INDORE. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट भोपाल और साथ ही अगले महीने आने वाले राज्य बजट को लेकर एक सुझाव बैठक रेसीडेंसी कोठी में जिला प्रशासन और एमआईडीसी द्वारा गुरुवार को आयोजित हुई। लेकिन इस दौरान महापौर की खरी-खरी बात से अधिकारियों से लेकर अन्य जनप्रतिनिधि भी सन्न रह गए।
किसानों से जमीन अधिग्रहण पर दें चार गुना मुआवजा
महापौर ने इस दौरान साफ कहा कि इतनी योजनाएं आ रही है और किसानों से जमीन ली जा रही है, लेकिन हम किसानों को चार गुना मुआवजा नहीं दे रहे हैं। जबकि केंद्र का जमीन अधिग्रहण नियम इसके प्रावधान करता है। इस पर अधिकारियों ने कहा कि लैंड पूल स्कीम में हम जमीन ले रहे हैं और उन्हें इसके बदले में 50 फीसदी विकसित प्लाट दिए जाते हैं।
महापौर ने एक और खरी बात सुना दी, उन्होंने कहा कि लैंड पूल स्कीम में प्लाट कहां मिलेंगे, इसका झगडा चलता है, यह आईडीए में देखते हैं, किसी को आगे प्लाट तो कहीं किसी को कोने का प्लाट तो कहीं किसी को पीछे प्लाट दिया जाता है। इससे विवाद होता है। किसान दुखी नहीं होना चाहिए और जमीन दे रहा है तो चार गुना मुआवजा दिया जाना चाहिए।
केंद्र की स्कीम में मिले यह मुआवजा
महापौर ने कहा कि विकास जरूरी है, हो भी रहा है जहां अधिग्रहण हो रहा है मेरा मानना है कि भू अधिग्रहण कानून के तहत मुआवजा देंगे तो अधिग्रहण जल्द होगा और प्रोजेक्ट भी जल्द पा होगा। केंद्र सरकार ने देश भर में मुआवजे के लिए चार गुना देने का काम किया है। मप्र में हर बात यह मांग उठी है कि केंद्र की योजनाओं में यह फार्मूला लगे तो किसानों को व जिनकी जमीन जा रही है चार गुना मुआवजा मिल सकता है वह मन से दुखी नहीं होगा और ठगा महसूस नहीं करेगा। यदि प्लाट देने की हमारी योजना है तो वह उन्हें जल्द मिल जाए। यह किसान, जमीन मालिक के हित का सुझाव मैंने दिया है।
ये खबरें भी पढ़ें...
इंदौर में सट्टा चलाने वाले अपराधी ने आजादनगर एसीपी को दिया बुके, फोटो भी डाली
रामकी संयंत्र में यूका कचरा के 12 कंटेनर हुए अनलोड, 18 फरवरी को हाईकोर्ट में सुनवाई
ESB ने बदला नॉर्मलाइजेशन का फार्मूला, द सूत्र ने उठाया था 100 में 101.66 अंक का मुद्दा
इंदौर में बीजेपी विधायकों ने लगाई बोलियां- मेरे 51 लाख रुपए, मेरे 15 लाख
इंदौर में लगातार हो रहा है विरोध
इंदौर का तेजी से विस्तार हो रहा है, इसके चलते लगातार जमीन अधिग्रहण के प्रोजेक्ट आ रहे हैं और किसानों को विरोध हो रहा है। चाहे बात इकानामिक कारिडोर की हो या फिर एनएचएआई की या फिर अहिल्यापथ की। ऐसे में महापौर ने सीधे तौर पर किसानों कि मांगों का समर्थन कर दिया है।