारी हरप्रीत सिंह बक्शी ( सूदन ) और फर्म्स एंड सोसायटी के अधिकारियों को अधिकारी व स्टाफ ही नहीं मिल रहा है। इसके चलते तीन नवंबर को चुनाव कराना मुश्किल हो रहा है। इस मामले में अब सूदन ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखा है। ताकि स्टाफ उपलब्ध हो सके।
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क्या हो सकती है नई तारीख
नई तारीख 5-6 नवंबर रखने की मांग की गई है, जिससे अधिकारी छुट्टियों से लौट आएंगे तो चुनाव कराना आसान होगा। हर मतदान केंद्र पर 25-30 का स्टाफ लगेगा, कुल चार मतदान केंद्र है। ऐसे में करीब सौ अनुभवी लोगों की जरूरत है। हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना होने के मुद्दे पर कहा जा रहा है कि यह दोनों पैनल व सभी की सहमति से ही तय होगा तो इसमें अवमानना वाली बात नहीं होगी। इससे चुनाव आसानी से होंगे और दो-तीन दिन से फर्क नहीं पड़ेगा।
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वोटिंग और काउंटिंग कब
नई तारीख वोटिंग की पांच या छह नवंबर संभावित है और ऐसा होने पर अगले दिन काउंटिंग का रखा जाएगा यानी 7 नवंबर तक काउंटिंग कर रिजल्ट घोषित किया जा सकता है। हालांकि तारीख भले ही बदल रही है लेकिन चुनाव टलने वाली बात अब नहीं है और चुनाव होना तय है।
दोनों ही बता रहे संगत की जीत
हाईकोर्ट ने चुनाव पर लगी फिर याचिका को हाईकोर्ट का कीमती समय बर्बाद करने वाला बताया है। इसे खालसा-फतेह पैनल के हरपाल उर्फ मोनू भाटिया अपनी और संगत की जीत बता रहे हैं तो वहीं खंडा पैनल के रिंकू भाटिया भी इसे अपनी और संगत की जीत बता रहे हैं। रिंकू भाटिया का कहना है कि हमने मतदाता सूची को लेकर मांग की थी वह मान ली गई है और इसी तरह आब्जर्वर नियुक्ति की मांग थी वह भी मान ली गई है, यह संगत की जीत है। वहीं मोनू का भी कहना है कि चुनाव को लेकर अड़चन लगाने वाली सभी कोशिश हाईकोर्ट से खारिज हो गई है और इसे समय की बर्बादी बताया गया है, यह संगत की जीत है।
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