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जबलपुर में अपराध का इस स्तर तक बढ़ गया है कि सुनसान जगह पब्लिक ट्रांसपोर्ट तो दूर की बात है अब बच्चियां अपने पॉर्श एरिया में बने अपार्टमेंट के पार्किंग प्लेस में भी सुरक्षित नहीं हैं। ऐसी एक घटना जबलपुर में सामने आई है जिसमें एक बुजुर्ग ने बच्ची के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की है। जबलपुर के ग्वारीघाट क्षेत्र से एक बेहद चिंताजनक मामला सामने आया है, जहां एक 12 साल की मासूम बच्ची के साथ 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग व्यक्ति ने गलत हरकत करने की कोशिश की। सुनसान जगह पाकर आरोपी ने बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाने की कोशिश की।
बच्ची के चिल्लाने पर आरोपी डरकर भागा
इस वारदात को अंजाम देने वाला आरोपी उस बिल्डिंग के सीसीटीवी कैमरा और उसके कवरेज से भली भांति वाकिफ था। इसीका फायदा उठाते हुए उसने बच्ची को कारों के बीच उस जगह पर दबोचा जहां पर सीसीटीवी का कवरेज नहीं था। उसने बच्ची से छेड़खानी की, लेकिन जब बच्ची ने चिल्लाना शुरू किया तो आरोपी डर गया और उसे छोड़कर वहां से भाग गया। बच्ची वहां से भाग कर अपने घर तक पहुंची और परिजनों को उसने मामले की सूचना दी।
पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज
जिसके बाद परिवार ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। बच्ची के बयान के आधार पर पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए भारतीय दंड संहिता (BNS) और पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) के तहत आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने एक बार फिर बच्चों की सुरक्षा को लेकर समाज में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत को उजागर किया है।
आरोपी की तलाश में जुटी पुलिस
ग्वारीघाट क्षेत्र में मासूम बच्ची के साथ हुई शर्मनाक हरकत के बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई शुरू कर दी है। शिकायत दर्ज होते ही पुलिस ने आरोपी की तलाश के लिए टीम गठित की और उसके संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। फिलहाल आरोपी फरार है, लेकिन पुलिस लगातार उसकी लोकेशन ट्रेस करने में जुटी हुई है। ग्वारीघाट थाना प्रभारी ने आश्वासन दिया है कि आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार कर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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क्या अपार्टमेंट और सोसाइटी भी सुरक्षित नहीं
ग्वारीघाट क्षेत्र में अपार्टमेंट की पार्किंग में मासूम बच्ची के साथ हुई घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। आमतौर पर हाई-प्रोफाइल सोसाइटी में लोग खुद को सुरक्षित मानते हैं, लेकिन इस शर्मनाक घटना ने सभी को सतर्क कर दिया है। अगर ऐसे गेटेड कम्युनिटी में भी बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं, तो फिर सुरक्षा की गारंटी कहां है। यह मामला अपार्टमेंट्स और सोसाइटी में सुरक्षा उपायों को और सख्त करने की जरूरत को दर्शाता है। अब सवाल यह उठता है कि क्या अपार्टमेंट्स में रहने वाले लोग वास्तव में सुरक्षित हैं, या सिर्फ एक भ्रम में जी रहे हैं?
बच्चों की सुरक्षा, सतर्कता और सावधानी जरूरी
आज के दौर में बच्चों की सुरक्षा सबसे अहम मुद्दा बन गया है। पार्किंग और अन्य सुनसान जगहों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की जरूरत है, जहां सीसीटीवी कैमरों की निगरानी बढ़ाई जाए और उनकी नियमित जांच हो। सोसाइटी और अपार्टमेंट्स में बाहरी लोगों की एंट्री पर सख्ती बरती जाए ताकि कोई अनजान व्यक्ति आसानी से प्रवेश न कर सके। साथ ही, माता-पिता और स्कूलों को बच्चों को सतर्क रहने की शिक्षा देनी चाहिए, जिससे वे किसी भी अनजान व्यक्ति से दूरी बनाए रखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें। सुरक्षा हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए, ताकि बच्चे सुरक्षित और निडर माहौल में बड़े हो सकें।