जबलपुर के शिक्षा माफिया ने बनाई अभिभावकों को ब्लैकमेल करने की रणनीति

जबलपुर में करोड़ों की अवैध वसूली के बाद भी शिक्षा माफिया को शर्म नहीं आ रही है। तभी तो यह अपनी गलतियों में सुधार करने की बजाए, एकजुट होकर इस कार्यवाही से बचने अलग-अलग तरीके से दबाव बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं...

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Jitendra Shrivastava
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नील तिवारी, JABALPUR. लगभग 250 करोड़ की अवैध फीस उगाही करने वाला जबलपुर के शिक्षा माफिया अब छात्रों के भविष्य को अधर में लटकाकर अभिभावकों को ब्लैकमेल की रणनीति पर उतर आया है। इसके लिए बाकायदा संगठन की बैठक कर स्कूलों को अनिश्चितकाल तक न खोलने का निर्णय भी ले लिया गया है।

दिल्ली में हुई बैठक में बनी रणनीति

निजी स्कूलों के सूत्रों के अनुसार स्कूलों के वापस शुरू होने के ठीक 1 दिन पहले दोपहर में दिल्ली में बैठक की गई। जिसमें अन्य शहरों के स्कूल संचालक वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जुड़े। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि जिन भी स्कूलों के ऊपर शासन के द्वारा कार्यवाही की गई है वह अनिश्चितकाल तक नहीं खोले जाएंगे। आपको बता दें कि ग्रीष्मकालीन अवकाश समाप्त होने के बाद नियत किए गए दिन के अनुसार 18 जून से सभी स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों को बुलाया गया है। तो वहीं कुछ स्कूलों में छात्रों को 24 जून से बुलाया जा रहा है। लेकिन इस कार्यवाही में फंसे सभी स्कूलों ने एकजुट होकर यह निर्णय लिया है कि यह स्कूल अनिश्चितकाल के लिए नहीं खोले जाएंगे।

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स्कूलों ने व्हाट्सएप ग्रुप में भेज दिए मैसेज

जबलपुर के क्राइस्ट चर्च सालीवाड़ा, विजयनगर और स्टेम फील्ड विजयनगर के व्हाट्सएप्प ग्रुप में एडमिन के द्वारा भेजे मैसेज के अनुसार स्कूल का दोबारा खुलना अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है। पहले इन स्कूलों की 11वीं और 12वीं की कक्षाओं को 14 जून से शुरू करने की जानकारी दी गई थी तो वहीं 10वीं कक्षा सहित अन्य छोटी कक्षाओं के छात्रों को 24 जून से स्कूल दोबारा आने की सूचना दी गई थी। जिसे अब अनिश्चितकाल के लिए रद्द कर दिया गया है। इस तरह यह स्कूल अब अभिभावकों को ब्लैकमेल करने पर उतारू हो गए हैं। एक तरह से इन स्कूलों के द्वारा अभिभावकों का यह संदेश दिया जा रहा है कि आपकी शिकायत पर स्कूल के खिलाफ कार्यवाही की गई थी और अब स्कूल सभी छात्र-छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ करने को उतारू है।

मंगलवार से जॉइन करेंगे कलेक्टर, हो सकती है बड़ी कार्रवाई

जबलपुर के जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना के पुत्र के आकस्मिक निधन के बाद वह अवकाश पर थे। जिला कलेक्टर संभवतः मंगलवार से कार्यभार दोबारा संभालने वाले हैं। इसके बाद निजी स्कूलों के खिलाफ और भी कठोर कार्यवाही की जा सकती है। आपको बता दें कि स्कूल संचालकों के द्वारा अपनाए गए सभी हथकंडे फेल होते हुए नजर आ रहे हैं। लोअर कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक ने इस कार्यवाही को अब तक सही पाया है और आरोपियों को किसी भी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया है। उसके बाद भी अपनी गलती मानने की बजाय स्कूलों के द्वारा अपनाए जा रहे इस प्रकार के हथकंडों के कारण उनकी मान्यता तक रद्द करने के अधिकार शासन के पास हैं। ऐसे में तो इन स्कूल संचालकों को यही समझाइश दी जा सकती है कि अपनी गलती मानकर दोबारा इस तरह की गलती न दोहराने का प्रण करें। अन्यथा इस तरह के हाथकंडे उन पर और भी भारी पड़ सकते हैं।

कलेक्टर दीपक सक्सेना जबलपुर के शिक्षा माफिया अभिभावकों को ब्लैकमेल की रणनीति