40 हजार की सैलरी की जगह 4 लाख हर महीने, बाबू ने कर दिया 7 करोड़ का घोटाला, ऐसे खुला राज

जबलपुर में एक बाबू ने 4 साल में करीब 7 करोड़ रुपए का गबन किया। जानिए कैसे उसने पिता की मौत के बाद अनुकंपा नियुक्ति से लेकर 40 हजार की जगह 4 लाख वेतन निकाला।

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Raj Singh
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मध्य प्रदेश के जबलपुर से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। यहां के स्थानीय निधि संपरीक्षा कार्यालय में कार्यरत बाबू संदीप शर्मा ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने करोड़ों का गबन कर लिया। यह घोटाला लगभग चार सालों तक चलता रहा और किसी को भनक तक नहीं लगी। हालांकि, फरवरी 2025 में तैयार हुई ऑडिट रिपोर्ट ने इस फर्जीवाड़े को उजागर कर दिया। बाबू संदीप शर्मा अब फरार है, और पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है। जानकारी के मुताबिक, बाबू संदीप शर्मा की नियुक्ति पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा आधार पर हुई थी, लेकिन इस नियुक्ति का गलत फायदा उठाकर उसने विभाग के फर्जी बिलों में हेरफेर करके कुल 7 करोड़ रुपए का गबन कर लिया।

घोटाले में संदीप शर्मा की भूमिका

संदीप शर्मा ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए विभागीय सैलरी बिलों में हेरफेर कर करीब 7 करोड़ रुपए का गबन किया। 44 हजार रुपए महीने की सैलरी को बढ़ाकर उसने 4 लाख रुपए प्रति माह की राशि निकालनी शुरू कर दी। इसके अलावा, संदीप शर्मा ने फर्जी बिलों के जरिए भी करोड़ों रुपए का गबन किया और अपने परिचितों के खातों में पैसे ट्रांसफर किए। इस घोटाले में सहायक संचालक प्रिया विश्नोई और ज्येष्ठ संपरीक्षक सीमा अमित तिवारी की भी संदिग्ध भूमिका सामने आई है, जिन्होंने संदीप को अपने लॉगिन पासवर्ड दिए थे।

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जांच और निलंबन की प्रक्रिया

घोटाले का खुलासा होते ही, कमिश्नर अभय वर्मा और कलेक्टर दीपक सक्सेना ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संदीप शर्मा और दो अन्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया। पुलिस ने बाबू संदीप शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और उसकी गिरफ्तारी के लिए जांच शुरू की। हालांकि, घोटालेबाज बाबू पहले ही फरार हो चुका था।

घोटाले के बारे में विस्तार से जानिए

दरअसल, संदीप शर्मा की सैलरी 44 हजार रुपए थी, लेकिन उसने अपने वेतन में हेरफेर करके प्रति माह 4 लाख 40 हजार रुपयए निकालने की योजना बनाई। इस प्रकार, वह एक साल में 53 लाख रुपए निकालने में सफल रहा। इसके अलावा, उसने विभागीय बिलों में भी छेड़छाड़ कर करीब 7 करोड़ रुपए निकाल लिए।

फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर घोटाला

संदीप शर्मा ने जनवरी 2025 में एक रिटायर्ड कर्मचारी के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया और उस पर फर्जी स्वीकृति आदेश तैयार करके 8 लाख 50 हजार रुपए निकाल लिए।

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पुलिस की कार्रवाई और जांच

फरार बाबू की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने उसे तलाशने के लिए अभियान शुरू कर दिया है। हालांकि, अब तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है, और जांच जारी है।

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