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The sootr
MP News : इंदौर के कृषि महाविद्यालय के गेट पर बुधवार, 26 मार्च को दिनभर छात्रों का धरना प्रदर्शन चला। छात्रों ने आरोप लगाए कि कॉलेज अधिष्ठाता (डीन) छात्राओं से बदतमीजी करते हैं, बल्कि यहां महिला प्रोफेसर भी सुरक्षित नहीं हैं। छात्रों का कहना है कि जब से प्रोफेसर भरत सिंह डीन बने हैं, तब से कॉलेज का माहौल खराब हो गया है। जब यह डीन नहीं थे, उस समय भी एक महिला प्रोफेसर ने उनके साथ बदतमीजी का आरोप लगाया था। उस बात को लेकर हमने वीसी से शिकायत की थी, तब से लेकर यह हमसे रंजिश पाले हुए हैं।
डीन देते हैं हमें धमकी
छात्रों ने आरोप लगाते हुए कहा कि डीन हमें डराते-धमकाते हैं। जब हम हॉस्टल की समस्या को लेकर उनके पास जाते हैं, तो यह हमसे बदतमीजी करते हैं। छात्रों ने बताया कि डीन हमसे कहते हैं - "मेरी पहुंच ऊपर तक है, डीन तो मैं केवल टाइम पास के लिए बना हूं। अभी कुछ साल बाद सीधे राजनीति में आऊंगा। तुम जैसे कई लोगों को मैं मसल चुका हूं, मुझसे टकराओगे तो तुमको भी मसल दूंगा।" जब से यह डीन बने हैं, बाहरी लोगों का कॉलेज में आना-जाना होता है। बाहरी लोग शाम में ग्राउंड में आकर नशा करते हैं, जब हम उनको रोकने का प्रयास करते हैं तो वे हमें डीन के नाम की धमकियां देते हैं। जब से ये डीन बने हैं, तब से महिला प्रोफेसर भी कॉलेज में सुरक्षित नहीं हैं। महिला प्रोफेसर ने उनके खिलाफ शिकायत भी की है, किंतु उनके चलते अभी तक कुछ नहीं हो पाया।
डीन पर लग चुके हैं यौन शोषण के आरोप
फोर्थ ईयर की एक छात्रा ने द सूत्र को बताया कि डीन सर का व्यवहार सही नहीं है। हमें कॉलेज में असुरक्षा महसूस होती है। डीन सर को कुछ बोलो तो दुर्व्यवहार से बात करते हैं। साल 2022 में इन्हीं भारत सिंह के ऊपर ड्राईलैंड की एक लड़की ने यौन शोषण की शिकायत की थी। इसके बाद तत्कालीन वीसी राव साहब ने इनका ट्रांसफर करके मुरैना कृषि विज्ञान केंद्र में भेज दिया था। साल 2024 में यह अपनी राजनीतिक पकड़ के सहारे चार सीनियर को पीछे करके डीन बन गए।
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लिखित शिकायत भी की
मई 2024 में डेयरी प्रक्षेत्र फॉर्म, कृषि महाविद्यालय इंदौर में काम करने वाली असिस्टेंट प्रोफेसर ने इनके खिलाफ दुर्व्यवहार की लिखित शिकायत की थी। इन सभी मामलों पर इनके ऊपर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यह कुलपति के करीबी माने जाते हैं।
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डीन को मिल रहा कुलपति का संरक्षण
आरोप है कि इनको कुलपति का संरक्षण प्राप्त है। इसी कारण यह बच्चों के साथ हमें भी परेशान करते हैं और कई सीनियर प्रोफेसरों का इंदौर कृषि महाविद्यालय से अन्य महाविद्यालय में ट्रांसफर करवा चुके हैं।
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आंदोलित छात्रों की ये मांगें
- इस पूरे मामले पर कुलपति संज्ञान लें व डीन को हटाएं।
- जिन छात्रों पर इन्होंने द्वेषतापूर्ण कार्रवाई की है, उस पर अलग-अलग कॉलेजों के डीन की कमेटी बनाकर पुनः निष्पक्ष जांच कराई जाए।
- इनके ऊपर महिला प्रोफेसर और छात्राओं ने जो आरोप लगाए हैं, उनकी जांच के लिए विश्वविद्यालय की सीनियर महिला प्रोफेसरों की एक जांच दल बनाकर जांच कराई जाए और जब तक जांच चले, तब तक के लिए इन्हें पदमुक्त किया जाए।
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कॉलेज डीन भरत सिंह का यह कहना है:
रैगिंग के मामले को दबाने के लिए स्टूडेंट्स कर रहे हैं विवाद
कृषि महाविद्यालय के डीन भरत सिंह ने कहा, "दिल्ली एंटी-रैगिंग यूजीसी सेल से शिकायत के आधार पर 13 स्टूडेंट्स पर कार्रवाई चल रही है। इसके अलावा एक छात्र नकल करते हुए पकड़ा गया था और एक छात्र ने हमारे कॉलेज स्टाफ के साथ गाली-गलौज की। ऐसे में इन सभी पर हमारे कॉलेज की अनुशासन समिति द्वारा कार्रवाई चल रही है। एक को हमने सस्पेंड कर दिया और एक का ट्रांसफर कर दिया। 13 में से 6 स्टूडेंट्स और अन्य सभी अपनी गलतियों को दबाने के लिए इस तरह के प्रदर्शन कर रहे हैं। कॉलेज में पहले से भी ये सभी काफी गाली-गलौज करते रहते हैं। ऐसे में रैगिंग और अन्य मुद्दों को दबाने के लिए ये नए-नए मुद्दे बना रहे हैं। मैंने इसलिए इस पर पुलिस थाने में शिकायत कर दी है। मैं भी एक पिता हूं और पिता तुल्य हूं, ऐसे में ये सभी छात्र-छात्राएं मेरे बच्चे तुल्य हैं। मेरा डायरेक्ट किसी से कोई लेना-देना नहीं है। ऐसे मामलों को अन्य विभाग डील करते हैं। इसके लिए प्रभारी और अन्य विभाग तय किए गए हैं।"
(छात्रों ने डीन को कुलपति के संरक्षण की बात कही है, लेकिन इस बारे में जब कुलपति अरविंद शुक्ला से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने न तो फोन उठाया और न ही मैसेज का जवाब दिया।)