विधायक पुत्र रुद्राक्ष गोलू शुक्ला की थाने में हंसी ने खोली कलेक्टर, SP, ASP, CSP और TI की पोल

मध्यप्रदेश के देवास में विधायक पुत्र रुद्राक्ष गोलू शुक्ला के द्वारा चामुंडा टेकरी मंदिर में उत्पात मचाने और पुलिस द्वारा की गई लापरवाही को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

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Sanjay Gupta
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MP News : सनातनी विधायक गोलू शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष शुक्ला के देवास मां चामुंडा टेकरी मंदिर पर मचाए भौकाल का खुलासा द सूत्र ने पूरी दमदारी से किया। एक के बाद एक खुलासे किए, उनकी कार के नंबर, फोटो, वीडियो को उनकी दूसरी फोटो के साथ दिखाते हुए पुलिस को बताया कि यह वही कार है। अधिकारियों की भूमिका को लेकर साफ लिखा कि माता रानी से डरो साहब, इतना अंधेर ठीक नहीं है। शनिवार (12 अप्रैल) से मंगलवार (15 अप्रैल) तक के इस घटनाक्रम में तीन दिन तक अधिकारियों ने जो बोला, किया उसने बता दिया कि इन्हें मातारानी का नहीं बल्कि सत्ता और अच्छी पोस्टिंग खो जाने का डर अधिक रहता है। मंगलवार शाम को जिस तरह थाने में रुद्राक्ष शुक्ला हंसते हुए पेश हुए और हंसते हुए बाउंसर के घेरे में सुरक्षित निकले, यह हंसी इस सिस्टम में उसे बचाने के लिए जुटे सभी अधिकारियों खासकर खाकी पर थी।

विधायक पुत्र रुद्राक्ष गोलू शुक्ला की हंसी: सिस्टम पर तमाचा!

Dewas News: इंदौर विधायक गोलू शुक्‍ला के पुत्र रूद्राक्ष को बचाती रही पुलिस, दबाव के बाद मारपीट की धारा में केस दर्ज, थाने में मुस्‍कुराते दिखे

जब देवास में विधायक पुत्र रुद्राक्ष गोलू शुक्ला का नाम जुड़ा, तो पूरा प्रशासन सकते में था, लेकिन रुद्राक्ष की हंसी ने तो मानो सिस्टम को एक जोरदार तमाचा मारा। घटना के बाद, जहां एक तरफ पुलिस और प्रशासन खुद को बचाने के लिए घुमा फिरा रहे थे, वहीं रुद्राक्ष शुक्ला को अपने किए पर कोई पछतावा नहीं था। 

वह न सिर्फ थाने में हंसते हुए पेश हुआ, बल्कि अपनी पूरी सुरक्षा की व्यवस्था करके मुस्कुराते हुए बाहर भी निकला, जैसे ये सब कोई मामूली मजाक हो। उसे इस मामले में कोई डर नहीं था, बल्कि उसका यह 'तमाशा' सिस्टम की पूरी हंसी उड़ाते हुए चलता रहा। अधिकारियों ने जिनकी भूमिका पर सवाल उठ रहे थे, वो भी उसकी हंसी में शामिल हो गए, और उसके खिलाफ कार्रवाई का फैसला बस वक्त के साथ लटकता चला गया। 

इस हंसी में कोई ग्लानि नहीं, कोई शर्म नहीं, बस एक यह अहसास कि व्यवस्था में अपनी ताकत का पूरा खेल खेला जा सकता है। क्या यही है सिस्टम की असलियत?

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इनकी भूमिका पर उठे सवाल

देवास कलेक्टर ऋतुराज से लेकर एसपी पुनीत गेहलोद, एडिशनल एसपी जयवीर सिंह भदौरिया, सीएसपी दिक्षेश और टीआई कोतवाली श्यामचंद शर्मा की भूमिका सवालों के घेरे में रही।

किस अधिकारी की क्या रही भूमिका, क्या बोले

कलेक्टर ऋतुराज- माता का मंदिर प्रबंधन कलेक्टर के पास है। उनकी ओर से एसडीएम बिहारी सिंह व्यवस्थाएं देखते हैं। लेकिन कलेक्टर ने आगे बढ़कर इस घटना में पुलिस को शिकायत कर आरोपियों पर केस दर्ज नहीं कराया। बल्कि यही कहा कि आगे व्यवस्थाएं और मजबूत करेंगे, पुलिस कार्रवाई कर रही है।

एसपी पुनित गेहलोद- देवास एसपी की इकलौती बाइट इसमें सोमवार को सामने आई। इसमें उन्होंने कहा कि वीडियो जो सामने आए हैं उन्हें देख रहे हैं, वाहनों को चिह्नित कर एक और एफआईआर मोटर व्हीकल एक्ट में केस किया है। वहीं विधायक पुत्र रुद्राक्ष को लेकर हुए सवाल पर एसपी ने कहा कि रुद्राक्ष के अलावा उस काफिले में 20-25 लोग थे, पुजारी ने जो लिखित आवेदन दिया, इसमें उनका नाम है। सीसीटीवी फुटेज भी है, मामला जांच में है, दोनों केस विवेचनाधीन हैं। पुलिस पर पक्षपात का आरोप गलत है, जांच में समय लगता है।

एएसपी जयवीर सिंह भदौरिया- भदौरिया की पहली बाइट केस दर्ज होने के बाद सोमवार रात को सामने आई। जिसमें उन्होंने बताया कि रुद्राक्ष सहित नौ पर केस कर लिया है। लेकिन जब रुद्राक्ष शुक्ला के वाहन की बात पूछी गई तो यही कहा कि जांच में है अभी। मंगलवार को जब रुद्राक्ष थाने में पेश हुए तब रुद्राक्ष की पूरी सुरक्षा की गई और मुचलका काम में तेजी लाई गई, जिससे विधायक पुत्र को समस्या नहीं आए। मीडिया से कहा गिरफ्तारी कर वैधानिक कार्रवाई हो रही है।

सीएसपी दिक्षेश अग्रवाल- घटना के बाद रविवार को इनकी बाइट सामने आई और खुलकर विधायक पुत्र का नाम बचाते रहे, यहां तक उनका नाम लेने से कतराते रहे। इन्होंने कहा कि जीतू पर केस किया है, उस पर पहले भी कई केस हैं। बीजेपी विधायक के पुत्र पर हुए सवाल पर उनका बिना नाम लिए कहा कि मामला विचाराधीन है, मंदिर में 50-60 सीसीटीवी लगे हैं, इन्हें देख रहे हैं।

टीआई श्यामचंद्र शर्मा- इनकी तो बात ही निराली है, कोतवाली थाने से पहले तो पुजारी को भगा ही दिया और आवेदन लेने से मना कर दिया। उलटे थाने से इसकी खबर जीतू रघवांशी कर दी गई और जीतू ने पुजारी महेशनाथ को फोन कर धमकाया कि एफआईआर मत करो। जब पुजारी नहीं झुके तब लिखित आवेदन लिया, इसमें जीतू के साथ रुद्राक्ष का नाम साफ तौर पर था लेकिन केवल जीतू पर एफआईआर की और रुद्राक्ष का नाम छोड़ दिया।

एसडीएम बिहारी सिंह- इस कांड में इनकी भी भूमिका सही नहीं रही, आरोप है कि इन्होंने ही पीए सुरेश मुकाती से कहा था कि विधायक पुत्र आ रहे हैं, ऊपर कार जाने के लिए गेट खोल देना। इस पूरे मामले में मारपीट व अन्य घटना से अनजान बने रहे और प्रशासन की ओर से कोई शिकायत थाने में नहीं की गई।

इस घटना में कब क्या हुआ

  • शुक्रवार रात पौने एक बजे रुद्राक्ष शुक्ला अपने साथियों के साथ दर्जन भर वाहनों में, जिसमें बत्ती, हूटर लगा था, पहुंचे। पुजारी उपदेशनाथ के साथ बदतमीजी की, मारपीट की, गोली मारने की धमकी दी, कान खींचा, फिर पट खुलवाए और पूजा की।

  • शनिवार, 12 अप्रैल को पुजारी थाने में गए और मुख्य आरोपी जीतू, रुद्राक्ष के खिलाफ लिखित शिकायत की लेकिन केवल जीतू पर केस किया, बाकी विवेचना में लिया। इसके पहले तो आवेदन लेने से ही मना कर दिया। द सूत्र ने सबसे पहले दमदारी के साथ मुद्दा उठाया और विधायक पुत्र की करतूत उजागर की। उनके कांड पहले भी द सूत्र ने कई बार प्रकाशित किए हैं। फिर एक बार द सूत्र ने खुलासा किया।

  • रविवार, 13 अप्रैल तक मामला तूल पकड़ गया, कांग्रेस ने इसे भुनाना शुरू किया। लेकिन खाकी विधायक पुत्र को बचाने में जुटी रही और अन्य कार व कार चालकों को चिन्हित करती रही

  • सोमवार, 14 अप्रैल को इसमें पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने विधायक पुत्र के शराब के नशे में होने तक के आरोप लगा दिए। इस दौरान प्रदेशाध्यक्ष बीजेपी वीडी शर्मा का बयान आया कि कोई भी हो किसी का भी बेटा हो कार्रवाई होगी। द सूत्र ने विधायक पुत्र की विधायक लिखी कार की फोटो व अन्य जानकारियों का खुलासा किया। पुलिस पर दबाव बड़ा। अब तो कार भी सामने आ गई थी।

  • सोमवार रात को ही रुद्राक्ष पर गुपचुप केस दर्ज कर लिया।

  • मंगलवार, 15 अप्रैल को विधायक गोलू, रमेश मेंदोला ने तय किया कि देवास टेकरी पर जाकर पुजारी से माफी मांगेंगे। प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा इंदौर पहुंचे, सभी को बंद कमरे में बुलाया और फटकार लगाई और कहा कि सरेंडर कराओ पुत्र को। फिर रुद्राक्ष को थाने में शाम को पेश कराया गया और 50 मिनट में वह मुचलका भरकर हंसते हुए वापस आ गए और फिर टेकरी में जाकर पुजारी से माफी मांगी।

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इस दौरान बीजेपी नेताओ ने क्या किया

  • BJP सांसद, सनातनी विधायक सहित अन्य विधायक, महापौर सभी ने इस मामले में चुप्पी साध ली, जो हमेशा धर्म की दुहाई देते रहते हैं। किसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी

  • नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा छोड़ो यार

  • संघ के पूर्व प्रचारक नरेंद्र जैन ने सोशल मीडिया पर डाला कि सत्ता के लालच में कुकत्य कब तक ढोएगी बीजेपी, यदि बीजेपी पार्टी विथ डिफरेंस का दावा करती है तो उसे विधायक से इस्तीफा लेना चाहिए। बाद में उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति के तौर पर यह मेरे निजी विचार थे

  • प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा बोले कोई भी किसी का भी बेटा हो कार्रवाई होगी।

  • सभी हिंदू संगठन बजरंग दल, आरएसएस, वीएचपी सभी ने इस मामले में चुप्पी साधी और कुछ नहीं किया

कांग्रेस ने यह किया

CONGRESS के पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, पिंटू जोशी व अन्य नेता जरूर टेकरी पहुंचे और पुजारी से माफी मांगी और मंदिर में पूजा की और विधायक पुत्र को हिंदू औरंगजेब कहा। दिल्ली से सुप्रिया श्रीनेत ने तीखी टिप्पणी की और तो दिग्विजय सिंह ने हमला किया और बताया कि यही उनका धर्म के प्रति सम्मान और आस्था है।

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