जबलपुर कृषि उपज मंडी की नवीन मटर मंडी में दुकानों के आवंटन को लेकर व्यापारी संघ ने एक बड़े प्रशासनिक घोटाले की ओर इशारा किया है। व्यापारी संघ ने पुलिस अधीक्षक जबलपुर को सौंपी गई शिकायत में आरोप लगाया है कि मंडी सचिव राजेश सैयाम और निर्माण शाखा के कर्मचारियों द्वारा सीलबंद निविदा लिफाफे न केवल खोले गए, बल्कि उनमें छेड़छाड़ कर उनकी गोपनीयता भी भंग की गई। यह कार्रवाई उस आदेश के बावजूद की गई, जिसमें मंडी बोर्ड भोपाल द्वारा 15 अप्रैल 2025 को समस्त निविदाएं निरस्त करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए थे।
गोपनीय जानकारी लीक करने की आशंका
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सीलबंद लिफाफों को खोलकर कर्मचारियों ने सभी निविदाकारों की बिडिंग राशि की जानकारी प्राप्त कर ली थी। इसके बाद यह आशंका जताई जा रही है कि इस संवेदनशील और गोपनीय जानकारी को जानबूझकर कुछ अन्य निविदाकारों को लीक किया गया, जिससे वे थोड़ी अधिक रकम की नई निविदाएं भर सकें और अनुचित लाभ उठा सकें। यदि यह आरोप सही साबित होते हैं, तो यह न केवल पारदर्शिता की धज्जियां उड़ाने वाला मामला है, बल्कि भ्रष्टाचार की गहरी साजिश की ओर भी इशारा करता है।
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व्यापारियों के डिमांड ड्राफ्ट निकाले
व्यापारियों ने शिकायत में यह भी बताया है कि जब उन्होंने अपने सीलबंद लिफाफों की वापसी की मांग की, तब उन्हें जानकारी मिली कि लिफाफे पहले ही फाड़े जा चुके हैं और उनमें से डिमांड ड्राफ्ट (D.D.) भी निकालकर उन्हें लौटाने की प्रक्रिया चल रही है। यह पूरी प्रक्रिया न केवल नियमों के विपरीत है, बल्कि यह उस जांच प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास भी हो सकता है जो मंडी सचिव के खिलाफ पहले से चल रही है। व्यापारी संघ का स्पष्ट आरोप है कि यह सब साक्ष्य मिटाने और जांच को गुमराह करने के लिए किया गया।
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दोषियों पर कानूनी कार्यवाही की मांग
कृषि उपज मंडी व्यापारी संघ जबलपुर द्वारा दी गई शिकायत में मांग की गई है कि पूरे मामले की गहराई से जांच की जाए और मंडी सचिव सहित सभी दोषी कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सख्त कानूनी कार्यवाही हो। संघ ने इस घटनाक्रम को सरकारी आदेशों की अवहेलना, गोपनीय दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ और व्यापारियों के साथ विश्वासघात करार दिया है।
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मंडी में बढ़ती अनियमितताओं पर प्रशासन मौन
यह कोई पहला मामला नहीं है जब मंडी समिति पर प्रक्रिया के दुरुपयोग और पारदर्शिता के उल्लंघन के आरोप लगे हों। व्यापारी वर्ग में इसे लेकर भारी नाराजगी है और यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो मामला और अधिक तूल पकड़ सकता है। व्यापारी संघ ने चेतावनी दी है कि यदि पुलिस और प्रशासन इस गंभीर विषय पर शीघ्र संज्ञान नहीं लेते, तो आंदोलन का रास्ता भी अपनाया जा सकता है।
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