जबलपुर एयरपोर्ट बंद करने और पूरे MP में उड़ानों पर रोक की चेतावनी, एडिशनल चीफ सेक्रेटरी एविएशन तलब

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने जबलपुर से उड़ानों की कमी पर सख्त रुख अपनाया और एविएशन मिनिस्ट्री और निजी विमान कंपनियों को चेतावनी दी। कोर्ट ने कहा कि यदि उड़ानों में सुधार नहीं हुआ, तो जबलपुर एयरपोर्ट बंद कर दिया जाएगा।

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Neel Tiwari
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MP News । मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने आज सोमवार को जबलपुर से उड़ानों की संख्या घटने और सीधी फ्लाइट्स की कमी पर फिर सख्त रुख अपनाया। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिविजनल बेंच में हुई सुनवाई में कोर्ट ने एविएशन मिनिस्ट्री और निजी विमान कंपनियों को चेतावनी दी।

कोर्ट ने कहा कि यदि उड़ानों में सुधार नहीं हुआ तो जबलपुर एयरपोर्ट बंद कर दिया जाएगा। इसके साथ ही भोपाल, इंदौर और ग्वालियर से भी उड़ानों पर रोक लगाई जाएगी।

कोर्ट ने जताई नाराजगी

सुनवाई के दौरान सरकार ने फिर वही तर्क दोहराया कि जबलपुर में उड़ानों की संख्या बढ़ाने के लिए एयरलाइन कंपनियों को ईमेल भेजा गया और बैठक आयोजित की गई है। लेकिन जब कोर्ट ने पूछा कि इस पर कंपनियों ने क्या जवाब दिया, तो सरकार कोई ठोस उत्तर नहीं दे पाई।

एयरलाइन कंपनियों की ओर से भी बस इतना कहा गया कि वे अभी इस पर “विचार” कर रही हैं। कोर्ट ने इस रवैये को गंभीर लापरवाही मानते हुए टिप्पणी की "न कोई काम हो रहा है, न कोई असरदार पत्राचार। अगर यह स्थिति बनी रही तो हम एयरपोर्ट ही बंद करा देंगे।"

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फ्लाइट टाइमिंग पर HC ने किया दोबारा सवाल

कोर्ट ने दोपहर 2:30 बजे की फ्लाइट शेड्यूल पर फिर आपत्ति जताई। जस्टिस सराफ ने कहा कि बिजनेस या जरूरी यात्रा के लिए लोग सुबह जाकर शाम को लौटना चाहते हैं, तो दोपहर की फ्लाइट का कोई मतलब नहीं है।

कोर्ट ने यह भी सुझाव दिया कि कम से कम एक महीने के लिए सुबह या देर शाम सीधी फ्लाइट का ट्रायल रन करें और यात्रियों की प्रतिक्रिया देखें। लेकिन एयरलाइन कंपनियों ने अब तक एक बार भी ऐसा प्रयास नहीं किया, जिस पर बेंच ने नाराजगी जताई।

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एयरलाइन को पेश करना होगा कमर्शियल डाटा

जबलपुर हाईकोर्ट ने इंडिगो एयरलाइंस संचालित करने वाली इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड को आदेश दिया कि जबलपुर में फ्लाइट की संख्या बढ़ाने के लिए जो भी ठोस कदम उठाए गए हैं, उनकी जानकारी कोर्ट में दी जाए।

इसके साथ ही उन्हें निर्देश दिया गया कि जो यात्री जबलपुर से दिल्ली और मुंबई कनेक्टिंग फ्लाइट ले रहे हैं, उन सभी का यात्री डाटा पेश किया जाए और यह भी हलफनामा दिया जाए कि क्या दोपहर की फ्लाइट को सुबह या शाम में शिफ्ट करना संभव है। यह सारा कमर्शियल डाटा सील बंद लिफाफे में कोर्ट में जमा करना होगा।

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एविएशन डिपार्टमेंट के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी तलब

बेंच ने एविएशन डिपार्टमेंट के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को आदेश दिया है कि अब तक जबलपुर में उड़ानें बढ़ाने और बड़े शहरों से कनेक्टिविटी सुधारने के लिए क्या कदम उठाए गए, उसका विस्तृत हलफनामा पेश करें। साथ ही उन्हें अगली सुनवाई में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मौजूद रहने का भी निर्देश दिया गया है।

28 अगस्त को अगली सुनवाई

कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त 2025 तय की है। इस दिन निजी एयरलाइंस को अपना कमर्शियल डाटा, और एविएशन मिनिस्ट्री को उठाए गए कदमों की पूरी रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करनी होगी। हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि अब महज वादे या विचार-विमर्श से बात नहीं बनेगी, बल्कि जबलपुर की हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाने के ठोस परिणाम दिखाने होंगे।

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