नो हेलमेट नो पेट्रोल: इंदौर के बाद अब मध्यप्रदेश के जबलपुर में भी बिना हेलमेट पेट्रोल नहीं मिलेगा। सड़क सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए एक प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है।
जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत जिलेभर में यह नियम लागू किया है, जिसके अनुसार बिना हेलमेट पहने दोपहिया वाहन चालकों को किसी भी पेट्रोल पंप से पेट्रोल नहीं दिया जाएगा।
जबलपुर में हर साल बढ़ रहीं दुर्घटनाएं
आदेश में बताया गया है कि विगत वर्षों में जबलपुर जिले में सड़क दुर्घटनाओं में लगातार वृद्धि हुई है। इनमें सबसे अधिक प्रभावित दोपहिया वाहन चालक रहे हैं। हेलमेट की अनदेखी इन दुर्घटनाओं को जानलेवा बना देती है।
प्रशासन का मानना है कि यदि वाहन चालक हेलमेट पहनें तो गंभीर चोटों और मौत की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी लाई जा सकती है। लेकिन अगर जमीनी हकीकत को देखें तो शहर में यातायात व्यवस्था का यह हाल है कि कोई भी ऐसी मुख्य सड़क नहीं है जहां पर जाम न लग रहा हो, वहीं शहर के ट्रैफिक सिग्नल बड़ी संख्या में बंद पड़े हैं और सीसीटीवी कैमरे भी काम नहीं कर नहीं कर रहे।
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पेट्रोल पंप संचालकों को भी चेतावनी
नए आदेश के तहत यदि कोई पेट्रोल पंप संचालक बिना हेलमेट वाले व्यक्ति को पेट्रोल देता है तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी। यह कार्रवाई भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के अंतर्गत की जाएगी। आदेश सभी पेट्रोल पंपों पर लागू रहेगा और इसे उल्लंघन करने पर लाइसेंस रद्द करने तक की कार्रवाई हो सकती है।
5 अगस्त से लागू, आपात स्थितियों में छूट
यह आदेश 5 अगस्त 2025 से जिले में प्रभावी रहेगा। हालांकि, मेडिकल आपातकाल या आकस्मिक स्थितियों में यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा। आमजन को सूचित करने के लिए यह आदेश एकपक्षीय रूप से जारी किया गया है, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका पालन करें और जागरूक बनें।
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लोग कर सकेंगे आपत्ति या सुझाव
अगर किसी व्यक्ति को इस आदेश से आपत्ति है या वह सुझाव देना चाहता है तो वह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 (5) के अंतर्गत आवेदन प्रस्तुत कर सकता है। आपत्ति दर्ज किए जाने की यह प्रक्रिया आदेश जारी होने की तिथि यानी 5 अगस्त से प्रभावशील रहेगी।
इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर विवादित रहा है नियम
एक ओर जबलपुर प्रशासन का यह आदेश सड़क सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है, वहीं दूसरी ओर नागरिकों का यह मानना है कि जब शहर का इंफ्रास्ट्रक्चर ही इतना डेवलप नहीं है कि हेलमेट के साथ सुरक्षित यात्रा की जा सके तो फिर हेलमेट लागू करना बेमानी है।
अगर जबलपुर की बात करें तो नए बन रहे फ्लाईओवर के आसपास तो यातायात की यह स्थिति है कि 100 मीटर गाड़ी चलाने में भी 20 मिनट लग जाता है। वहीं कई जगह सड़कों के यहां हाल हैं कि आए दिन ट्रैफिक जाम लगा होता है। शहर के 60% ट्रैफिक सिग्नल बंद पड़े हैं और ऐसे में हेलमेट लगाने को जरूरी बताने वाला आदेश नागरिकों के हलक से नहीं उतर रहा है।
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इंदौर में पहले ही लागू हो चुका है नियम
गौरतलब है कि इंदौर जिले में यह नियम पहले ही लागू किया जा चुका है, और वहां इसके मिलजुल परिणाम देखने को मिले हैं। इंदौर में स्वदेश के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जा चुका है।
वहीं अब ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें लोग पेट्रोल डालने के लिए कहीं दूसरों का हेलमेट ले रहे हैं तो कहीं दूध वाले, दूध के डिब्बे के ढक्कन को सर पर रखकर हेलमेट बताते हुए पेट्रोल डलवा रहे हैं। अब जबलपुर प्रशासन मैं जो आदेश जारी किया है वह जमीन पर कितना लागू होता है यह देखने वाली बात होगी।
ट्रैफिक नियम | हेलमेट अनिवार्य
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