फर्जी डिग्री से नौकरी मामलाः विधायक ने मंत्री से लेकर सीएमएचओ को लिया आड़े हाथों

जबलपुर के विक्टोरिया अस्पताल में फर्जी मार्कशीट से नौकरी पाने वाले कर्मचारी विजय पांडे के मामले ने स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्टाचार को उजागर किया। विधायक लखन घनघोरिया ने प्रभारी मंत्री और CMHO संजय मिश्रा पर आरोप लगाए, जबकि मिश्रा ने गिड़गिड़ाकर सफाई दी।

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Neel Tiwari
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Photograph: (The Sootr)

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JABALPUR. मध्यप्रदेश विधानसभा में जबलपुर के विक्टोरिया अस्पताल का नाम गूंज उठा और वजह थी एक फर्जी अंकसूची के आधार पर शासकीय नौकरी पाने वाले कर्मचारी विजय पांडे का मामला। यह सिर्फ एक व्यक्ति का व्यक्तिगत घोटाला नहीं, बल्कि स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त गंभीर भ्रष्टाचार और मिलीभगत की गाथा बनकर उभरा है। विधायक लखन घनघोरिया जिस समय मीडिया से बात कर रहे थे, उस दौरान जबलपुर के सीएमएचओ संजय मिश्रा उनके सामने गिड़गिड़ाते हुए कहते नजर आए कि हमने किसी को नहीं बचाया है।

फर्जी मार्कशीट से DPM की कुर्सी तक

जबलपुर के विक्टोरिया अस्पताल में DPM (जिला कार्यक्रम प्रबंधक) के पद पर कार्यरत विजय पांडे के खिलाफ विधायक लखन घनघोरिया ने विधानसभा में साल 2024 में प्रश्न पूछा था। शिक्षा मंत्री के जवाब से यह खुलासा हुआ था कि विजय पांडे ने 2002 की जिस हायर सेकेंडरी अंकसूची के आधार पर नौकरी प्राप्त की, वह अंकसूची ही फर्जी है।

विजय पांडे का रोल नंबर, पंजीयन क्रमांक और अंकसूची नंबर, यह तीनों शिक्षा मंडल के रिकॉर्ड में मौजूद ही नहीं। विद्यालय रिकॉर्ड में भी विजय पांडे का कोई नामोनिशान नहीं।फिर भी 2008 से यह व्यक्ति शासकीय नौकरी में कार्यरत है और अब DPM जैसे अहम पद पर बैठा है। अब विधायक लखन घनघोरिया ने शिक्षा मंत्री पर आरोप लगाए हैं कि वह इस फर्जी कर्मचारियों को बचाने के लिए अपने जवाब से पलट गए हैं।

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पहले भी सामने आ चुका है विक्टोरिया अस्पताल का फर्जीवाड़ा

यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी “द सूत्र” की रिपोर्ट में विक्टोरिया अस्पताल के ही कर्मचारी सुभाष शुक्ला के मामले का खुलासा किया था, जिन्होंने फर्जी अनुभव प्रमाणपत्रों और दस्तावेजों के दम पर सालों से नौकरी हथिया रखी है। इन मामलों से स्पष्ट होता है कि यह इकलौती घटना नहीं बल्कि व्यवस्थित घोटाला है, जिसमें सत्यापन तंत्र की नाकामी के साथ-साथ विभागीय संरक्षण की आशंका भी गहराई से जुड़ी हुई है।

5 पॉइंट्स में समझें पूरी खबर... 

फर्जी डिग्री से नौकरीः जबलपुर के विक्टोरिया अस्पताल में कार्यरत विजय पांडे ने 2002 की फर्जी हायर सेकेंडरी अंकसूची के आधार पर 2008 में शासकीय नौकरी प्राप्त की। इस आधार पर वह अब DPM (जिला कार्यक्रम प्रबंधक) पद पर कार्यरत हैं, जबकि संबंधित रिकॉर्ड में उनका नाम नहीं है।

विधायक लखन घनघोरिया की शिकायतः विधायक लखन घनघोरिया ने विधानसभा में इस मामले को उठाया और बताया कि शिक्षा मंत्री के जवाब से यह स्पष्ट हुआ कि विजय पांडे की अंकसूची फर्जी थी। घनघोरिया ने शिक्षा मंत्री पर आरोप लगाए कि वह फर्जी कर्मचारियों को बचाने के लिए अपने जवाब से पलट गए हैं।

विक्टोरिया अस्पताल में पहले भी हुआ फर्जीवाड़ाः विक्टोरिया अस्पताल में यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले सुभाष शुक्ला नामक कर्मचारी के फर्जी अनुभव प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी हासिल करने की जानकारी सामने आई थी, जिससे अस्पताल में भ्रष्टाचार और घोटाले की आशंका मजबूत हुई है।

CMHO संजय मिश्रा पर आरोपः जबलपुर सीएमएचओ संजय मिश्रा पर गंभीर आरोप हैं, जिनमें शासकीय सेवा में रहते हुए नियमों का उल्लंघन करना, अवैध रूप से निजी पैथोलॉजी लैब में निवेश करना और अपार चल-अचल संपत्ति जमा करना शामिल है। उनकी जांच लोकायुक्त द्वारा की जा रही है।

कार्रवाई की मांगः विधायक घनघोरिया ने इस मामले की SIT जांच की मांग की है और आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की बात की है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे फर्जी कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग में काम करेंगे तो इसका बुरा असर जनता को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं पर पड़ेगा।

सीएमएचओ संजय मिश्रा खुद जांच के घेरे में

इस पूरे तंत्र के मुखिया, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. संजय मिश्रा पर भी गंभीर आरोप हैं। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के बाद उनके खिलाफ लोकायुक्त जांच की जांच चल रही है।

संजय मिश्रा पर दो पत्नियों के साथ शासकीय सेवा में रहते हुए नियमों का उल्लंघन करने सहित अवैध रूप से निजी पैथोलॉजी लैब में निवेश और अपार चल-अचल संपत्ति के आरोप है जो जांच के दायरे में है। जानकार सूत्रों के अनुसार लोकायुक्त को सौंपे गए प्रारंभिक आरोप-पत्र में ये तथ्य प्रमाणित हो चुके हैं, और जल्द ही विस्तृत एफआईआर एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश हो सकती है।

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स्वास्थ्य विभाग में खड़ा है फर्जीवाड़े का किला - लखन घनघोरिया

विधानसभा में सवाल उठाने वाले विधायक लखन घनघोरिया ने कहा कि यह सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, पूरे सिस्टम की विफलता है। विधायक ने इस पूरे मामले की SIT जांच, DPM विजय पांडे की बर्खास्तगी की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस तरह की आरोपियों को बचाने वाले मंत्रियों से लेकर हर किसी व्यक्ति के पुतले जलाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह कोई आम मामला नहीं है यह स्वास्थ्य व्यवस्था से जुड़ा हुआ है और इस तरह के फर्जी कर्मचारी यदि स्वास्थ्य विभाग में काम करेंगे तो जनता को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं पर बुरा असर पड़ेगा। 

CMHO बोले सिर्फ राजनीतिक है बयान 

विधायक लखन घनघोरिया के मीडिया से बात करते समय जो सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा गिड़गिड़ा कर सफाई दे रहे थे, उनसे जब द सूत्र ने बात की तो उन्होंने बताया कि यह सारे आरोप राजनीति से प्रेरित है और जिस विजय पांडे पर आरोप लगाए गए हैं उसकी जांच होने के बाद उसे क्लीन चिट मिल चुकी है।

हालांकि विधायक यह पहले ही आरोप लगा चुके हैं कि विभाग सहित सीएमएचओ तक इस आरोपी को बचाने की जुगत में लगे हुए हैं। वहीं सवाल यह भी है कि जब सीएमएचओ इसे राजनीति से प्रेरित बता रहे हैं तो यही बात वह भोपाल में विधायक के सामने क्यों नहीं कह रहे थे और वहां पर उन्हें विधायक के सामने गिड़गिड़ा कर सफाई देने की जरूरत क्यों पड़ी।

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स्वास्थ्य सेवाएं या भ्रष्टाचार की प्रयोगशाला

इस पूरे मामले ने एक गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या जबलपुर जैसे बड़े शहर के सरकारी अस्पताल में नियुक्त डॉक्टर, प्रबंधक और अधिकारी योग्य हैं भी या नहीं? क्या फर्जी डिग्रीधारी हाथों में मरीजों की जान सुरक्षित है? शासन और प्रशासन की चुप्पी अब खुद एक सवाल बन चुकी है।

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