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जबलपुर धान खरीदी मामले में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। इस मामले की शिकायत बीजेपी विधायक ने सीएम से की थी। इसके बाद जिला प्रशासन ने नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक दिलीप किरार समेत 74 लोगों के खिलाफ विभिन्न थानों में केस दर्ज कराया है। इनमें निगम के 13 कर्मचारी, 17 राइस मिल संचालक और 44 सोसाइटी व उपार्जन केंद्र के कर्मचारी शामिल हैं।
फर्जी रिलीज आर्डर के माध्यम से धान परिवहन में की गई अफरातफरी के मामले में कलेक्टर दीपक सक्सेना की बड़ी कार्यवाही :-
— Collector Jabalpur (@jabalpurdm) March 20, 2025
74 व्यक्तियों के विरुद्ध बारह थानों में दर्ज कराई गई बारह एफआईआर. pic.twitter.com/F4TXBOUXvO
विधायक की शिकायत के बाद हुई जांच
पाटन विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक अजय बिश्नोई ने अंतर जिला मिलिंग परिवहन में गड़बड़ी की शिकायत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से की थी। इस शिकायत के बाद जिला प्रशासन ने जांच शुरू की और बड़े पैमाने पर अनियमितताएं पाई गईं।
फर्जी ARO से हुआ करोड़ों का फर्जीवाड़ा
जांच में सामने आया कि आरोपियों ने फर्जी अनुमोदन आदेश (ARO) के जरिए फर्जीवाड़े को अंजाम दिया। जिले में पहले से ही 3.81 लाख मैट्रिक टन धान खरीदी में अनियमितताएं पाई गई थीं। इसके बाद इस मामले में पहले ही 22 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है। नई जांच में और 74 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इस केस में 30 करोड़ की धान के रिकॉर्ड में गड़बड़ी पाई गई है।
फर्जी नंबर वाले वाहनों का इस्तेमाल
जिला प्रशासन की जांच में पता चला कि समर्थन मूल्य पर खरीदी (Dhan kharidi Jabalpur) गई धान को जिले के बाहर के 17 राइस मिलर्स को भेजा जाना था, लेकिन उन्होंने धान का उठाव नहीं किया और दलालों के माध्यम से इसे बेच दिया गया। टोल नाकों से जांच में यह भी सामने आया कि जिन ट्रक नंबरों से धान का परिवहन दिखाया गया, वे टोल से गुजरे ही नहीं। बल्कि फर्जी रजिस्ट्रेशन वाली गाड़ियों से धान का परिवहन किया गया।
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सीसीटीवी फुटेज में मिली गड़बड़ी
टोल नाकों से प्राप्त डेटा के अनुसार, 614 ट्रिप में 15 ट्रक ही टोल से गुजरे। 1.31 लाख क्विंटल से अधिक धान का परिवहन फर्जी नंबर वाले वाहनों से किया गया। टोल पर्ची और सीसीटीवी फुटेज में मिली अनियमितताओं से घोटाले का खुलासा हुआ। इस मामले में जिला प्रशासन का कहना है कि इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल जांच जारी है और अन्य दोषियों की पहचान की जा रही है।
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