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जबलपुर जिले में सरकारी पैसा गबन के मामलों में जिला पंचायत ने सख्त रुख अपनाते हुए दो पूर्व सरपंचों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की है। मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम की धारा-92 के अंतर्गत चल रही सुनवाई में एक पूर्व सरपंच को जेल भेजा गया है, जबकि दूसरे के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। यह पहली बार है जब जिला पंचायत के कोर्ट विहित प्राधिकारी द्वारा ऐसे मामलों में सीधे जेल भेजने जैसी कठोर कार्रवाई की गई हो।
गौरी पंचायत के पूर्व सरपंच ने हजम की विकास की राशि
जनपद पंचायत कुण्डेश्वरधाम की ग्राम पंचायत गौरी के पूर्व सरपंच संत कुमार चौधरी पर लगभग 4 लाख 71 हजार रुपये की शासकीय राशि गबन करने का आरोप सिद्ध हुआ। यह राशि भवन मरम्मत, नाली निर्माण और बाउंड्रीवाल निर्माण के लिए स्वीकृत की गई थी, जिसे सरपंच ने अपने व्यक्तिगत खाते में ट्रांसफर कर लिया था। न्यायालय विहित प्राधिकारी ने पूर्व में उन्हें राशि जमा करने का अवसर भी दिया, लेकिन संतोषजनक उत्तर और राशि जमा न कराने के कारण 20 मई को उन्हें गिरफ्तार कर केंद्रीय जेल जबलपुर भेज दिया गया।
पौडीकला के पूर्व सरपंच पर भी गिरफ्तारी की तलवार
इसी तरह जनपद पंचायत पाटन की ग्राम पंचायत पौडीकला के पूर्व सरपंच रामचरण बर्मन पर प्राथमिक शाला पौडीखुर्द के लिए स्वीकृत 20 हजार रुपये के गबन का आरोप है। जिला पंचायत के न्यायालय विहित प्राधिकारी (court prescribed authority) द्वारा उनके विरुद्ध पूर्व में वसूली आदेश पारित किया गया था, लेकिन लगातार अनुपस्थित रहने और राशि जमा न करने के चलते गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया। उन्हें 20 मई की सुनवाई में उपस्थित होना था, लेकिन न तो आरोपी सरपंच उपस्थित हुए, न ही कोई जवाब प्रस्तुत किया।
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धारा-92 के तहत 45 प्रकरणों में हुई कार्रवाई
जिला पंचायत CEO अभिषेक गहलोत से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बीते दो माह के भीतर धारा-92 के अंतर्गत 45 प्रकरणों की सुनवाई की गई। इनमें से 15 प्रकरणों में 10 लाख 30 हजार रुपये की वसूली की गई और 8 प्रकरणों में 13 लाख 17 हजार 694 रुपये की राशि से विकास कार्य पूरे कराए गए। शेष मामलों में दोषियों को नोटिस जारी कर राशि जमा कराने की प्रक्रिया जारी है।
नहीं बख्शे जाएंगे गबन करने वाले
जिला पंचायत के इस कदम से यह भी संकेत मिला है कि अब ग्राम पंचायत स्तर पर हुए वित्तीय अनियमितताओं पर केवल रिपोर्ट बनाकर छोड़ देने का समय खत्म हो चुका है। धारा-92 के अंतर्गत आगे भी दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
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