ट्रेनिंग के बाद भी नहीं सुधरे पंढरीनाथ टीआई, किन्नर विवाद में थाने ही नहीं गए, लाइन अटैच हुए
नंदलालपुरा के किन्नर सपना गुरु अच्छा की किन्नर सोनामबाई अपने साथियों के साथ गुरुवार को पंढरीनाथ थाने पहुंची थी। सोनम ने यहां आरोप लगाते हुए कहा था कि किन्नर सीमा और पायल उन्हें परेशान कर रही हैं।
इंदौर में किन्नरों के दो गुटों में चल रहे विवाद ने गुरुवार को तूल पकड़ लिया। एक गुट ने धर्म परिवर्तन का आरोप लगाकर थाने में हंगामा किया। यहां पर पंढरीनाथ थाने के टीआई कपिल शर्मा समय पर नहीं पहुंचे, तो डीएसपी ने उन्हें थाने से हटा दिया। इस मामले में पुलिस द्वारा धमकाने और धर्म परिवर्तन के आरोपी की जांच की जा रही है। गौरतलब है कि इसके पूर्व में भी कपिल शर्मा और पूरे पंढरीनाथ स्टाफ को ट्रेनिंग के लिए भेज दिया गया था।
विरोधी गुट संक्रमित इंजेक्शन लगा देते हैं
नंदलालपुरा के किन्नर सपना गुरु अच्छा की किन्नर सोनामबाई अपने साथियों के साथ गुरुवार को पंढरीनाथ थाने पहुंची थी। सोनम ने यहां आरोप लगाते हुए कहा था कि किन्नर सीमा और पायल उन्हें परेशान कर रही हैं। सपना गुरु के चेलों पर मुस्लिम बनाने का दबाव बनाया जा रहा है। पायल और सीमा विरोधी गुट के किन्नर को संक्रमित इंजेक्शन लगा देती हैं। सोनम के मुताबिक उसके गुट के सभी किन्नर इंदौर के ही है और सनातनी हैं। वहीं पायल मालेगांव की है। वह प्रताड़ित करती है, जिसके कारण वहां पर रहने वाले किन्नरों ने अपने घरों पर पलायन के पोस्टर लगा दिए हैं।
थाने में किन्नरों द्वारा नारेबाजी करने की सूचना मिलने पर जोन 4 के डीसीपी ऋषिकेश मीणा ने टीआई कपिल शर्मा को लाइन अटैच कर दिया है। बताते हैं कि ड्यूटी ऑफिसर ने किन्नरों की सुनवाई नहीं की थी। टीआई तो मौके पर ही नहीं पहुंचे थे। इस दौरान एसीपी हेमंत चौहान को थाने पहुंचना पड़ा था। टीआई कपिल शर्मा ने एसीपी चौहान का फोन भी नहीं उठाया। कुछ देर बाद रावजी बाजार टीआई उमेश यादव को बल लेकर पंढरीनाथ थाने बुलवाया गया। इससे नाराज डीसीपी ने टीआई को थाने से हटकर लाइन अटैच कर दिया है।
किन्नरों ने प्रदर्शन के दौरान बताया कि दूसरा पक्ष मुस्लिम किन्नरों का है। वह पता नहीं कहां से आ गया है और उन्हें परेशान कर रहा है। दूसरे पक्ष के कारण वे इतने ज्यादा परेशान हो गए हैं कि अपने घरों को छोड़कर यहां से पलायन करने के लिए मजबूर हैं। इसी बात को सबके सामने रखने के लिए उन्होंने अपने घरों के बाहर पोस्टर भी चिपकाए हुए हैं।
पंढरीनाथ थाने के टीआई कपिल शर्मा सहित 15 पुलिस जवानों को भी सीपी संतोष सिंह ने सजा के तौर पर तीन दिन की ट्रेनिंग के लिए भेजा था। वे बीएनएस की धाराएं ही नहीं बता पाए थे और थाने में कई अनियमितताएं मिली थीं। इसके बाद उनकी तीन दिन तक ट्रेनिंग चली थी और परीक्षा के बाद वे सभी पास हो गए हैं। सभी को कम से कम 50 प्रतिशत अंक लाने थे, लेकिन अच्छी बात यह रही कि सभी को 60 से 80 प्रतिशत अंक मिले हैं। अब उन्हें वापस पंढरीनाथ थाने जाने के आदेश दे दिए हैं। तीन दिन तक ट्रेनिंग डीसीपी जोन 4 के ऑफिस में चल रही थी। उन सभी की लिखित परीक्षा के लिए पेपर एसीपी हेमंत चौहान ने तैयार किया था। अब किसी तरह की लापरवाही होने पर किसी तरह की ट्रेंनिग या ऑफिस में अटैच नहीं किया जाएगा। बल्कि उन्हें सजा दी जाएगी।