यूनिवर्सिटी के कारनामों से हलाकान विद्यार्थी, शिक्षक-कर्मचारी बिना होशो हवास कर रहे काम

लगातार विवादों में घिरे मध्यप्रदेश के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय का एक और कारनामा सामने आया है। जिसमें प्रश्न पत्र में एक ऐसे सवाल का उत्तर 200 शब्दों में देने के लिए कहा गया जिसका उत्तर सिर्फ एक लाइन का ही हो सकता है। 

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Neel Tiwari
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University students in panic Photograph: (THESOOTR)

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जबलपुर में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के शिक्षक और कर्मचारी खुद ही यूनिवर्सिटी का मज़ाक बना रहे हैं। रानी दुर्गावती के मकबरे का सवाल पूछने से लेकर गलत एडमिट कार्ड और मनमर्जी से परीक्षा परिणाम घोषित करने तक यह खुद सिद्ध कर रहे हैं कि यूनिवर्सिटी में होशो हवास में तो काम नहीं हो रहा है। 

विश्वविद्यालय का एक और कारनामा

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लगातार विवादों में घिरे मध्यप्रदेश के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय का एक और कारनामा सामने आया है। जिसमें प्रश्न पत्र में एक ऐसे सवाल का उत्तर 200 शब्दों में देने के लिए कहा गया जिसका उत्तर सिर्फ एक लाइन का ही हो सकता है। 

यदि आपसे पूछा जाए कि अभी भारत के साथ किस देश की युद्ध की स्थिति बन रही है तो आपका जवाब होगा पाकिस्तान, लेकिन क्या हो जब इसी उत्तर को आपको 200 शब्दों में देने के लिए कहा जाए, ऐसे ही कुछ प्रश्न रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय ने बीए प्रथम वर्ष के इतिहास के प्रश्न पत्र में पूछे हैं। इसके बाद छात्रों में भारी आक्रोश देखा गया। 

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9 अंकों के प्रश्नों पर उपजा विवाद 

बीए फर्स्ट ईयर के इतिहास के प्रश्न पत्र में लघु उत्तरीय सवालों के जवाब 200 शब्दों में देने थे जिसके लिए 9 अंक निर्धारित किए गए थे लेकिन प्रश्न क्रमांक 6 और 9 ऐसे थे जिनका जवाब सिर्फ एक लाइन में ही दिया जा सकता था। प्रश्न क्रमांक 6 में पूछा गया था कि "स्कंद गुप्त ने किसी आक्रमणकारी को हराया था ?" वहीं प्रश्न क्रमांक 9 में पूछा गया की "मोहम्मद गौरी के आक्रमण के बाद भारत में किस वंश की स्थापना हुई ?" ,

विद्यार्थियों के अनुसार यह सभी उत्तर ऐसे थे जिन्हें मात्र एक लाइन में दिया जाना था लेकिन इसके लिए 9 अंक निर्धारित करना और 200 शब्दों में से लिखना गलत था। अब छात्रों ने इस मामले में यूनिवर्सिटी में शिकायत करते हुए दोबारा से एग्जाम करने की मांग की है। 

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लगातार आ रहे यूनिवर्सिटी के कारनामे 

रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय लगातार खबरों की सुर्खियों में बना हुआ है। हाल ही में एक प्रश्न पत्र में या सवाल पूछा गया था की रानी दुर्गावती का मकबरा कहां पर स्थित है। जिस वीरांगना के नाम पर इस यूनिवर्सिटी का नाम रखा गया है उन्हीं की समाधि को मकबरा बनाने के बाद इस प्रश्न पत्र पर और इसे बनाने वाले प्रोफेसर और समिति पर भी सवाल खड़ा हुआ था। बीते दिनों यूनिवर्सिटी के द्वारा एक छात्रा का एडमिट कार्ड गलत सेंटर के नाम से जारी कर दिया गया था जिसके कारण छात्र परीक्षा देने से वंचित रह गई थी। 

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परीक्षाएं हुए बिना ही रिजल्ट जारी

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यही नहीं यूनिवर्सिटी में कहीं तो परीक्षाओं के बाद लंबे समय तक रिजल्ट जारी नहीं होता और कहीं पर ऐसी घटनाएं भी सामने आई है की परीक्षाएं हुए बिना ही रिजल्ट जारी कर दिया गया। यह सब देखकर तो यही लग रहा है कि यूनिवर्सिटी के कर्मचारी और शिक्षक होशो हवास में तो बिल्कुल भी काम नहीं कर रहे हैं और आरोप यही लग रहे हैं कि इस तरह की गलतियां करने वाली यूनिवर्सिटी के कर्मचारी और शिक्षक नशे में है।

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