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कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ की गई विवादित टिप्पणी को लेकर MP के मंत्री कुंवर विजय शाह की मुसीबतें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। अब कांग्रेस नेता डॉ. जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए उनके खिलाफ याचिका दायर की है। इस याचिका में विजय शाह को मंत्री पद से हटाने की मांग की गई है। जया ठाकुर ने आरोप लगाया है कि विजय शाह का बयान संविधान के मूल्यों और मंत्री पद की शपथ के खिलाफ है।
कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान
कर्नल सोफिया कुरैशी हाल ही में पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर भारतीय वायुसेना की जवाबी कार्रवाई के बाद चर्चा में आई थीं। "ऑपरेशन सिंदूर" के प्रमुख चेहरे के रूप में उनकी पहचान बनी। लेकिन एक सार्वजनिक कार्यक्रम में मंत्री विजय शाह ने बयान दिया था कि"जिन्होंने हमारी बेटियों के सिंदूर उड़ाए थे। हमने उनकी बहन भेजकर उनकी ऐसी की तैसी करवाई।" यह बयान न सिर्फ विवादों में घिरा, बल्कि विपक्ष के निशाने पर भी आ गया। इसके बाद जबलपुर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के सख्त आदेश भी दिए थे।
संविधान की शपथ और अनुच्छेद 164(3) का उल्लंघन
डॉ. जया ठाकुर ने अनुच्छेद 32 के तहत याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि विजय शाह का बयान संविधान की तीसरी अनुसूची के तहत ली गई शपथ के खिलाफ है। मंत्री बनने के बाद जो शपथ ली जाती है, उसमें सभी नागरिकों के साथ बिना भेदभाव के न्याय करने का वचन दिया जाता है। याचिका में कहा गया है कि विजय शाह का बयान मुस्लिम समुदाय में अलगाव की भावना पैदा कर सकता है। यह देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचा सकता है।
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भारत की संप्रभुता को बताया खतरा
याचिका में कहा गया है कि विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकवादी की बहन कहकर अपमानजनक टिप्पणी की। यह टिप्पणी भारतीय सेना के सम्मान के खिलाफ है। यह पूरी मुस्लिम समुदाय को कटघरे में खड़ा करने वाली है। यह एक नफरत फैलाने वाला अपराध है, जो संविधान और कानून के शासन के विपरीत है।
तहसीन पूनावाला केस का हवाला
याचिका में सुप्रीम कोर्ट के उस ऐतिहासिक फैसले का हवाला दिया गया है, जो तहसीन पूनावाला मामले में आया था। उसमें अदालत ने कहा था कि किसी भी प्रकार की सांप्रदायिक हिंसा, घृणा अपराध और लिंचिंग जैसे कृत्य लोकतंत्र और संवैधानिक नैतिकता के खिलाफ हैं। डॉ. ठाकुर ने इसी सिद्धांत के आधार पर विजय शाह को अयोग्य ठहराते हुए उनके खिलाफ क्वो-वारंटो रिट की मांग की है।
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सुप्रीम कोर्ट पहले ही मामले पर कर रहा है विचार
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की डिविजनल बेंच पहले से ही इस पूरे विवाद पर सुनवाई कर रही है। 19 मई को कोर्ट ने आदेश दिया कि भाजपा मंत्री विजय शाह के खिलाफ दर्ज एफआईआर की जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) गठित की जाए। यह टीम मध्यप्रदेश से बाहर के तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों से बनाई जाएगी। साथ ही कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक भी लगा दी थी, जिसे 28 मई को दोबारा बढ़ा दिया गया था।
3 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी👉MP के मंत्री कुंवर विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी के बारे में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में विवादास्पद टिप्पणी की थी। उन्होंने कर्नल कुरैशी को आतंकवादी की बहन कहकर अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। 👉 कांग्रेस नेता डॉ. जया ठाकुर ने विजय शाह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका में मंत्री को उनके पद से हटाने की मांग की गई है। 👉 याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि विजय शाह का बयान भारत की संप्रभुता के लिए खतरे की तरह है। यह मुस्लिम समुदाय को कटघरे में खड़ा करने वाली एक घृणा फैलाने वाली टिप्पणी है। |
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