इंदौर के पंचकुईया रोड स्थित श्री युगपुरूष धाम आश्रम में दो दिन में तीन बच्चों की मौत होने की खबर आई ही थी कि मंगलवार शाम होते-होते संख्या पांच हो गई। शुभ, शुभम उर्फ करण, आकाश के बाद पहले छोटा गोविंद और इसके बाद रानी हिमानी की भी मौत हो गई। वहीं अभी भी कई बच्चों का उपचार चाचा नेहरू अस्पताल में चल रहा है। अभी तक इनकी मौत का कारण सामने नहीं आया है। मोटे तौर पर कुछ बच्चों को फिट की समस्या, बाकी में डायरिया और डिहाइड्रेशन की बात कही जा रही है। उपचार के लिए 29 बच्चों के भर्ती होने की खबर है। 5 बच्चों की मौत...
कांग्रेस नेता का चौंकाने वाला आरोप
उधर कांग्रेस नेता व प्रदेश कांग्रेस महासचिव इस मामले में ड्रग ट्रायल के जिन्न को बाहर ला दिया है। उन्होंने संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि यह बच्चों की मौत ड्रग ट्रायल के कारण हुई है। यादव ने कहा कि ट्रस्ट वालों की ही परमानंद अस्पताल है, जिसमें ड्रग ट्रायल चल रहा था। इन ड्रग ट्रायल की जांच के लिए जरूरी है कि प्रशासन जांच करे और सीसीटीवी देखे कि तीन माह से कौन यहां आ रहा था और क्या दवाएं दी जा रही थी।
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30 जून को पहली मौत के बाद क्यों नहीं जागे अधिकारी
यह पूरी घटना अधिकारियों की लापरवाही और नकारापन का उदाहरण है। इसके बाद जांच के दौरान अधिकारियों का ठहाके लगाना जले पर नमक छिड़कने जैसा है। पहली मौत 30 जून को हुई थी, इसके बाद एक जून को दूसरी मौत हुई और फिर देर रात तीसरी मौत हुई थी। वहीं दो जुलाई को फिर दो और मौत हुई। सबसे बड़ी बात है कि 30 जून को पहली मौत के बाद भी जिम्मेदार नहीं जागे, इस लापरवाही ने पहले दो बच्चों की जान ली और फिर अगले दिन दो और बच्चों की मौत हुई। इसके बाद अधिकारियों की कुंभकर्णी नींद टूटी और दो जुलाई को सभी के सभी अस्पताल और आश्रम में जांच के लिए पहुंचे। वहीं अपर कलेक्टर राजेंद्र रघुवंशी ने तो जांच के पहले ही प्रबंधन को क्लीन चिट दे दी और उधर एसडीएम ओमनारायण सिंह बडकुल और महिला और बाल विकास अधिकारी रामनिवास बुधौलिया इस जांच के दौरान आश्रम की प्राचार्य डॉ. अनिता शर्मा के साथ हंसी-ठहाके लगाते हुए नजर आए। इसके बाद कलेक्टर ने बड़कुल को एसडीएम पद से हटा दिया।
अपर कलेक्टर ने जांच के पहले क्लीन चिट दे दी
उधर अपर कलेक्टर राजेंद्र रघुवंशी ने तो जांच के पहले ही प्रबंधन को क्लीन चिट दे दी। उन्होंने कहा कि- जांच जारी है, क्या खामियां है, जांच जब तक पूरी नहीं हो जाती तब तक नहीं कह सकते हैं, तीन बच्चों की मौत हुई है, एक की मौत 30 जून को हुई और कल उल्टी-दस्त की शिकायत आई। प्रंबधन तो पूरा ध्यान दे रहा है। ऐसा देखने में नहीं आया कि उनके द्वारा लापरवाही की गई हो, उन्होंने सभी को सूचना दी, इसके बाद प्रशासन, हैल्थ सभी ने अपनी कार्रवाई की। वहीं एसीपी विवेक चौहान ने कहा कि जांच हो रही है। 30 जून को शुभ की मौत हुई थी, करण की मौत 1 को हुई और तीसरे बच्चे आकाश की मौत रात को हुई है।
प्राचार्य बोली- अभी जांच चल रही है
प्राचार्य शर्मा ने कहा कि अभी जांच चल रही है, सभी अधिकारी आए हैं। अभी तक हमारे एनजीओ की लापरवाही नहीं निकली है। दो बच्चे फिट के कारण गए हैं। सभी बच्चों की जांच हो रही है। हमारे एनजीओ की कोई गलती नहीं। हम 21 साल से काम कर रहे हैं। तीसरे बच्चे की मौत का कारण नहीं पता। वहीं बच्चों के बीमार होने और मौत की वजह ब्लड इंफेक्शन और डिहाइड्रेशन भी बताई जा रही है।
मानसिक रूप से कमजोर बच्चों का आश्रम है
इंदौर के पंचकुईया रोड स्थित श्री युगपुरुष धाम आश्रम में मानसिक दिव्यांग बच्चों को रखा जाता है। यहां अलग-अलग जिलों से बच्चों को चाइल्ड लाइन या अन्य माध्यम से सौंपा जाता है। यहां फिलहाल 217 मानसिक दिव्यांग बच्चे (101 बच्चे और 116 बच्चियां) हैं। सरकारी रिकॉर्ड में सभी बच्चों के साथ मां का नाम यहां की आचार्य डॉ. अनीता शर्मा लिखा हुआ है। जो बच्चे 10-15 साल पहले आए थे, इन्हीं में से 18 बेटियां एक-एक बच्चे की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।
2006 में 78 बच्चों से हुई थी आश्रम की शुरुआत
आश्रम 2006 में 78 दिव्यांग बच्चों से शुरू हुआ था। युगपुरुष स्वामी परमानंदगिरि महाराज के सान्निध्य में यह संचालित हो रहा है। तब सभी की मां का नाम प्राचार्य अनिता के नाम पर और पिता की जगह आश्रम के सचिव तुलसी शादीजा का नाम लिखा गया। सभी के सरनेम स्वामीजी के नाम पर परमानंद रखे गए।