/sootr/media/media_files/2025/02/13/Y584MJEFIhOI1f6lt4pj.jpg)
जबलपुर में शासन के द्वारा खरीदी गई धान के मिलर्स तक न पहुंचने को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। जिले से बाहर मिलर्स के लिए भेजी जा रही धान सही जगह नहीं पहुंच रही है, बल्कि रास्ते में ही कहीं और खपाई जा रही है। इसको लेकर बीजेपी विधायक अजय विश्नोई ने प्रशासन को पत्र लिखकर गंभीर आशंका जताई है। उनका कहना है कि मिलर्स तक धान न पहुंचने के पीछे किसी बड़े खेल की संभावना है। वहीं गड़बड़ी की शिकायत के बाद कलेक्टर ने विशेष जांच दल का गठन किया है।
धान आपूर्ति में अनियमितताओं की आशंका
पाटन से बीजेपी विधायक अजय विश्नोई ने अपने पत्र में स्पष्ट रूप से आरोप लगाया है कि जिले से बाहर भेजी जा रही धान में अनियमितताएं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि धान संभावित जिलों के मिलर्स तक पहुंचने की बजाय कहीं और भेज दी जा रही है, जिससे आपूर्ति की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इसके अलावा, विधायक ने यह आशंका भी जताई है कि धान का इस्तेमाल किसी अन्य व्यावसायिक उद्देश्य के लिए किया जा सकता है, जो कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के खिलाफ हो सकता है।
ये खबर भी पढ़ें..
महाकुंभ गया उद्योगपति, उधर गोदाम में रखवा दिया गरीबों का PDS चावल
कलेक्टर ने तुरंत बनाई जांच समिति
धान आपूर्ति में गड़बड़ी की शिकायत के बाद जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने एक विशेष जांच दल का गठन किया है। इस टीम को निर्देश दिए गए हैं कि वह धान की सप्लाई से जुड़े सभी दस्तावेजों की गहन जांच करे और यह सुनिश्चित करे कि भेजी गई धान सही स्थान तक पहुंच रही है या नहीं, मिलर्स को जारी किए गए ARO (Authorised Release Order) सही हैं या नहीं, क्या धान को रास्ते में ही कहीं और भेजा जा रहा है। जांच दल इन सभी पहलुओं पर बारीकी से नजर रखेगा और जल्द ही जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा, ताकि इस मामले में सच्चाई सामने आ सके और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके।
ये खबर भी पढ़ें..
गरीबों के चावल को खरीद माफिया बियर फैक्ट्री में भेज रहे थे, 800 कट्टे चावल पकड़ा गया
संबंधित जिलों के कलेक्टरों से मांगी जाएगी रिपोर्ट
कलेक्टर ने धान आपूर्ति में अनियमितताओं की जांच को लेकर संबंधित जिलों के कलेक्टरों से विस्तृत रिपोर्ट मांगने का आदेश दिया है। जांच दल यह सुनिश्चित करेगा कि मिलर्स को भेजी गई धान सही तरीके से वहां पहुंच रही है या नहीं। कलेक्टर ने कहा कि रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया जाए कि क्या धान की आपूर्ति पूरी पारदर्शिता के साथ हो रही है और कोई गड़बड़ी तो नहीं हो रही। संबंधित जिलों के अधिकारियों को जल्द से जल्द इस मामले में अपनी जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसी भी गड़बड़ी का तुरंत समाधान किया जा सके
इंदौर में भी सामने आ चुका है ऐसा मामला
धान आपूर्ति में गड़बड़ी का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले इंदौर में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था, जहां मिलिंग के लिए भेजी गई धान को बीयर बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने का गंभीर आरोप लगा था। इस खुलासे के बाद राज्य प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोषियों पर कड़ी सजा सुनिश्चित की थी। इस मामले ने पूरे प्रदेश में सनसनी फैलाई थी और प्रशासन ने स्पष्ट किया था कि ऐसे घोटालों को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ये खबर भी पढ़ें..
MP के इस जिले में बन रहे फर्जी जाति प्रमाण पत्र, एमपी ऑनलाइन सेंटर में जमकर फर्जीवाड़ा
बड़े घोटाले की आशंका
जांच दल की रिपोर्ट आने के बाद यदि इसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी सामने आती है, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने साफ किया है कि किसानों के हक से खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस पूरे मामले ने धान आपूर्ति की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा कर दिया है। यदि जांच में गड़बड़ी साबित होती है, तो यह एक बड़े घोटाले का संकेत हो सकता है। अब सबकी निगाहें जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगा।
ये खबर भी पढ़ें...
मध्य प्रदेश में 31 तहसीलदार और नायब तहसीलदारों का तबादला, देखें लिस्ट