JABALPUR. मध्य प्रदेश के जबलपुर में निजी स्कूल संचालकों को हाईकोर्ट से झटका लगा है। उनकी याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई को चुनौती देने वाली एक दर्जन से ज्यादा याचिकाओं को खारिज किया है। इसमें छात्रों से अतिरिक्त वसूली गई फीस वापसी का आदेश भी शामिल था। निजी स्कूल संचालकों ने जिला समितियों द्वारा अतिरिक्त वसूली गई फीस वापस करने के आदेश पर याचिका लगाई गई थी।
मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार
मामले पर जस्टिस एमएस भट्टी की कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को यह कहते हुए स्कूल संचालकों की याचिका रद्द कर दी है कि स्कूलों के पास राज्य स्तरीय समिति के पास जाने का विकल्प उपलब्ध है, इस स्तर पर कोर्ट के लिए मामले में हस्तक्षेप करना उचित नहीं होगा।
स्कूलों ने दिया था ये तर्क
स्कूलों ने याचिकाओं में कहा कि जिला समितियों ने उनसे जिला समिति द्वारा तय सीमा से ज्यादा फीस वृद्धि को वापस लेने को कहा है। विद्यार्थियों से पहले से वसूली गई अतिरिक्त राशि वापस करने को कहा है। उन्होंने तर्क दिया कि जिला समितियों को स्कूलों की फीस तय करने का अधिकार नहीं है। स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले उन्हें सुनवाई का मौका भी नहीं दिया गया।
संतोषजनक जवाब नहीं देने पर दिए थे नोटिस
मामले में प्रशासन का कहना है कि निजी स्कूलों के लिए 2020 में बनाए नियमों के अनुसार स्कूल पिछले तीन साल के अपने वार्षिक आय-व्यय से जिला समिति को अवगत कराएंगे। फीस वृद्धि होने पर जानकारी देंगे। जानकारी नहीं मिलने पर संबंधित स्कूलों को नोटिस जारी किए गए। नोटिस का जवाब भी संतोषजनक नहीं पाया गया। इसके बाद उनके खिलाफ नियम विरूद्ध बढ़ाई गई फीस वापसी का आदेश किया गया है।
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राज्य समिति से अपील करने का विकल्प
स्कूलों को समिति के सामने अपनी बात रखने के लिए अवसर दिया गया था। जिला समिति के आदेश के खिलाफ राज्य समिति के समक्ष अपील करने का विकल्प अभी भी उनके पास है। सरकारी वकील की दलीलों से सहमत होकर कोर्ट ने सभी याचिकाओं को समय से पहले और इस स्तर पर कोर्ट के हस्तक्षेप की जरूरत न बताते हुए खारिज कर दिया।
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