भोपाल (Bhopal) और इसके 80 किलोमीटर के दायरे में एक विशाल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (Industrial Corridor) विकसित किया जा रहा है। इस क्षेत्र में कुल 30 इंडस्ट्रियल एरिया (Industrial Areas) बनाए गए हैं। इनमें से 11 बड़े पैमाने पर काम कर रहे हैं, जबकि 2 में यूनिटों को जमीन आवंटित कर दी गई है, पर निर्माण प्रक्रिया अभी बाकी है। 5 एरिया में यूनिट्स के लिए विकास कार्य जारी हैं।
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हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार
नए और पुराने प्रोजेक्ट्स के विस्तार में शामिल जमीन पर ध्यान दें, तो लगभग 605 एकड़ (Acres) भूमि पर करीब 800 नई छोटी-बड़ी इंडस्ट्री (Industries) अगले 2 से 4 साल में स्थापित होने की संभावना है। इससे 52 हजार लोगों को रोजगार (Employment) मिलेगा और 2 लाख लोग लाभान्वित होंगे। इनमें परंपरागत इंडस्ट्री के साथ-साथ इंजीनियरिंग (Engineering), प्लास्टिक (Plastic), फर्नीचर (Furniture), ऑक्सीजन (Oxygen), फूड (Food), टेक्सटाइल (Textile) समेत अन्य क्लस्टर (Clusters) भी बनाए जा रहे हैं।
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक राजेंद्र कोठारी (Rajendra Kothari) का कहना है कि भोपाल में बड़ी संख्या में इंडस्ट्री का विकास एक सकारात्मक संकेत है। वहीं यह आवश्यक है कि इस परियोजना को तेजी से पूरा किया जाए। इसके साथ ही इंडस्ट्री को हर संभव मदद प्रदान की जाए। सरकार और अधिकारियों को इस मुद्दे पर विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा करना चाहिए।
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भोपाल और आसपास के इंडस्ट्रियल एरिया
- मंडीदीप (Mandideep): 1102.87 हेक्टेयर (Hectares) भूमि में से 824.753 हेक्टेयर आवंटित की गई है। यहां से 60 हजार लोगों को रोजगार मिल रहा है।
- गोविंदपुरा (Govindpura): यहां 1100 छोटी-बड़ी इंडस्ट्री हैं और 78 नई यूनिट्स (Units) स्थापित की जाएंगी। इससे करीब 5500 लोगों को रोजगार मिलेगा।
- बगरोदा (Bagroda): 128 हेक्टेयर भूमि में से 80 हेक्टेयर पर यूनिट्स स्थापित की जाएंगी। यहां कमर्शियल व्हीकल लिमिटेड (Commercial Vehicle Limited) द्वारा दिसंबर 2020 से उत्पादन शुरू कर दिया गया है। इसमें 450 करोड़ रुपए का निवेश और 700 रोजगार सृजित हुए हैं।
- अचारपुरा (Acharpura): 26 एकड़ (Acres) भूमि यूनिट के लिए आरक्षित है। 150 करोड़ रुपए की लागत से रेडीमेट गारमेंट इकाई (Readymade Garment Unit) स्थापित की जा रही है। इससे 4 हजार महिलाओं को रोजगार मिलेगा।
- बाबई का मोहासा (Babai Ka Mohasa): यहां 6 हेक्टेयर भूमि फूड पार्क (Food Park) के लिए आवंटित की गई है।
- जमुनिया खेजड़ा (Jamuniya Khejda): 103 हेक्टेयर भूमि पर न्यू इंडस्ट्रियल एस्टेट (New Industrial Estate) का निर्माण हो रहा है। इसमें 2000 करोड़ रुपए का निवेश और 10 हजार लोगों को रोजगार देने की योजना है।
यहां जमीन कोर्ट-कचहरी के चलते उलझी
- बैरागढ़ कलां (Bairagarh Kala): 29.132 हेक्टेयर भूमि प्राप्त हुई है और पूरी भूमि खाली है।
- पीपलनेर (Peepalner): 4.856 हेक्टेयर भूमि खाली पड़ी है।
- कोलुआकलां (Koluakalan): 47.620 हेक्टेयर भूमि आवंटित हुई, लेकिन न्यायालयीन प्रक्रिया में उलझ गई है।
- नरेला शंकरी (Narela Shankari): 9.530 हेक्टेयर भूमि आवंटित हुई, लेकिन न्यायालयीन प्रक्रिया में उलझ गई है।
- करारिया (Kariyari), बैरसिया (Berasia): 7.023 हेक्टेयर भूमि मिली है और इस पर विकास कार्य किए जा रहे हैं।
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दो जगहों पर आवंटित हो गई पूरी जमीन
- कल्याणपुर इंडस्ट्रियल एरिया (Kalyanpur Industrial Area): 7 हेक्टेयर भूमि मेसर्स वियांड टस्ट (Messrs Viyand Trust) को आवंटित की गई है, जो यूनिट का निर्माण कर रही है।
- बैरसिया रोड बीनापुर (Berasia Road Beenapur): 17.59 हेक्टेयर भूमि मेसर्स बिस्पोक आर्ट स्टूडियो (Messrs Bespoke Art Studio) को आवंटित की गई है, जहां यूनिट निर्माण का कार्य जारी है। इससे बैरसिया से भोपाल के लिए पलायन (Migration) रुकेगा।
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