इंदौर के नए पुलिस कमिश्नर आईपीएस संतोष कुमार सिंह ने शुक्रवार दोपहर में पद संभाला। आईपीएस राकेश गुप्ता ने उनका स्वागत किया और शुभकामनाएं दी। राकेश गुप्ता अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के ओएसडी नियुक्त हुए हैं। उधर, साल 2000 बैच के आईपीएस संतोष कुमार सिंह (IPS Santosh Kumar Singh) के इंदौर में डीआईजी रहने के कार्यकाल को देखते हुए मैदानी अधिकारियों खासकर टीआई में बेचैनी बढ़ी है।
सीएम ने खेला मास्टरस्ट्रोक
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने इंदौर पुलिस कमिश्नर का बदलाव कर एक तीर से कई निशाने साध दिए हैं। सीएम को ओएसडी पर अनुभवी और प्रशासनिक क्षमता वाला व्यक्ति चाहिए था वह गुप्ता को लाकर पूरा कर रहे हैं, क्योंकि गुप्ता सरल स्वभाव के होकर प्रशासनिक कार्य में मजबूत है। वहीं सिंह को लाकर उन्होंने इंदौर की फील्ड पुलिसिंग को मजबूती दी है, जिसकी इंदौर में हाल के समय में सबसे ज्यादा जरूरत महसूस की जा रही थी। इस तरह मुख्यमंत्री ने सीएम ऑफिस और इंदौर दोनों को संभाला है। सीएम, गृहमंत्री के साथ ही वह इंदौर के प्रभारी मंत्री भी है, ऐसे में उनके लिए यह बेहद जरूरी है कि लॉ एंड आर्डर के लिए इंदौर सही चले। हाल के समय में लगातार जिस तरह से बात उठ रही थी। खासकर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बार-बार मंच से टीआई को चेतावनी दी और नशे का मुद्दा उठाया, एक बार तो सीएम के साथ मंच पर ही यह मुद्दा उठाया था, इन सभी के लिए उनके लिए सख्त अधिकारी को लाना बेहद जरूरी था। इसे सीएम का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है।
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क्यों बढ़ रही टीआई की बेचैनी बढ़ी
हाल के समय में फील्ड पर तैनाती काम के बदले पहुंच लगाकर अधिक हो रही है। इसके चलते लॉ एंड आर्डर बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। गुंडागर्दी, असामजिक तत्वों पर राजनीतिक वरदहस्त होने से उन्हें पुलिस द्वारा रियायत देने, आम लोगों की सुनवाई नहीं होने और नशे का बढ़ता कारोबार मुश्किलें बढ़ा रहा है। ऐसे में अब सीपी का रूख क्या होगा, इसे सोचकर सभी फील्ड अधिकारियों की बेचैनी बढ़ी हुई है।
अभी तक के तीन सीपी सरल मिजाज के
इंदौर में सिंह चौथे सीपी है। पुलिस कमिशनरी लागू होने पर हरिनारायण चारी मिश्रा पहले सीपी थे, जो अपने शांत स्वभाव के लिए पहचान रखते हैं। इसके बाद सीपी आए मकरंद देउस्कर भी फील्ड की जगह ऑफिस से अधिक सक्रिय थे और वह भी शांत स्वभाव के रहे हैं। इसके बाद आए राकेश गुप्ता का कार्यकाल आठ माह ही रहा है, और वह भी पुरानी सीपी की तरह ही शांत स्वभाव के रहे हैं। इस दौरान टीआई ने जमकर अपनी मनमर्जी चलाई है। लेकिन पुराने तीन सीपी के उलट संतोष सिंह की छवि शुरू से ही सख्ती पुलिस अधिकारी की रही है। जिसकी फिलहाल शहर की जरूरत महसूस हो रही थी।
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इन सभी बातों पर रहेगा जोर
सीपी पद संभालने पर सिंह द्वारा शहर में अपराध नियंत्रण, कानून व्यवस्था, अवैध नशे की गतिविधियों, माफियाओं एवं संगठित अपराधियों आदि के विरूद्ध प्रभावी कार्रवाई, महिला अपराधों पर अंकुश एवं उनकी सुरक्षा, यातायात प्रबंधन, साइबर अपराधों पर अंकुश व जागरूकता आदि के साथ समाज हित में और बेहतर पुलिसिंग करने की प्राथमिकताओं पर जोर देने की बात कही। साथ ही इंदौर शहर में बेहतर पुलिसिंग के लिए आम जनता व मीडिया से भी पूर्ण सहयोग मिलेगा, यह विश्वास भी जताया।
यह बोले संतोष कुमार सिंह
उन्होंनें इंदौर पुलिस की पूरी टीम की ओर से कहा कि, हम सभी पूर्ण रूप से कर्तव्यनिष्ठ एवं तत्पर रहते हुए जनता के हित में पुलिस की सभी प्राथमिकताओं व प्रत्येक पहलुओं पर और बेहतर कार्य करते हुए एक पारदर्शी, सहयोगात्मक एवं जनोन्मुखी पुलिस प्रशासन इंदौर की जनता को देने के लिए लिए प्रयासरत रहेंगे।
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यह सभी रहे उपस्थित
इस दौरान अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध/मुख्यालय) मनोज कुमार श्रीवास्तव, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) अमित सिंह, पुलिस उपायुक्त जोन-1 विनोद मीना, पुलिस उपायुक्त जोन-2 अभिनय विश्वकर्मा, पुलिस उपायुक्त जोन-3 हंसराज सिंह, पुलिस उपायुक्त जोन-4 ऋषिकेश मीणा, पुलिस उपायुक्त (आसू./सुरक्षा व मुख्यालय) अंकित सोनी, पुलिस उपायुक्त (यातायात प्रबंधन) अरविंद तिवारी सहित नगरीय क्षेत्र के अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारीगण भी उपस्थित रहे, जिन्होंने नए पुलिस आयुक्त का स्वागत कर शुभकामनाएं दी।
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