मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। यहां विद्युत वितरण कंपनी की सोलर शाखा के उप महाप्रबंधक (DGM) हिमांशु अग्रवाल और उनके सहायक हिमांशु यादव को लोकायुक्त पुलिस ने 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई नागपुर की रोशनी सोलर कंपनी के मैनेजर विष्णु लोधी की शिकायत पर की गई।
पहले 40 हजार की मांग
विष्णु ने बताया कि 18 दिसंबर को डीजीएम का जन्मदिन था और इस खास मौके पर उन्होंने मिठाई और बुके भेजे। इसके बाद उनकी ओर से 80 किलोवाट के काम के लिए 40 हजार रुपए की मांग की गई। इसका विष्णु ने विरोध किया तो डीजीएम ने राशि घटाकर 30 हजार रुपए कर दी। इसके बाद विष्णु ने लोकायुक्त से शिकायत की, और जांच में यह मामला सही पाया गया।
कैसे दबोचा गया रिश्वतखोर?
20 दिसंबर को रिश्वत की रकम लेकर विष्णु जब हिमांशु अग्रवाल के पास पहुंचे, तो उन्होंने एक नंबर दिया और कहा कि हिमांशु यादव को कॉल करें। जब विष्णु ने कॉल किया, तो यादव ने देर से मिलने की बात कही। कुछ समय बाद, यादव ने विष्णु को शक्ति भवन के पास बुलाया, लेकिन उसे शक हुआ कि किसी ने उनका पीछा किया है, तो उसने जगह बदल दी और रामपुर रोड के पास बुलाया। वहां, विष्णु ने 30 हजार रुपए दे दिए, और जैसे ही यादव ने पैसे लिए, लोकायुक्त टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया।
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डीजीएम ने झाड़ा पल्ला
गिरफ्तारी के समय, हिमांशु यादव ने पैसे फेंकते हुए कहा कि वह किसी को नहीं जानता और भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया। पुलिस ने उसकी कार और मोबाइल जब्त कर लिया। जब पुलिस उसे लेकर डीजीएम के पास पहुंची, तो डीजीएम ने यह कहकर सफाई दी कि वह यादव को ज्यादा नहीं जानता, लेकिन पुलिस ने सबूत होने की बात कही।
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रिश्वत लेने के लिए था हिमांशु यादव
पुलिस जांच में यह भी पता चला कि हिमांशु यादव को रिश्वत लेने के लिए डीजीएम ने ही नियुक्त किया था, और वह ठेकेदारों से पैसे लेने का काम करता था। कुछ अन्य लोग भी इस मामले में शामिल पाए गए, जिनसे डीजीएम ने रिश्वत के लिए संपर्क किया था।
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गिरफ्तार फिर मिली जमानत
वहीं इस पूरे मामले को लेकर लोकायुक्त डीएसपी सुरेखा परमार ने बताया कि पुलिस ने डीजीएम हिमांशु अग्रवाल और उनके सहायक हिमांशु यादव को गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि, दोनों को जमानत मिल गई है और मामले की जांच जारी है। जल्द ही चालान पेश किया जाएगा।
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