कागजों में की गई धान खरीदी पर शुरू हुई कार्रवाई, कलेक्टर ने शुरू की जांच

मध्य प्रदेश के जबलपुर में कागजों में की गई धान खरीदी को लेकर प्रशासनिक कार्रवाई तेज हो गई है। जिला कलेक्टर ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं और सरकारी दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है।

author-image
Neel Tiwari
New Update
mp-rice-procurement-scam
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

जबलपुर में कागजों पर धान खरीद कर भ्रष्टाचार की मलाई खाने वाली समितियों पर अब प्रशासन की नजर टेढ़ी हो चुकी है। जबलपुर जिला कलेक्टर ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और जल्द ही दोषियों पर गाज गिरने वाली है।

5 से 6 समितियों में धान की शॉर्टेज, इरादतन गड़बड़ी का संदेह

जिले में धान खरीदी के दौरान 5 से 6 समितियों में शॉर्टेज दर्ज की गई है, जिसमें से 2-3 समितियों पर इरादतन गड़बड़ी का संदेह जताया जा रहा है। कलेक्टर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विशेष जांच दल (SIT) गठित कर दी है। जांच पूरी होने के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, कुछ समितियों में स्टॉक कागजों में दिखाया गया, लेकिन मौके पर धान नदारद मिला। प्रशासन अब इस बात की जांच कर रहा है कि यह लापरवाही है या सुनियोजित घोटाला। वहीं, किसानों के लंबित भुगतानों को जल्द पूरा करने के लिए भी कार्रवाई की जा रही है।

यह खबर भी पढ़ें... धान की खरीदी खत्म हुई तो सामने आने लगी गड़बड़ियां, सवा करोड़ का घोटाला

वेयरहाउस संचालक भी जांच के दायरे में

धान खरीदी में गड़बड़ी का मामला गहराता जा रहा है। प्रशासनिक जांच में सिर्फ समितियां ही नहीं, बल्कि वेयरहाउस संचालकों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। कलेक्टर को मिली शिकायतों के अनुसार, कुछ वेयरहाउस संचालक इस गड़बड़ी में शामिल हो सकते हैं, जिन्होंने कागजों पर धान स्टॉक दिखाया, लेकिन वेयरहाउस से वह धान नदारत है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच दल को वेयरहाउस की विस्तृत जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। यदि किसी भी वेयरहाउस संचालक की शामिल पाए गए , तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि गड़बड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और दोषियों पर जल्द ही कड़ी कार्यवाही होगी।

यह खबर भी पढ़ें... रास्ते से गायब हो रही मिलर्स के लिए भेजी गई धान, BJP विधायक अजय विश्नोई ने की शिकायत

यह हैं धान खरीदी में शॉर्टेज के आंकड़े

इस खरीदी सीजन में सरकार ने कुल 3,81,000 मेट्रिक टन धान खरीदा, जिसमें से अब तक 3,75,000 मेट्रिक टन का एक्सेप्टेंस जारी किया जा चुका है। यानी कि करीब 6,000 से 7,000 मेट्रिक टन धान की शॉर्टेज दर्ज की गई है, जिससे महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। जांच के दौरान यह आशंका जताई जा रही है कि कुछ समितियों में इरादतन गड़बड़ी कर धान की चोरी या हेरफेर की गई हो सकती है। वहीं, डेटा अपडेट न होने की लापरवाही के कारण भी स्टॉक में गड़बड़ी के मामले सामने आ सकते हैं। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने इन सभी अनियमितताओं को गंभीरता से लेते हुए विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं। जांच पूरी होते ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

यह खबर भी पढ़ें... सहारा जमीन घोटाला : 310 एकड़ जमीन बेचने के मामले में EOW ने 9 लोगों को नोटिस जारी

जांच के बाद होगी कार्रवाई

कलेक्टर ने स्पष्ट किया है कि जांच पूरी होते ही दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यदि किसी भी समिति, वेयरहाउस संचालक या अन्य व्यक्ति की संलिप्तता पाई जाती है, तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाए जाएंगे। प्रशासन यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहा है कि किसानों को उनके हक का पैसा मिले और धान खरीदी की प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे। जांच पूरी होते ही दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह की गड़बड़ी न हो सके।

यह खबर भी पढ़ें... तिरुपति लड्डू घोटाला: चार आरोपी गिरफ्तार, फर्जी दस्तावेजों से की घी सप्लाई

मध्य प्रदेश Jabalpur Collector Paddy Jabalpur News एमपी न्यूज एमपी न्यूज हिंदी घोटाला धान