MP में 40 लाख किसानों के लिए खुशखबरी, ज्यादा मिलेगा ऋण, खेती की लागत होगी कम

मध्य प्रदेश में किसानों को ब्याजमुक्त फसल ऋण मिल रहा है, जिससे खेती की लागत कम होगी। 2024-25 में 33 लाख किसानों को 19 हजार 895 करोड़ रुपए का ऋण मिला, और 2025-26 में यह संख्या बढ़ाकर 40 लाख करने का लक्ष्य है।

author-image
Sandeep Kumar
एडिट
New Update
madhya-pradesh-interest
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

मध्य प्रदेश सरकार किसानों को ब्याजमुक्त फसल ऋण देने का बड़ा कदम उठा रही है, जिससे उन्हें खेती की बढ़ती लागत से राहत मिल सके। 2024-25 में खरीफ और रबी सीजन में 33 लाख किसानों को 19 हजार 895 करोड़ रुपए का अल्पावधि ऋण दिया गया था। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारना और उनकी खेती की लागत को कम करना है।

40 लाख किसानों को ऋण देने का लक्ष्य

मध्य प्रदेश सरकार का लक्ष्य 2025-26 में 40 लाख किसानों को ब्याजमुक्त ऋण देने का है। इसके लिए विभिन्न योजनाओं के तहत कृषि साख सहकारी समितियों का विस्तार किया जा रहा है। नई समितियां भी गठित की जा रही हैं, ताकि किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुसार सुलभ ऋण उपलब्ध हो सके।

ये खबर भी पढ़िए... पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त आने से पहले जान लें ये बातें, वरना रुक जाएगा पैसा

ऋण की सीमा का निर्धारण

सहकारिता विभाग के अधिकारियों के अनुसार, भूमि के क्षेत्र और औसत उत्पादन के आधार पर साख सीमा यानी ऋण की सीमा का निर्धारण किया जाता है। जैसे-जैसे खेती की लागत में वृद्धि हो रही है, वैसे-वैसे इन साख सीमाओं में भी वृद्धि की जा रही है। इससे किसानों को और अधिक ऋण मिल सकेगा, जिससे वे अपने खेतों की उपज बढ़ा सकें और खेती की लागत को नियंत्रित कर सकें।

ये खबर भी पढ़िए... गेहूं समर्थन मूल्य: एमपी में किसानों के लिए जरूरी खबर, इतने तारीख तक करा लें पंजीयन

500 नई समितियां बनाने का लक्ष्य

मध्य प्रदेश सरकार ने 500 नई सहकारी समितियां बनाने का लक्ष्य रखा है। इससे किसानों को अपने क्षेत्र में ही सारी सुविधाएं मिल सकेंगी। इन समितियों का कार्यक्षेत्र तीन पंचायतों से अधिक नहीं होगा। इसके अलावा, इन समितियों को विभिन्न व्यापारिक गतिविधियों से जोड़ने की योजना है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और अपने पैरों पर खड़ी हो सकें।

ये खबर भी पढ़िए... मालवा की फसलों पर नीलगायों का संकट, विधानसभा में विधायकों ने सुनाया किसानों का दुखड़ा

सहकारी बैंकों और नाबार्ड से वित्तीय सहायता

प्रदेश में ऋण की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सहकारी बैंकों और राष्ट्रीय ग्रामीण एवं कृषि सहकारी बैंक (नाबार्ड) से भी ऋण लिया जाएगा। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक अपनी पूंजी भी लगाएंगे ताकि 2025-26 में अनुमानित 21 हजार करोड़ रुपए का ऋण किसानों को उपलब्ध कराया जा सके।

ये खबर भी पढ़िए... मऊगंज में आदिवासियों का पुलिस पर हमला, ASI की मौत, भारी पुलिस बल तैनात

चार बिंदुओं में ऐसे समझिए पूरी स्टोरी

✅ मध्य प्रदेश सरकार किसानों को ब्याजमुक्त फसल ऋण प्रदान कर रही है। 2024-25 में 33 लाख किसानों को 19 हजार 895 करोड़ रुपए का अल्पावधि ऋण दिया गया था, और 2025-26 में यह संख्या बढ़ाकर 40 लाख किसानों तक पहुंचाने का लक्ष्य है।

✅ ऋण की सीमा भूमि के क्षेत्र और औसत उत्पादन के हिसाब से तय की जाती है। खेती की लागत बढ़ने के कारण साख सीमा में भी वृद्धि की जा रही है।

✅ एमपी में 4500 से अधिक प्राथमिक सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को ब्याजमुक्त ऋण दिया जाता है।

✅ 2025-26 में अनुमानित 21 हजार करोड़ रुपए का अल्पकालीन ऋण चाहिए होगा। जिसके लिए सहकारी बैंक और नाबार्ड से ऋण लिया जाएगा।

 

मध्य प्रदेश एमपी सरकार कर्जा MP News Loan सहकारी समितियां एमपी सरकार किसान Farmer loan waiver in Madhya Pradesh एमपी हिंदी न्यूज