इंदौर में जीतू ने कुलकर्णी भट्टे में कहा था मैं अभी जिंदा हूं, वहीं मस्जिद में हुआ सुंदरकांड
कुलकर्णी भट्टा की एक दरगाह गुरूवार को चर्चा का केंद्र बन गई। जहां पहले कव्वाली की महफिलें सजा करती थीं, अब वहां सुंदरकांड का पाठ हो रहा था। लेकिन इस बदलाव के पीछे जो कहानी है, वह दिल को छू लेने वाली है।
इंदौर में कुलकर्णी भट्टे में पिछले दिनों बीजेपी से निकाले गए पार्षद जीतू जाटव ने दौरा करते हुए एक समुदाय विशेष के व्यक्ति को धमकाते हुए कहा था कि अभी मैं चिंदा हूं। साथ ही वहां निर्मित दरगाह को लेकर भी आपत्ति उठाते हुए कहा था कि जरा सा ओटला हुआ करता था। अब यह पूरी दरगाह बन गई है। खुद तो हिंदू से मुस्लिम बन गए अब क्या पूरे मोहल्ले को मुसलमान बनाओगे। उन्होंने सख्त चेतावनी भी दी थी कि यहां पर कोई कव्वाली और भंडारे नहीं होने चाहिए। घटना के 10 दिन बाद ही गुरूवार को उसी दरगाह में ना केवल सुंदरकांड का पाठ हुआ, बल्कि उसी प्रांगण में भंडारा भी जिमाया गया। इसके अलावा एक मुस्लिम व्यक्ति शहाबुद्दीन से धर्म परिवर्तन कर श्यामू भी बन गया। बताते हैं कि यही शहाबुद्दीन कुछ वर्ष पहले तक श्यामू था और धर्म परिवर्तन करके शहाबुद्दीन बन गया था। इस धर्म परिवर्तन के पीछे श्यामू का कहना है कि पहलगाम की घटना ने उसे अंदर तक झंकझोर दिया है। इसको देखते हुए वह यह कदम उठा रहा है।
दरगाह में गूंजा सुंदरकांड
कुलकर्णी भट्टा की एक दरगाह गुरूवार को चर्चा का केंद्र बन गई। जहां पहले कव्वाली की महफिलें सजा करती थीं, अब वहां सुंदरकांड का पाठ हो रहा था। लेकिन इस बदलाव के पीछे जो कहानी है, वह दिल को छू लेने वाली है। दरअसल, इसी दरगाह में कभी शहाबुद्दीन नाम का एक व्यक्ति कव्वाली का आयोजन करवाता था। लेकिन अब वही व्यक्ति, जिसने पहले हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम अपनाया था, एक बार फिर हिंदू धर्म में लौट आया है। अब वह शहाबुद्दीन नहीं, बल्कि श्यामू के नाम से पहचाने जा रहे हैं और अब वहीं श्यामू इसी दरगाह में सुंदरकांड का आयोजन करवा रहे हैं।
सुंदरकांड आयोजन में पहुंचे रहवासियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने श्यामू को अंदर तक झकझोर दिया। खबर आई कि आतंकियों ने धर्म पूछकर लोगों को गोली मारी। यह सुनकर श्यामू ने न सिर्फ कव्वालियां बंद करवाईं, बल्कि खुद को फिर से हिंदू धर्म में स्थापित करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि अब इस दरगाह में सिर्फ रामायण, सुंदरकांड और हनुमान चालीसा की गूंज होगी।अब इसी दरगाह में भजन-कीर्तन, सुंदरकांड का पाठ और प्रसाद वितरण हो रहा है। विशेष आयोजन के तहत जम्मू-कश्मीर हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर देश के वीरों को नमन किया। माहौल पूरी तरह से भक्ति और देशभक्ति से सराबोर नजर आया।
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धर्म के नाम पर बंटवारा नहीं हो
इस आयोजन में मुस्लिम समाज के लोग भी शामिल हुए और सुंदरकांड पाठ करने वाले लोगों को फूलों और केसरिया अंगवस्त्र से सम्मानित किया। यह दृश्य सभी के लिए प्रेरणादायक था, जहां धर्म के नाम पर बंटवारा नहीं, बल्कि मेल-मिलाप का संदेश दिया गया। इंदौर की धरती पर भाईचारे का जो अनोखा नजारा सामने आया, उसने साबित कर दिया कि जब दिलों में भक्ति और देशभक्ति हो, तो धर्म की दीवारें मायने नहीं रखतीं। हिंदू-मुस्लिम एकता की यह मिसाल इंदौर के लिए गर्व का विषय बन चुकी है।
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क्षेत्र के रहवासी दरगाह देखने पहुंचे
क्षेत्र के रहवासियों ने बताया कि जहां मस्जिद में कभी कव्वाली गूंजती थी, वहां अब रामभक्ति का माहौल है। दरअसल, यह बदलाव क्षेत्र के पार्षद जीतू यादव ने किया। पार्षद जीतू यादव ने छोटी सी बदलती हुई दरगाह को एक बड़े स्वरूप में देखा और इसके बाद उसका विरोध किया। विरोध के बाद जब शहाबुद्दीन को समझाईश दी, उनको बताया गया कि किस तरह से आतंकियों ने नाम पूछकर गोली मारी थी। इसके बाद शहाबुद्दीन ने फैसला लिया कि वह अब से श्यामू कहलाएगा। पार्षद की इस पहल से कहीं ना कहीं एक अलग माहौल सुंदरकांड में देखने को मिला।
इंदौर में पार्षद कमलेश कालरा के घर गुंडे भेजकर दबंगाई दिखाने वाले बीजेपी से निकाले गए पार्षद जीतू यादव का 10 दिन पूर्व एक और दबंगाई वाला वीडियो सामने आया था। इसमें वे अपने क्षेत्र कुलकर्णी का भट्टा में निरीक्षण के दौरान एक व्यक्ति से कहते नजर आ रहे थे कि अभी मैं जिंदा हूं और यहीं हूं। यह दुकानदारी बंद करो, तुम्हें कई बार हिंदी में समझा चुका हूं। इसमें वे कुलकर्णी नगर में बनी एक दरगाह के अतिक्रमण को लेकर उग्र होते दिख रहे थे। जीतू यादव ने नगर निगम कर्मचारियों और एक स्थानीय व्यक्ति को फटकारते हुए कहा था अभी मैं जिंदा हूं। कहीं गया नहीं हूं। अभी यहीं हूं।
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आपको क्या लगा मैं चला गया
पार्षद जीतू यादव कुलकर्णी नगर में निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। यहां उन्होंने दरगाह के पास अतिक्रमण होते देखा। इस दौरान वे श्यामू नाम के व्यक्ति से कहते हुए दिख रहे हैं। जीतू ने कहा कि यह बंद करो, तुम्हारी दुकानदारी। मैं कई बार हिंदी में समझा चुका हूं। आप पिता जी की उम्र के हो, इसलिए कुछ बोलता नहीं हूं। आपको क्या लगा, मैं चला गया? अभी मैं जिंदा हूं और यहीं हूं।
जीतू ने यह भी कहा- जरा सी दरगाह थी, अब इतना बड़ा चबूतरा बना दिया। यह पूरी जगह ही ले लो ना। इसे खजराना और आजाद नगर बना दोगे क्या? शर्म आनी चाहिए तुम्हें, हिंदू होकर मुसलमान बन गए। क्या पूरे मोहल्ले को मुसलमान बनाओगे? यह जमीन तुम्हारी नहीं है यह बात भी ध्यान रखना। यहां पर कोई तुम्हारे भंडारे और कव्वाली नहीं होनी चाहिए।
वीडियो में जीतू यादव निगम कर्मचारियों पर भी नाराजगी जताते नजर आए थे। वे कहते हैं- तुम यहां किससे पूछकर आ गए हो? जेसीबी किससे पूछकर लाए? मेरे बिना पूछे कैसे आए? मैं तुम्हारी शिकायत महापौर और कमिश्नर से करूंगा। धर्म परिवर्तन करने वाले श्यामू से पैसे लेकर काम करते हो। वहां दूसरे लोग तुम्हारे जेसीबी और डंपर बुलाते हैं तो चार-चार दिन लग जाते हैं, और यहां बिना पूछे चले आए?"
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कमलेश कालरा कांड में पार्टी ने निकाला था
गौरतलब है कि 3 जनवरी को 40-50 लोगों ने भाजपा पार्षद कमलेश कालरा के घर में घुसकर हमला किया था। कालरा के नाबालिग बेटे ने कोर्ट में दिए बयान में आरोप लगाया था कि हमलावरों ने उसके साथ अप्राकृतिक कृत्य करने की कोशिश की। मारपीट कर निर्वस्त्र कर वीडियो बनाया गया और गंभीर आपत्तिजनक हरकतें की गईं। हमलावरों को जीतू यादव का समर्थक बताया गया था।
संगठन को लेकर कहे थे अपशब्द
विवाद के बीच जीतू और कालरा की बातचीत का एक ऑडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें जीतू यादव ने कहा था, "संगठन जाए चूल्हे में, मैं अपनी जगह और संगठन अपनी जगह।" इसके बाद कालरा ने घटना की शिकायत पीएमओ और भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा से की थी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। इसके आठ दिन बाद भाजपा ने एमआईसी सदस्य जीतू यादव को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने इस पूरे मामले को "अशोभनीय" बताते हुए यह कार्रवाई की थी।