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Photograph: (the sootr)
INDORE. द सूत्र ने खुलासा किया था कि एक नायब तहसीलदार, पटवारी और मध्यस्थ के गठजोड़ ने मिलकर एक फरियादी से 50 लाख की रिश्वत मांगी है। इस खुलासे के बाद इंदौर से लेकर भोपाल तक हड़कंप मच गया। इसके बाद पटवारी को तत्काल सस्पेंड किया गया और बाद में जांच के बाद कलेक्टर आशीष सिंह के प्रस्ताव पर संभागायुक्त दीपक सिंह ने नायब तहसीलदार नागेंद्र त्रिपाठी को सस्पेंड कर दिया। लेकिन इसके बाद भी नायब तहसीलदार की ठसक कम नहीं हुई और नया कांड कर दिया।
महिला अधिकारी को दी धमकी
नायब तहसीलदार त्रिपाठी को गुरुवार सुबह जैसे ही पता चला कि एसडीएम महिला अधिकारी की जांच रिपोर्ट के कारण ही कलेक्टर उन्हें सस्पेंड कर रहे हैं, वह गुस्से में मैडम के कक्ष में गया। वहां उन्हें जमकर धमकी दी। सूत्रों के अनुसार नायब तहसीलदार ने मैडम को देख लेने की धमकी देते हुए कहा कि यह ठीक नहीं किया आपने, मेरा इस मामले से लेना-देना नहीं था, लेकिन मुझ पर पूरा दोष डाल दिया गया। अब मैं आपको देख लूंगा. यह ठीक नहीं किया आपने। इसके बाद गुस्से से बाहर चला गया।
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मैडम ने नहीं की औपचारिक शिकायत
इस मामले की मैडम ने औपचारिक तौर पर कोई शिकायत नहीं की है, इसके चलते नागेंद्र इस मामले में कार्रवाई से बच गए हैं। लेकिन इस घटना से कलेक्टोरेट में नागेंद्र त्रिपाठी के खिलाफ जमकर गुस्सा है।
कार्रवाई रूकवाने की खूब की कोशिश
इसके पहले नागेंद्र ने यह कार्रवाई की भनक लगने के बाद इसे रूकवाने के लिए खूब कोशिश की। पहले कलेक्टर स्तर पर प्रयास किए, लेकिन जब उन्होंने प्रस्ताव संभागायुक्त दीपक सिंह के पास भेज दिया तो वहां भी जाकर फाइल रूकवाने की कोशिश की, लेकिन संभागायुक्त ने भी नागेंद्र को सस्पेंड कर दिया और मुख्यालय कलेक्टोरेट में अटैच कर दिया।
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द सूत्र ने किया था खुलासा
इंदौर कलेक्टोरेट में नायब तहसीलदार, पटवारी के साथ मध्यस्थ के बने गठजोड़ द्वारा 50 लाख की रिश्वत मांगे जाने के मामले में द सूत्र के खुलासे के बाद संकुल में सनसनी मच गई थी। इसमें नायब तहसीलदार नागेंद्र के साथ पटवारी ओम त्रिपेश और मध्यस्थ शान पटेल शामिल थे।
यह था पूरा मामला
कलेक्टर सिंह ने बताया था कि इस संबंध में शिकायत मिली थी और ऑडियो भी थी। इसके आधार पर पटवारी को सस्पेंड कर दिया गया। नायब तहसीलदार की भूमिका की जांच की गई है, हालांकि उनकी कोई रिकार्डिंग नहीं थी। लेकिन उनकी भी जांच के आदेश दिए गए थे। एसडीएम द्वारा नायब तहसीलदार की भूमिका की जांच गई और इसकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की गई।
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संदेहास्पद मिली त्रिपाठी की भूमिका
एसडीएम जांच के बाद हल्का पटवारी के माध्यम से राजस्व प्रकरण के निराकरण में अनुचित तरीके से राशि मांगने के आरोपों के संबंध में त्रिपाठी की भूमिका संदेहास्पद पाई गई है। त्रिपाठी द्वारा मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता के प्रावधानों का पालन किए बिना व बिना स्थल निरीक्षण किए, मात्र पटवारी द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के आधार पर शासकीय भूमि से निजी खातेदार को नई मांग उपलब्ध कराया गया। भूमि शासकीय होने से भूमि में शासन का हित निहित था और शासन हितरक्षण करने का दायित्व संबंधित तहसीलदार का था।
इन अधिकारियों पर लगे थे गंभीर आरोप
इंदौर मल्हारगंज के नायब तहसीलदार नागेंद्र त्रिपाठी के साथ ही भांग्या के पटवारी ओम त्रिपेश के साथ ही एक मध्यस्थ शान पटेल पर यह गंभीर आरोप लगे थे। आरोप थे कि इंदौर उज्जैन रोड स्थित एक होटल व्यवसाई की संपत्ति के नामांतरण केस में यह रिश्वत मध्यस्थ शान पटेल के जरिए मांगी गई। आरोप यह भी था कि शान पटेल लगातार नायब तहसीलदार के ही चेंबर में मिलता था और यहीं पर बात होती थी।
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रेसीडेंसी बुलाने के आरोप, पटवारी की ऑडियो सामने आई
इस मामले में आरोप था कि पहले फरियादी के अधिवक्ता राहुल दवे से इस मामले में डील की कोशिश की और दवे को कहा गया कि वह शान पटेल से बात कर लें। लेकिन जब उन्होंने 50 लाख की रिश्वत बोली तो होश उड़ गए और मना कर दिया। इसके बाद पटवारी ने सीधे पार्टी को फोन लगा दिया और कहा कि साहब (त्रिपाठी) छुट्टी पर जा रहे हैं, जल्द आकर रेसीडेंसी में मिल लो। इसके बाद फरियादी से रेसीडेंसी पर मुलाकात हुई थी।
शिकायतकर्ता ने यह लगाए थे आरोप
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाए थे कि वह रेसीडेंसी पर पहुंचे, वहां अंदर शान पटेल और नायब तहसीलदार कार में बैठे थे। दोनों आगे की सीट पर थे और पटवारी को बाहर खड़ा कर दिया। पीछे की सीट पर फरियादी बैठा। इस दौरान फिर 50 लाख की बात कही गई और कहा गया कि जैसा आप चाहते हो वह करके दे देंगे। लेकिन बात नहीं बनी, इसी बीच उन्हें कुछ ऐसी बात कही गई कि नहीं तो काम पूरा बिगड़ जाएगा। उससे वह तनाव में आ गए। इसके बाद मामले में कलेक्टर को शिकायत कर दी गई।
यह कहा था नायब तहसीलदार ने
नायब तहसीलदार त्रिपाठी ने उस दौरान कहा था कि मेरा इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है, मेरी किसी से कोई बातचीत भी नहीं हुई, जब मामला उठा तब मैंने फाइल की जानकारी ली, इसमें खुद फरियादी गलत नाम पर संपत्ति का नामांतरण चाहते हैं। मैं किसी मध्यस्थ शान पटेल को भी नहीं जानता हूं। रही बात पटवारी की तो उन्होंने क्या किया मुझे नहीं मालूम, लेकिन मेरी किसी से कोई चर्चा नहीं हुई।
इंदौर कलेक्टर | इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह