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मध्य प्रदेश में धान खरीदी में 5 करोड़ से अधिक का घोटाला उजागर हुआ है, जिसकी जांच ईओडब्ल्यू कर रही है। इस मामले को लेकर जबलपुर के पाटन से बीजेपी विधायक अजय विश्नोई ने विधानसभा के बजट सत्र में अपनी ही सरकार और प्रशासन पर सवाल उठाए। वहीं, रहली से विधायक और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव भी इस मुद्दे पर उनका समर्थन करते नजर आए।
एक महीने बाद भी जांच अधूरी
अजय विश्नोई ने चिंता जताई कि फर्जी आरओ (रिलीज ऑर्डर) जारी किए गए थे, जिन पर ट्रकों के नंबर दर्ज थे। जब ये ट्रक ग्वालियर, उज्जैन, मुरैना जैसे शहरों की ओर जाते हैं, तो कई टोल नाकों को पार करते हैं। ऐसे में जांच करना कोई मुश्किल काम नहीं है। बावजूद इसके, एक महीने से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अब तक जांच पूरी नहीं हो पाई है। उन्होंने मांग की कि जांच को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए जाएं।
तीन अहम मुद्दों पर पूछा सवाल
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फर्जीवाड़े को रोकने की जरूरत – विश्नोई ने बताया कि धान मिलिंग के लिए उठाया जाता है, लेकिन वास्तव में ले जाया नहीं जाता। ट्रांसपोर्टेशन चार्ज, मिलिंग चार्ज और प्रोत्साहन राशि तो ली जाती है, लेकिन धान को वहीं बेच दिया जाता है। उन्होंने मंत्री से पूछा कि क्या भविष्य में इस धोखाधड़ी को रोकने के लिए कोई नीति बनाई जाएगी?
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उपार्जन प्रक्रिया में सुधार जरूरी – उन्होंने कहा कि उपार्जन का कार्य सहकारी समितियों के जरिए होता है, लेकिन कई समितियां डिफॉल्टर हो चुकी हैं। सबसे चिंताजनक यह है कि जिन कर्मचारियों की वजह से समितियां डिफॉल्टर हुईं, उन्हें ही दूसरी समितियों में फिर से खरीदी के काम में लगाया जा रहा है।
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किसानों के भुगतान और ऑपरेटरों की जांच – विश्नोई ने किसानों के लंबित भुगतान पर चिंता जताई और पूछा कि उन्हें भुगतान कब तक मिलेगा। उन्होंने कम्प्यूटर ऑपरेटरों की भूमिका की जांच की मांग भी की, क्योंकि वे 89 दिन के ठेके पर आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से काम करते हैं।
271 किसानों का जल्द होगा भुगतान
BJP विधायक के सवाल पर सरकार की तरफ से मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने जवाब देते हुए आश्वासन दिया कि जहां भी कम्प्यूटर ऑपरेटर्स की गड़बड़ियां सामने आई हैं। उन सभी मामलों में जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि विधायक द्वारा उठाए गए किसानों के भुगतान के मुद्दे को गंभीरता से लिया गया है। वर्तमान में 271 किसानों का भुगतान लंबित है, जिसे जल्द से जल्द पूरा करने की व्यवस्था की जाएगी।
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पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने किया समर्थन
इस दौरान पूर्व मंत्री और रहली विधायक गोपाल भार्गव ने कहा कि विश्नोई जी ने जिस मुद्दे को उठाया है, वह एक आपराधिक मामला होने के चलते ईओडब्ल्यू जांच के दायरे में आता है। उन्होंने सुझाव दिया कि चूंकि उपार्जन की प्रक्रिया में कई विभाग शामिल होते हैं, जैसे खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग और सहकारिता विभाग, इसलिए इस मामले की व्यापक जांच जरूरी है।
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