जबलपुर के गोकलपुर स्थित बाल सुधार केंद्र से 8 नाबालिग फरार हो गए। भागने से पहले उन्होंने चौकीदार का मोबाइल और चाबी छीन ली और उसे घायल कर दिया। इसके बाद सभी छत से कूदकर फरार हो गए। घटना से प्रशासन में हड़कंप मच गया है, और पूरे इलाके में पुलिस सर्च ऑपरेशन चला रही है। इस घटना ने सुरक्षा इंतजामों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
/sootr/media/post_attachments/d2dea447-480.jpg)
ये खबर भी पढ़िए...4 बच्चे पैदा करें मिलेंगे 1 लाख रुपए, राज्य मंत्री राजोरिया का ऐलान
चौकीदार को घायल करके भागे नाबालिग
गोकलपुर स्थित बाल सुधार गृह में नाबालिगों के द्वारा चौकीदार राजेंद्र कुमार पटेल को घायल कर दिया गया। इतना ही नहीं, इन नाबालिगों ने चौकीदार का मोबाइल तक छीन लिया और सर पर भारी ताले से हमला कर दिया। हमला करने के बाद, इन आरोपी नाबालिगों ने छत का ताला खोलकर सभी छत के रास्ते से फरार हो गए।
/sootr/media/post_attachments/aa9d5354-48d.jpg)
ये खबर भी पढ़िए...ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2025 के लिए सज रहा भोपाल, मानव संग्रहालय में कार्यक्रम
चौकीदार ने बताई नाबालिगों के भागने की कहानी
बाल संरक्षण केंद्र के चौकीदार ने नाबालिग बच्चों के भागने पर बताया कि सभी आरोपी नाबालिग मेरे पास गेट की चाबी मांगने आए थे। तब मैंने उन्हें समझाया कि अपने-अपने कमरों में जाकर सो जाओ, पर इन नाबालिगों ने मेरी एक न सुनी और चाबी छीनने को लेकर सभी नाबालिग मुझ पर झपट पड़े। उसमें से एक नाबालिग ने मेरे सर पर भारी ताले से हमला कर दिया और छत का ताला खोलकर छत के रास्ते से फरार हो गए। चौकीदार ने बताया कि एक बच्चे ने अपने पिता को कॉल किया था, इसके बाद उसके पिता बाल संरक्षण केंद्र के पास में रोड पर अपनी कार लेकर आए थे, और सभी आरोपी इस कार में बैठकर भागे हैं।
ये खबर भी पढ़िए...विधायक गौड़, कालरा ने प्रदेश अध्यक्ष वीडी से की जीतू की शिकायत, बच्चे की शर्ट उतारकर दिखाई
नाबालिगों की तलाश जारी है
नाबालिगों के बाल सुधार ग्रह से भागने के बाद कल रात 8:00 से ही जबलपुर पुलिस द्वारा लगातार उन्हें हर जगह ढूंढा जा रहा है। आरोपी नाबालिगों की अभी कोई खबर नहीं है कि वह बाल सुधार ग्रह से कहां भागे हैं। पुलिस की खोज जारी है।
पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले
यह कोई पहली घटना नहीं है जब बाल सुधार केंद्र से नाबालिग फरार हुए हों। इससे पहले भी सुरक्षा चूक के कारण कई किशोर भागने में सफल रहे थे। बावजूद इसके, प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए, जिसका नतीजा यह हुआ कि एक बार फिर 8 नाबालिग फरार हो गए। पहले भी ऐसी घटनाओं में सुरक्षा कर्मियों की लापरवाही और व्यवस्थाओं की कमजोरियां सामने आ चुकी हैं, लेकिन अब सवाल यह उठता है कि आखिर कब तक ऐसे मामले दोहराए जाते रहेंगे।
ये खबर भी पढ़िए...जानें किसान मानधन योजना, हर महीने मिलेंगे 3 हजार रुपए