मान्यता के बिना स्टेट लैब में रुकी खाद्य पदार्थों के सैंपलों की जांच

मध्य प्रदेश खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला की एनएबीएल यानी नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोरेटरीज मान्यता छिन गई है।

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Sanjay Sharma
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राज्य प्रयोगशाला ईदगाह हिल्स भोपाल Photograph: (THE SOOTR)

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BHOPAL. मध्यप्रदेश खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला की एनएबीएल यानी नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोरेटरीज मान्यता छिन गई है। अधिकारियों की लापरवाही से भोपाल के ईदगाह हिल्स स्थित स्टेट लैब की मान्यता का नवीनीकरण नहीं हुआ है। अब प्रयोगशाला अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सैंपल टेस्ट और कैलिब्रेशन के योग्य नहीं रह गई है। मान्यता छिनने के बाद अब प्रयोगशाला द्वारा जारी की जाने वाली मिलावटी खाद्य सामग्री की रिपोर्ट अधिकृत नहीं रह गई है। वहीं प्रदेश भर से खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा भेजे जाने वाले सैंपलों का परीक्षण भी अटक जाएगा। 

अनियमितताओं से घिरी प्रयोगशाला

भोपाल के ईदगाह हिल्स क्षेत्र में स्टेट लैब में खाद्य पदार्थों के साथ ही औषधियों से संबंधित सैंपलों का परीक्षण किया जाता है। मिलावट की आशंका  या अमानक दवा होने की आशंका पर लिए जाने वाले सैंपलों को यहां भेजा जाता है। पहले से ही स्टेट लैब में जांच अधिकारियों की कमी है इसके कारण हजारों की संख्या में सैंपलों की जांच रिपोर्ट महीनों तक तैयार नहीं हो पा रही है। अब एनएबीएल मान्यता छिनने की वजह से जांच ठप्प हो जाएगी और मिलावट से संबंधित प्रकरण महीनों तक लंबित रह सकते हैं। 

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नवीनीकरण कराया भूल गए अफसर

दरअसल राज्य स्तरीय प्रयोगशाला को खाद्य एवं औषधीय सैंपलों के परीक्षण और रिपोर्ट जारी करने के लिए नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोरेटरीज से मान्यता लेना होती है। इस मान्यता का सालाना नवीनीकरण भी जरूरी होता है। नवीनीकरण न होने की स्थिति में स्टेट लैब द्वारा तैयार सैंपल रिपोर्ट की वैधानिकता पर सवाल उठाए जा सकते हैं। इस साल 20 मई 2025 से पहले प्रयोगशाला की मान्यता का नवीनीकरण कराया जाना था। यहां फैली भर्राशाही और अधिकारियों की लापरवाही के कारण किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया। नतीजा 20 मई को नवीनीकरण का समय बीतने के बाद अधिकारियों को एनएबीएल मान्यता की सुध आई। हांलाकि तब तक देर हो चुकी थी। 

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परीक्षण रुका, सैंपलों का भार बढ़ा

अब एनएबीएल की मान्यता के बिना स्टेट लैब के वैज्ञानिक अधिकारी खाद्य एवं औषधीय सैंपलों का परीक्षण कर उनकी रिपोर्ट तैयार नहीं कर पा रहे हैं। उनके द्वारा 20 मई के बाद सैंपलों की जांच कर तैयार की जानी वाली परीक्षण रिपोर्ट भी अधिकृत नहीं रह गई हैं। जहां एक ओर प्रयोगशाला में मान्यता के बिना परीक्षण रुक गया है वहीं जिलों से लगातार सैंपल यहां पहुंच रहे हैं। इनका नियमित परीक्षण नहीं होने के कारण लगातार जांच रिपोर्ट का भार बढ़ रहा है। राज्य स्तरीय प्रयोगशाला की मान्यता की अनदेखी को लेकर अब शासन ने खाद्य औषधि प्रशासन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब तलब किया है। वहीं अधिकारी गलती को छिपाने का रास्ता तलाश रहे हैं। 

 



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