/sootr/media/media_files/2025/07/23/golu-shukla-son-rudraksh-2025-07-23-18-02-02.jpg)
इंदौर विधानसभा तीन के विधायक गोलू शुक्ला से ज्यादा चर्चे हमेशा उनके बेटे रुद्राक्ष शुक्ला के भौकाल के होते हैं। दरअसल अप्रैल में देवास माता टेकरी के मंदिर को आधी रात खुलवाने और पुजारी के साथ मारपीट करने के आरोपी रूद्राक्ष ने अब उज्जैन में बाबा महाकाल के मंदिर में प्रदर्शन किया है।
कलेक्टर उज्जैन ने जांच कमेटी बनाई है, जो विवादित हो चुकी है। रूद्राक्ष से ज्यादा कठघरे में मंदिर में तैनात अधिकारी, मंदिर प्रशासन के प्रथम कौशिक, उप प्रशासक एसएन सोनी और अन्य अधिकारी आ रहे हैं।
यह हुई है घटना
खुद को सनातनी विधायक बोलने वाले गोलू शुक्ला की कावड़ यात्रा का समापन 21 जुलाई की रात को बाबा महाकाल को पानी चढ़ाकर हुआ। इसके लिए गोलू रात को उज्जैन पहुंचे।
जानकारी के अनुसार वह और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय साथ थे, यह बाबा के दर्शन के लिए गए। इसके कुछ देर बाद रुद्राक्ष शुक्ला अपने करीब आठ दोस्तों की गैंग के साथ मंदिर में घुसे। आखिर में इन्हें भस्म आरती प्रभारी आशीष दुबे ने रोक लिया, इसके बाद भी रूद्राक्ष अपने दो अन्य दोस्तों के साथ जबरन अंदर घुस गया और दर्शन किए। बाकी लोग रूक गए।
गोलू और मंदिर उपप्रशासक के बयान से उलझी कहानी
गोलू शुक्ला का कहना है कि उन्हें बदनाम करने की साजिश की जा रही है। वे नियमों के अनुसार चलते हैं और उनके पास मंदिर प्रशासक से पांच लोगों की मंजूरी थी। अंदर जाने पर रोकने की कोशिश हुई थी इस पर हल्की कहासुनी भर हुई। उधर उप प्रशासक एसएन सोनी का कहना है कि किसी को भी अंदर जाने की मंजूरी नहीं थी, जो भी गए जबरदस्ती गए।
अब मंदिर में प्रवेश का रूट देखिए, हर जगह सीसीटीवी
मंदिर के गर्भगृह में जाने का रूट देखिए। शंकर द्वार से भक्त अंदर आते हैं, फिर कोटि तीर्थ द्वार से होते हुए सभा मंडपम पर जाते हैं। यहां पर 20 से ज्यादा अधिकारियों की ड्यूटी होती है। इसमें मंदिर प्रबंधन के कर्मचारी, एसडीएम, उप प्रशासक, सीएसपी जैसे अधिकारी भी होते हैं। यहां पूजन को जाने वाले सोला पहनते हैं। इसके बाद जालद्वार की ओर जाते हैं जहां लोहे का गेट होता है और इसके बाद वह गर्भगृह के पास जाते हैं। इस पूरे रूट पर जगह-जगह सीसीटीवी मौजूद होते हैं।
ये भी पढ़ें...ऑपरेशन सिंदूर के धमाकों के बीच प्रोजेक्ट GIB से बचाई सोन चिरैया की पुकार
मंजूरी नहीं थी तो फिर रोका क्यों नहीं
सभा मंडपम पर सब साफ होता है कि किसे मंजूरी है या नहीं है, इसकी पूरी जानकारी वहां ड्यूटी करने वाले अधिकारियों के पास होती है। फिर सवाल यह है कि किसी ने उन्हें रोका क्यों नहीं। यहां सभी उच्च स्तर के अधिकारी रहते हैं और सभी के पास मंदिर प्रशासक से आई लिस्ट होती है कि किसे अंदर जाकर दर्शन की मंजूरी जारी हुई है।
फिर सवाल यह है कि पूरे रूट के दौरान किसी ने भी रूद्राक्ष और उनके दोस्तों को रोका और पकड़ा क्यो नहीं। केवल भस्माआरती के समय प्रभारी आशीष दुबे द्वारा ही उन्हें क्यों रोका गया, जहां रूद्राक्ष और उनके दोस्तों ने दुबे के साथ बद्दतमीजी की।
सूत्रों के अनुसार दुबे का गला पकड़ा गया और जमकर उन पर जोर दिखाया गया। इस दौरान बाकी उप प्रशासक, प्रबंधन कर्मचारी, एसडीएम, सीएसपी यह सभी क्या कर रहे थे। क्या वह विधायक शुक्ला और उनके पुत्र के रौब के आगे झुक गए थे।
हरिओम जल चढ़ाने वालों के साथ घुसे
जानकारी के अनुसार बाबा महाकाल को प्रथम जल चढ़ता है जिसे हरिओम जल कहा जाता है। इसके लिए 15-20 लोग जाते हैं जो सालों से तय हैं और जाते हैं। इसके साथ कभी-कभार दो-चार लोगों को मंजूरी मिल जाती हैा और यह जाते हैं। जानकारी के अनुसार रूद्राक्ष इस दौरान मंदिर में घुसा। वहीं आश्चर्य की बात है कि इसी दौरान लाइव दर्शन की एक मिनट की फीड बंद हो गई है।
जांच कमेटी की जरूरत ही क्या ?
इसमें विवाद के बाद जांच कमेटी की गठित की गई है, जिसमें खुद ड्यूटी पर रहे उपप्रशासक एसएन सोनी भी है, उन्हें तो पहले ही वस्तुस्थिति पता है। दूसरे जयंत राठौर है जो पूर्व एडिशनल एसपी उज्जैन है और खुद अपने साथी गुरूप्रसाद पाराशर के साथ प्रोटोकाल तोड़कर गर्भगृह में घुस चुके हैं।
अब ऐसे में पहली बात तो जांच कमेटी कितनी निष्पक्षता से जांच करेगी। क्योंकि जयंत राठौर इंदौर में भी पदस्थ रहे हैं और वह गोलू शुक्ला के साथ अच्छी मित्रता वाले लोगों में शामिल है। उधर बात यह भी है कि कलेक्टर और प्रशासक ने मंजूरी दी या नहीं यह तो मंदिर प्रशासक प्रथम कौशि को पता ही है, और मौके पर 50 से ज्यादा सीसीटीवी है, इसे तो तत्काल देखा जा सकता है (वैसे देख भी लिया होगा) तो फिर यह तो एक घंटे का काम है कि रूद्राक्ष ने जबरदस्ती घुसकर दर्शन किए या नहीं, यह पता लगाया जा सकता है। इसके लिए यह जांच कमेटी बनाने और सात दिन में जांच करने का ढोंग क्यों हो रहा है। इसे अब मामला दबाने की कवायद अधिक माना जा रहा है।
देवास का मामला भी अधिकारियों ने पहले ऐसे ही दबाया
अप्रैल 2025 में जब रूद्राक्ष भैय्या ने देवास माता टेकरी पर आधी रात को भौकाल मचाया था, तब भी देवास के कलेक्टर, एसपी से लेकर टीआई सभी ने मामले के दबाने की भरपूर कोशिश की। लेकिन जब मामला तूल पकड़ा तो रूद्राक्ष को आरोपी बनाया और इसके बाद कार जब्त की। फिर राजनीतिक दबाव के बाद गोलू शुक्ला ने सुपुत्र को थाने भेजा और वह पांच मिनट में वहां से जमानत लेकर बाहर हो गए और मंदिर में जाकर पुजारी से माफी मांगी।
रूद्राक्ष के लगातार जारी है भौकाल
- रूद्राक्ष का देवास माता टेकरी का कांड तो चर्चित है ही जिसमें वह औपचारिक तौर पर आरोपी बने हैं।
- इसके पहले साल 2021 में भी सावन माह के दौरान रूद्राक्ष ने नियम विरूद्ध महाकाल मंदिर में प्रवेश किया और दर्शन किए। इसकी फोटो सोशल मीडिया पर डाली।
- रंगपमंचमी के दिन साल 2023 में रूद्राक्ष ने सोला पहना और भस्मआरती में प्रवेश किया था।
- इंदौर बीआरटीएस में पूरी गैंग के साथ कार दौड़ाई थी।
- विधायक लिखी कार, हूटर और बत्ती लिखी कार में नियमविरूद्ध घूमता है।
- इंदौर में दिलजीत शो में भौकाल मचा चुके हैं, तब दिलजीत से मिलने का दबाव डाला था।
प्रशासक, उप प्रशासक ने साधी चुप्पी
इस मामले में 'द सूत्र' ने प्रशासक प्रथम कौशिक को मैसेज किए और फोन कॉल भी, लेकिन उन्होंने सवाल का जवाब नहीं दिया। वहीं उप प्रशासनक एसएन सोनी ने केवल यही जवाब दिया कि मंजूरी मैं नहीं देता हूं प्रशासक द्वारा दी जाती है।
thesootr links
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- राजस्थान की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक
- जॉब्स और एजुकेशन की खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
- निशुल्क वैवाहिक विज्ञापन और क्लासिफाइड देखने के लिए क्लिक करें
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃
🤝💬👩👦👨👩👧👧👩