IPS नागेंद्र सिंह पर लटकी जांच की तलवार, IPS पत्नी ने की थी शिकायत, जानें क्या है मामला

आईपीएस अविजीत रंजन के बाद अब नागेंद्र सिंह के खिलाफ विभागीय जांच की तैयारी है। पुलिस मुख्यालय ने 6 पन्नों की रिपोर्ट भेजी है, जिसमें आरोपों के सिद्ध होने के बाद गृह विभाग से कार्रवाई की उम्मीद है।

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Sanjay Dhiman
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IPS nagendra singh

Photograph: (the sootr)

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आईपीएस अधिकारी अविजीत रंजन के बाद अब प्रदेश के एक और आला पुलिस अधिकारी आईपीएस नागेंद्र सिंह पर विभागीय जांच की तलवार लटक गई है। आईपीएस नागेंद्र सिंह के खिलाफ उनकी पत्नी ने ही डीपीजी को पत्र लिखकर गंभीर शिकायतें दर्ज कराई थीं, जिसकी जांच पिछले कई दिनों से पुलिस महकमा कर रहा था।

अब जांच पूरी होने के बाद उनके खिलाफ विभागीय जांच की तैयारी की जा रही है। उल्लेखनीय है कि अभी कुछ समय पहले ही आईपीएस अविजीत रंजन का मामला भी काफी सुर्खियों में रहा था। मामला सामने आने के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव ने उन्हें तत्काल हटाने व जांच के आदेश दिए थे। 

क्या था IPS अविजीत रंजन का मामला?

अविजीत रंजन 2014 बैच के आईपीएस अफसर हैं। कटनी के एसपी रहते हुए उन पर गंभीर आरोप लगे थे। इसके चलते सरकार ने उन्हें कटनी से हटाकर भोपाल पुलिस मुख्यालय (PHQ) में एआईजी के पद पर अटैच कर दिया था।

यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ, जब कटनी की तत्कालीन सीएसपी ख्याति मिश्रा के तहसीलदार पति शैलेंद्र बिहारी शर्मा ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उनके घर पर धावा बोलकर परिवार के लोगों से मारपीट की।

उनका आरोप था कि पुलिस ने उनके घर की महिलाओं और आठ साल के बेटे को भी थाने ले जाकर पीटा। यह कार्रवाई कथित तौर पर एसपी अविजीत रंजन के निर्देश पर हुई थी। हालांकि, अविजीत रंजन ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है।

अविजीत रंजन के खिलाफ यह मामला डीजीपी तक गया था और यूपीएससी (UPSC) में भी इसकी शिकायत की गई थी। हालांकि, आरोप सही पाए जाने के बाद अब इस मामले की जांच आगे बढ़ाई जा रही है और पुलिस विभाग इसे गंभीरता से देख रहा है। 

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आईपीएस नागेंद्र सिंह के खिलाफ विभागीय जांच

अब नागेंद्र सिंह, जो पहले बालाघाट के एसपी रहे थे, उनके खिलाफ भी गंभीर आरोप सामने आए हैं। उनकी पत्नी आईपीएस वाहिनी सिंह ने डीजीपी कैलाश मकवाना को गुप्त शिकायत भेजी थी, जिसमें पुलिस अधिकारी पर आरोप लगाए गए थे। इस मामले की जांच पुलिस मुख्यालय द्वारा की गई थी, और रिपोर्ट के आधार पर यह पाया गया कि आरोप सही हैं। अब गृह विभाग से विभागीय जांच की अनुशंसा की गई है, और आगे की कार्रवाई की उम्मीद है।

6 पन्नों की रिपोर्ट तैयार

पुलिस मुख्यालय ने इस मामले में 6 पन्नों की तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार की और इसे गृह विभाग को भेज दिया है। इस रिपोर्ट में आरोपों की पुष्टि की गई है और अब गृह विभाग को आगे की कार्रवाई करनी है। यह मामला पुलिस विभाग के लिए एक गंभीर संकेत है कि उच्च स्तर पर किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 

विभागीय जांच क्या होती है?

विभागीय जांच एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी सरकारी या प्रशासनिक अधिकारी के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच की जाती है। इसमें जांच दल द्वारा तथ्यों की समीक्षा की जाती है, और यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो सख्त कार्रवाई की जाती है। 

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