बिना सरकार की अनुमति के बनी नई कृषि उपज मंडी सिर्फ रियल एस्टेट प्रोजेक्ट, हाईकोर्ट पहुंचा मामला

जबलपुर में नई कृषि उपज मंडी का मामला अब हाईकोर्ट पहुंचा है। थोक व्यापारियों ने याचिका दायर कर इसे अनियमितताओं से भरा प्रोजेक्ट बताया है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और अन्य संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है।

author-image
Neel Tiwari
New Update
Jabalpur New Agricultural Market High Court Petition
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

जबलपुर में पुरानी कृषि उपज मंडी से दूर औरैया में बनाई गई नई कृषि उपज मंडी के मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इसे सिर्फ पैसे वालों का एक रियल एस्टेट प्रोजेक्ट बताने के आरोप लगे हैं। जबलपुर हाईकोर्ट में जस्टिस संजीव सचदेवा की युगल पीठ में थोक सब्जी विक्रेताओं ने एक याचिका दायर करते हुए नई कृषि उपज मंडी औरैया के निर्माण सहित उस पर आवंटित की जा रही दुकानों में भारी अनियमिताओं और व्यवसायीकरण का आरोप लगाया है।

औरैया में बनी है नई कृषि उपज मंडी

जबलपुर में औरैया स्थित नई कृषि उपज मंडी के उद्घाटन के समय प्रशासन की ओर से यह बताया गया था कि अभी यह उपज मंडी 17 एकड़ तक सीमित है पर जल्द ही इसका बड़े स्तर पर 137 एकड़ कर विस्तार कर इसे स्मार्ट कृषि उपज मंडी बनाया जाएगा। इस नई कृषि उपज मंडी में थोक व्यापारियों को दुकान अलॉट करने के लिए टेंडर भी निकल चुके हैं और इन टेंडन के अनुसार चयनित व्यापारियों को 1 लाख 60 हजार रुपए 12 मार्च तक जमा करने हैं। लेकिन इस मंडी में दुकान अलॉट करने के लिए अपनाई जा रही प्रक्रिया के विरोध में थोक व्यापारी हाईकोर्ट पहुंच चुके हैं। अब हाईकोर्ट में दायर मामले से यह सामने आ रहा है कि इस नई स्मार्ट कृषि उपज मंडी के लिए सरकार ने अनुमति ही नहीं दी थी।

ये खबर भी पढ़ें... हाईकोर्ट में जिलाबदर आदेश पर कलेक्टर-SP पर जुर्माने की खबर निकली झूठी, अब सुनवाई 11 मार्च को

हर स्तर पर हुई अनियमितताएं

हाईकोर्ट में जस्टिस संजीव सचदेवा की डिविजनल बेंच में दायर की गई याचिका में आरोप लगाया गया कि यह मंडी केवल कुछ पैसे वालों का एक रियल एस्टेट प्रोजेक्ट है, तभी 54 एकड़ की मंडी को 14 एकड़ में शिफ्ट किया जा रहा है। याचिका में यह भी आरोप लगाए गए कि इसके पहले मंडी परिसर में सभी वहान अच्छी तरह से आ जाते थे, लेकिन अब नई मंडी में जाम की स्थिति बन रही है।

याचिकाकर्ताओं ने यह आरोप लगाया कि राज्य शासन की ओर से पुरानी कृषि उपज मंडी का एक्सटेंशन बनाने की अनुमति मिली थी, लेकिन एग्रीकल्चर स्टेट मार्केटिंग बोर्ड के द्वारा बिल्कुल नए सिरे से एक नई मंडी स्थापित कर दी गई जो नियम के विरुद्ध है। वहीं इस नई मंडी में दुकान अलॉट करने के लिए जो आदेश 24 फरवरी 2025 को जारी किया गया था उसे कम से कम दो अखबारों में प्रकाशित करना जरूरी था, लेकिन 27 फरवरी 2025 को सिर्फ एक अखबार में इसका प्रकाशन किया गया, इसके साथ ही नगरीय निकायों सहित कहीं पर भी इसका प्रचार प्रसार नहीं किया गया।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि मंडी में दुकान लेने के लिए 1 लाख 60 हजार रुपए जमा करना आवश्यक है, लेकिन मंडी प्रशासन की ओर से यह नहीं बताया गया है कि उन्हें कितनी बड़ी दुकान मिलेगी और कितनी जगह मिलेगी। इसके साथ ही नियमों के अनुसार जो 10 परसेंट की राशि मांगी जा रही है वह भी नियम के खिलाफ है। यह उन सभी पुराने व्यापारियों के साथ नाइंसाफी है जो पूंजीपति नहीं है।

5 मुख्य बिंदुओं से समझें पूरा मामला 

✅हाईकोर्ट में याचिका दायर - जबलपुर हाईकोर्ट में थोक व्यापारियों ने नई औरैया कृषि उपज मंडी के खिलाफ याचिका दायर की, इसे रियल एस्टेट प्रोजेक्ट बताया।

✅अनियमितताओं के आरोप - याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि मंडी में दुकान आवंटन की प्रक्रिया अनियमित है, सरकार से अनुमति भी नहीं ली गई थी।

✅व्यापारियों को परेशानी - मंडी शिफ्ट होने से व्यापारियों को यातायात और स्थान की समस्या हो रही है, दुकान की सटीक जानकारी नहीं दी गई।

✅नियमों का उल्लंघन - दुकान आवंटन आदेश सिर्फ एक अखबार में प्रकाशित किया गया, जबकि नियमों के अनुसार दो अखबारों में प्रकाशन जरूरी था।

✅हाईकोर्ट का कड़ा रुख - कोर्ट ने राज्य सरकार, स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड, कलेक्टर समेत सभी प्रतिवादियों को एक दिन के भीतर जवाब देने का आदेश दिया, अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी।

ये खबर भी पढ़ें... बैतूल में 110 करोड़ की सरकारी जमीन लीज मामले में 151 परिवारों को हाईकोर्ट से राहत

हाईकोर्ट ने सरकार को दिया एक दिन का समय

इस मामले की सुनवाई मंगलवार को जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिविजनल बेंच में हुई। कोर्ट ने यह पूछा है कि बिना सरकार की अनुमति के स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड आखिर कैसे नई मंडी बना सकता है। अब इस मामले में नोटिस जारी करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड भोपाल के MD सहित जबलपुर के JD और कलेक्टर जबलपुर सहित अन्य प्रतिवादियों को जवाब देने के लिए हमदस्त और इलेक्ट्रॉनिक मोड़ से नोटिस जारी करते हुए एक दिन का समय दिया है। अब इस मामले की सुनवाई 12 मार्च बुधवार को दोबारा होगी। जिसमें यह होगा की याचिका में लगाए गए आरोप कितने सही है और इसके साथ ही जबलपुर में बन रही नई मंडी का भविष्य भी तय होगा।

ये खबर भी पढ़ें...

B.Sc नर्सिंग की छात्रा को फीस भरने के बाद भी नहीं मिला एडमिशन, हाईकोर्ट ने किया न्याय

तेज आवाज DJ साउंड सिस्टम पर हाईकोर्ट सख्त, सरकार से पूछा-प्रतिबंध लगाने के लिए क्या कदम उठाए?

Jabalpur News जबलपुर हाईकोर्ट जबलपुर न्यूज मध्य प्रदेश मध्य प्रदेश सरकार याचिका जबलपुर मंडी विवाद