मध्यप्रदेश के जबलपुर की व्हीकल फैक्ट्री में सुरक्षा उल्लंघन का मामला सामने आया है। यह फैक्ट्री देश की सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण संस्थान है। पिछले साल चुनाव प्रक्रिया के दौरान कुछ प्राइवेट कर्मचारी नियुक्त किए गए थे। इन कर्मचारियों ने फैक्ट्री से गोपनीय दस्तावेज चुराए।
फैक्ट्री की आंतरिक जांच में यह मामला सामने आया। पुलिस ने चार आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है।
फैक्ट्री से निकाले चुनाव से जुड़े दस्तावेज
जानकारी के अनुसार जबलपुर हाई सिक्योरिटी व्हीकल फैक्ट्री में पिछले साल चुनावों के दौरान क्लर्क के तौर पर कुछ प्राइवेट स्टाफ को अस्थाई रूप से नियुक्त किया गया था। चुनाव प्रक्रिया के दौरान ही इन कर्मचारियों ने फैक्ट्री से चुनाव संबंधित गोपनीय दस्तावेज, बिना किसी अधिकारी की अनुमति के, चोरी कर लिए और उन्हें बाहर ले गए।
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6 महीने चली जांच, सामने आए नाम
फैक्ट्री प्रबंधन को जब गोपनीय दस्तावेज चोरी का शक हुआ तो आंतरिक जांच शुरू की गई। फरवरी 2025 से जारी इस जांच के बाद आखिरकार छह महीने बाद यह साफ हुआ कि प्रीति यादव, सरस्वती कोल, सागर पटेल और सज्जन कुमार नामक चार प्राइवेट कर्मचारियों ने यह कारनामा किया है। इन चारों ने मिलकर बेहद सुनियोजित ढंग से दस्तावेजों की चोरी को अंजाम दिया।
रांझी थाने में FIR, आरोपी फरार
फैक्ट्री प्रबंधन ने पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार कर इसे रांझी पुलिस थाने को सौंपा, जिसके आधार पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 306 और 3(5) के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस का कहना है कि चारों आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं और उनके संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।
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कड़ी सुरक्षा के बीच दस्तावेज चोरी
सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील व्हीकल फैक्ट्री जैसी जगह पर इस तरह की लापरवाही ने फैक्ट्री की आंतरिक सुरक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि चुनाव के दौरान कर्मचारियों के अंदर आने और बाहर जाने में ढील बरती गई थी।
फैक्ट्री के कर्मचारियों में यह चर्चाएं तेज हैं कि यदि बाहरी लोगों को बिना कड़े वेरिफिकेशन के एंट्री दी जाती रही, तो अभी तो सिर्फ चुनाव से जुड़े हुए दस्तावेज चोरी हुए हैं, आगे चलकर इस तरह के मामले देश की रक्षा तैयारियों को भी नुकसान पहुंचा सकते है।
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