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JABALPUR. दस्तावेज चोरी होने पर अमूमन हम यही करते हैं कि पुलिस में एक शिकायत दर्ज करने के बाद उन दस्तावेजों की डुप्लीकेट प्रति निकलवा लेते हैं। लेकिन क्या हो जब आपको पता चले कि आपके चोरी हुए दस्तावेजों के आधार पर आपके खिलाफ एक एक्सीडेंट का मामला भी लग चुका है और आप कोर्ट में पेश होकर जमानत पर रिहा भी चुके हैं। ऐसा ही अजीबोगरीब मामला जबलपुर में सामने आया है।
पीड़ित ही बन गया आरोपी
जबलपुर में एक अजब मामला सामने आया है। जिसमें जिस व्यक्ति का ट्रेन में पर्स चोरी हो गया था। उसी के नाम से पनागर थाने में एक्सीडेंट का मामला दर्ज हो चुका है। यह मामला डिस्ट्रिक्ट कोर्ट तक भी पहुंच गया और इस मामले में फर्जी दस्तावेज का उपयोग करने वाले अज्ञात व्यक्ति को कोर्ट से जमानत भी मिल चुकी है। कोर्ट में पीड़ित के नाम से कोई अन्य व्यक्ति हर पेशी में हाजिर भी हो रहा है। अब पीड़ित ने एसपी जबलपुर से निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए आवेदन सौंपा है।
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GRP में दर्ज करवाई थी पर्स चोरी की शिकायत
जबलपुर की सिहोरा तहसील में मझगांव थाना अंतर्गत गांव भटुली के रहने वाले अखिलेश कुमार पटेल 19 अगस्त 2024 को अपनी बहन के साथ जबलपुर से मेमू ट्रेन के द्वारा सीहोर जा रहे थे, इस दौरान भीड़ ज्यादा होने की वजह से उनका पर्स स्टेशन परिसर में कहीं गिर गया। जिसमें कैश के साथ उनके जरूरी दस्तावेज, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस उस पर्स में मौजूद थे। इसके बाद सिहोरा स्टेशन पहुंचकर जीआरपी को इसकी जानकारी दी और पर्स गुम जाने की शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन उनका पर्स वापस नहीं मिला।
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कोर्ट के समन के बाद उजागर हुआ मामला
अखिलेश पटेल ने अपने आवेदन में बताया कि डिस्ट्रिक्ट कोर्ट जबलपुर से उन्हें एक नोटिस मिला जिसमें यह लिखा था कि मेरे द्वारा 29 अगस्त 2024 को वाहन क्रमांक एमपी 20 जेडजी 2977 को तेज रफ्तार और लापरवाही पूर्वक चलाकर हिमांशु कोल, सोनाली कोल आदि का एक्सीडेंट किया गया है। जिसके तहत अखिलेश के खिलाफ मोटर दुर्घटना का दावा पेश किया गया है। जिसमें प्रकरण क्रमांक एम एसीसी 7899/2024 कायम हो चुका है, इसके बाद 19 दिसंबर 2024 को जस्टिस राजेश कुमार यादव की कोर्ट में उपस्थित होने पर यह जानकारी लगी की अखिलेश की जगह कोई अन्य व्यक्ति उनके नाम से पेश होकर जमानत पर रिहा है और बाकायदा पेशी में उपस्थित भी हो रहा है।
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अज्ञात व्यक्ति को मिल चुकी है जमानत
आवेदक अखिलेश पटेल ने बताया इसी प्रकरण में उनके खिलाफ एक आपराधिक प्रकरण भी थाना पनागर में दर्ज हो चुका है जिसमें उनके ऊपर बीएनएस की धारा 281, 125 (ए ),125 (बी) के तहत मामला कायम हो चुका है, जिसमें डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में प्रथम श्रेणी जस्टिस वेद प्रकाश सागर की कोर्ट में उक्त मामले में अपराधी के द्वारा मेरे दस्तावेजों का उपयोग कर जमानत भी ले ली गई है। साथ ही कोर्ट में मामले से संबंधित पेशी में भी लगातार उपस्थित हो रहा है साथ ही फर्जी हस्ताक्षर भी कर रहा है।
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पुलिस ने दिया निष्पक्ष जांच का आश्वासन
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) सूर्यकांत शर्मा ने बताया है कि आवेदक के द्वारा अपने पर्स और जरूरी दस्तावेज गुम जाने की सूचना जीआरपी सिहोरा को दी गई थी। आवेदक के अनुसार उन्हें कुछ दिन पूर्व यह जानकारी लगती है न्यायालय दावा अभिकरण में किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा उपस्थित होकर उनके दस्तावेजों का गलत तरीके से उपयोग किया जा रहा है साथ ही पनागर थाना अंतर्गत भी उनके नाम से किसी ने झूठा एक्सीडेंट का मामला दर्ज किया है। जिसमें डिस्टिक कोर्ट में यह मामला चल रहा है और वह कोर्ट में उपस्थित भी हो रहा है। उक्त आवेदक के आधार पर मामले की गंभीरता को समझते हुए थाना प्रभारी ओमती को जांच सौंपी गई है जिसमें न्यायालय के सीसीटीवी फुटेजों के आधार पर जांच की जाएगी और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर वैधानिक कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित किया गया है।
5 मुख्य बिंदुओं से समझें पूरा मामला
✅ जबलपुर में एक व्यक्ति के चोरी हुए दस्तावेज का गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया।
✅ चोरी हुए पर्स के दस्तावेज़ के आधार पर पीड़ित के खिलाफ एक्सीडेंट का मामला दर्ज किया गया।
✅ इस मामले में कोई अन्य व्यक्ति पीड़ित के नाम से कोर्ट में पेश हुआ और जमानत पर रिहा हो गया।
✅ पीड़ित ने पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग की है और पुलिस ने जांच का आश्वासन दिया है।
✅ थाना प्रभारी ओमती को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच सौंपी गई है, और जांच में संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।