महाकाल मंदिर में फिर टूटा प्रोटोकॉल, कथावाचक पुंडरिक गोस्वामी ने परिवार सहित की गर्भगृह में पूजा

महाकाल मंदिर के गर्भगृह में कथावाचक डॉ. पुंडरिक गोस्वामी महाराज ने परिवार के साथ प्रवेश करने के साथ ही पूजा भी की। प्रोटोकॉल के नियमों के तहत VIP एंट्री को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

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Sanjay Dhiman
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महाकाल मंदिर के गर्भगृह में कथावाचक डॉ. पुंडरिक गोस्वामी महाराज के परिवार के साथ पूजा करने को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। महाकाल मंदिर के प्रोटोकाॅल को तोड़कर गर्भगृह में प्रवेश की यह घटना चौथे सावन सोमवार को हुई, जब डॉ. गोस्वामी और उनके परिवार ने मंदिर के गर्भगृह में पूजा अर्चना की। इस दौरान कई महिलाएं भी जलाभिषेक करती हुई नजर आईं, जिनकी मौजूदगी पर सवाल उठ रहे हैं। क्या इन्हें प्रवेश की अनुमति थी या नहीं, इस पर मंदिर के अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है।  

क्या है महाकाल मंदिर गर्भगृह के प्रोटोकाॅल नियम 

मध्यप्रदेश के महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश को लेकर विशेष प्रोटोकॉल है। सामान्य श्रद्धालु केवल मंदिर के बाहरी भाग में ही पूजा कर सकते हैं। गर्भगृह में पूजा करने की अनुमति सिर्फ पुजारियों को ही होती है। इसके अलावा, विशेष व्यक्तियों को जैसे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री, राज्यपाल, शंकराचार्य, और महामंडलेश्वर को ही गर्भगृह में जाने की अनुमति दी जाती है।

मंदिर प्रशासन के अनुसार, यदि कोई बड़ा संत या धर्मगुरु मंदिर आता है, तो उन्हें गर्भगृह में प्रवेश दिया जा सकता है। हालांकि, डॉ. पुंडरिक गोस्वामी महाराज के मामले में यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें अनुमति दी गई थी या नहीं। सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया और कहा कि हो सकता है कि उन्हें प्रवेश दिया गया हो, क्योंकि वह एक बड़े संत हैं।  

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महाकाल मंदिर के गर्भगृह में कब-कब टूटे नियम

Mahakal Mandir Ujjain: Devotees Will Not Get Entry In The Sanctum Sanctorum  From May 23 To 27, Know What Is The Reason - Amar Ujala Hindi News Live - Mahakal  Mandir Ujjain:गर्भगृह

12 मार्च 2023: रंगपंचमी पर भाजपा नेता गोलू शुक्ला का पुत्र रुद्राक्ष शुक्ला भस्म आरती के दौरान गर्भगृह में पहुंच गया। इसका वीडियो और फोटो सामने आया। मंदिर समिति ने जांच रिपोर्ट तैयार कर समिति अध्यक्ष को भेज दी थी।

5 अप्रैल 2023: भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और इंदौर के विधायक रमेश मेंदोला गर्भगृह में पूजन करने के बाद ध्यान लगाते दिखाई दिए। 3 से 10 अप्रैल 2023 तक शहर में पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण थी। इस दौरान मंदिर प्रबंध समिति ने गर्भगृह में प्रवेश बंद कर दिया था।

1 दिसंबर 2023: शहर के दो एडिशनल एसपी जयंत राठौर और गुरुप्रसाद पाराशर ने चोला पहनकर गर्भगृह में प्रवेश किया और पूजा की। कलेक्टर ने कहा कि उन्हें अनुमति नहीं दी गई थी। सुरक्षाकर्मी, पुजारी और मंदिर के कर्मचारी बाहर खड़े थे। इसका वीडियो भी सामने आया।

8 जुलाई 2024: बीजेपी के प्रदेश संगठन प्रभारी महेंद्र सिंह और उनकी पत्नी ने गर्भगृह में महाकालेश्वर की पूजा की। इसका फोटो और वीडियो सामने आने के बाद विवाद हुआ। श्रद्धालु और पंडे-पुजारी भी नाराज हो गए थे।

10 अगस्त 2024: उज्जैन उत्तर के विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा का जन्मदिन था। इस मौके पर वे महाकाल मंदिर में पूजा करने पहुंचे। उनके साथ भाजपा के सराफा मंडल अध्यक्ष अजय तिवारी भी गर्भगृह में पूजन करते दिखाई दिए।

गर्भगृह में एंट्री पर है रोक

उज्जैन महाकाल मंदिर में सावन के महीने में श्रद्धालु डेढ़ किलोमीटर लंबी लाइन में लगकर 200 फीट दूर से दर्शन करते हैं। वीवीआईपी व्यक्तियों जिनमें प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री, राज्यपाल, शंकराचार्य, और महामंडलेश्वरको शामिल है को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति दी जाती है। मंदिर के नियमों के अनुसार, गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित है और केवल पुजारी ही वहां जा सकते हैं। वीआईपी लोग नंदी के नजदीक से दर्शन कर सकते हैं। 

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15 दिन पहले विधायक पुत्र ने तोडे़ थे नियम 

उज्जैन के महाकाल मंदिर में वीवीआईपी इंट्री के नियम आए दिन टूटते रहते है। अभी एक पखवाड़ा पूर्व ही इंदौर-3 से भाजपा विधायक गोलू शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष शुक्ला द्वारा भी गर्भगृह में प्रवेश करने व रोकने पर कर्मचारियों को धमकाने का मामला सामने आया था। इस मामले में काफी हंगामा भी हुआ था। इस दौरान महाकाल गर्भगृह का लाइव प्रसारण तक कुछ देर के लिए रुक गया था। 

महाकाल मंदिर का महत्व

उज्जैन का महाकाल मंदिर हिन्दू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है। यहां भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है और यह स्थान करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए अत्यधिक पवित्र है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के रूप में पूजा जाने वाला यह मंदिर सालभर श्रद्धालुओं से भरा रहता है। सावन के महीने में तो यहां विशेष पूजा-अर्चना होती है, जिससे हर ओर धार्मिक माहौल रहता है।

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