EWS अभ्यर्थियों को UPSC में 9 अटेम्प्ट और एज रिलैक्सेशन देने से हाईकोर्ट का इनकार

जबलपुर हाईकोर्ट ने ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) कैंडिडेट्स की याचिकाओं को खारिज करते हुए उन्हें UPSC में आयु सीमा में छूट या अधिक अटेम्प्ट देने से इनकार कर दिया है।

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Neel Tiwari
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UPSC में 9 अटेम्प्ट सहित आयु सीमा में छूट मिलने की आस में बैठे ईडब्ल्यूएस कैंडिडेट्स को जबलपुर हाईकोर्ट से झटका मिला है। जबलपुर हाईकोर्ट ने EWS कैंडिडेट्स की सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए, आयु सीमा में छूट देने या अधिक अटेम्प्ट देने से इनकार कर दिया है। ईडब्ल्यूएस कैटेगरी की अभ्यर्थियों को UPSC में 9 अटेम्प्ट देने सहित डीओपीटी के अंतर्गत आयु सीमा में छूट देने की याचिकाओं को हाईकोर्ट ने खारिज करते हुए यह साफ कर दिया है कि संविधान में EWS वर्ग के अभ्यर्थियों को आयु सीमा में छूट देने का कोई प्रावधान नहीं है।

ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों ने दायर की थी याचिका

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की मुख्य पीठ जबलपुर में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों ने UPSC में अन्य आरक्षित वर्गों की तरह ही EWS कैंडिडेट्स को भी अटेम्प्ट में छूट दिए जाने के लिए याचिका दायर की थी। इसके साथ ही कुछ अभ्यर्थियों ने DoPt के अंतर्गत की जाने वाली भर्तियों में आयु सीमा की 5% छूट की मांग भी याचिका के द्वारा की थी। जबलपुर हाईकोर्ट में इन 17 याचिकाओं को एक साथ क्लब कर 18 मार्च को इस पर अंतिम फैसला सुनाया, जिसमें यह सभी याचिकाएं खारिज हो गई है।

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संविधान में नहीं है ईडब्ल्यूएस के लिए ऐसा कोई प्रावधान 

चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की डिविजनल बेंच ने इस मामले की सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित कर लिया था। 18 मार्च को दिए गए 44 पन्नों के अंतिम आदेश में हाईकोर्ट ने संविधान के 103 संशोधन से लेकर 105 संशोधन तक का विस्तृत विश्लेषण किया। इसके साथ ही कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के जनहित अभियान विरुद्ध यूनियन ऑफ इंडिया मामले के आदेश का भी संज्ञान लिया जो पांच जजों की बेंच द्वारा जारी किया गया था। जिसके आधार पर हाईकोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि संविधान के अनुसार ऐसा कोई भी नियम नहीं है जिसके आधार पर ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों को आयु सीमा में छूट या अधिक अटेम्प्ट दिए जा सके। 

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UPSC और DoPt में भी नहीं है ऐसा कोई नियम 

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह लिखा कि संविधान के संशोधन के अलावा संघ लोक सेवा आयोग या डीओपीटी के नियमों में भी ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसके आधार पर ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों को छूट मिल सके। हाई कोर्ट ने यह भी माना की आरक्षण के मामले में केंद्र और राज्य में मिल रहे लाभ अलग-अलग हो सकते हैं। उदाहरण के तौर पर केंद्र में ओबीसी की लिस्ट अलग होती है एवं अलग-अलग राज्यों में जनसंख्या के आधार पर ओबीसी की अलग लिस्ट बनती है। तो केंद्र के द्वारा मिल रहे लाभ को इस आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती। इसके साथ ही हाई कोर्ट के द्वारा सभी 17 याचिकाओं को खारिज करते हुए या साफ कर दिया गया है कि ईडब्ल्यूएस कैंडिडेट्स को आयु सीमा में छूट या यूपीएससी में अधिक अटेम्प्ट नहीं मिलेंगे।

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