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जबलपुर में विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल ने यात्रियों से भरी हुई पूरी एक बस को रुकवा कर इन्हें थाने पहुंचा दिया। संगठन ने आरोप लगाए हैं कि आदिवासी बाहुल्य इलाकों से लोगों को जबलपुर लाकर उनका धर्मांतरण कराया जा रहा था।
मंडला के लोगों का धर्मांतरण कराने का आरोप
जबलपुर में विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने एक बस का पीछा करते हुए उसे रोका, संगठन का आरोप है कि उन्हें मिली सूचना के आधार पर इन लोगों को दूसरे गांव से लाकर जबलपुर के भंवरताल गार्डन स्थित चर्च में इनका धर्मांतरण किया जा रहा था। हिंदू संगठनों के अनुसार लगभग तीन बसों में भरकर आदिवासी बाहुल्य इलाके के लोग धर्मांतरण के लिए ले गए थे, हालांकि दो बस में सवार लोग भागने में सफल हो गए और एक बस को रुकवाकर कार्यकर्ता उसे रांझी थाने लेकर आए हैं।
पादरी सहित अन्य पर लगे धर्मांतरण के आरोप
विश्व हिंदू परिषद के प्रांत सह गौ प्रमुख संजय तिवारी ने बताया कि मंडला सहित अन्य जगह से कमजोर वर्ग के लोगों को पैसों का लालच देकर बड़ी संख्या में जबलपुर लाकर धर्मपरिवर्तन कराया जा रहा है। इस मामले की सूचना मिलने पर संगठन ने बस को रुकवा कर इसे रांझी थाने लेकर आए हैं। उन्होंने बताया कि धर्म परिवर्तन में मुख्य पांच से छह लोग शामिल हैं। जिसमें से एक व्यक्ति जिसे पकड़ा गया है वह पादरी की वेशभूषा में है, संगठन का आरोप है कि यही लोग आदिवासियों एवं अन्य गरीब तबके के लोगों को लालच देकर धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं। उन्होंने पुलिस से इस मामले में कार्रवाई की मांग की है।
अब तक नहीं मिला कुछ संदिग्ध
थाना प्रभारी रांझी मानस द्विवेदी ने बताया की विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के द्वारा एक बस को थाने में लाया गया है जिसमें बैठे हुए लोगों का धर्म परिवर्तन किए जाने के आरोप लगे हैं। यह सभी लोग मंडला जिले के महाराजपुर के निवासी हैं। पुलिस ने जब उनके दस्तावेजों की जांच की तो इसमें सभी लोग क्रिश्चियन समुदाय के हैं। बस में मौजूद माता-पिता एवं बच्चे भी क्रिश्चियन समुदाय के ही हैं। इसलिए जबलपुर लाकर उनके धर्मांतरण जैसी कोई बात अभी नजर नहीं आ रही है। मंडला पुलिस से संपर्क कर सभी की जानकारी की पुष्टि की जा रही है एवं मामले की जांच की जा रही है।
सिर्फ घूमने के लिए जबलपुर आए थे लोग
इस मामले में आरोप लगाते हुए जब बस के यात्रियों को थाने में लाया गया तो उसमें से कुछ बुजुर्ग लोगों को कार्यकर्ता पीटते हुए भी नजर आए। किसी तरह पुलिस उन्हें बचाकर अंदर लेकर पहुंची। इतने हंगामें के बाद जहां पुलिस की प्रारंभिक जांच में भी धर्मांतरण के कोई आरोप सिद्ध नहीं हो रहे हैं वहीं पर वहां पर मौजूद महिलाएं भी यही बता रही हैं की छुट्टी का दिन होने के कारण व जबलपुर घूमने आई थी और आश्रम देखना चाहती थी। अब देखने वाली बात यह होगी कि इतनी परेशानी झेलने के बाद भी यदि आरोप सिद्ध नहीं होते हैं, तो मंडला से आए हुए ईसाई समुदाय के लोगों की शिकायत पर हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज होता है या सिर्फ बस के यात्रियों को छोड़कर मामला रफा दफा कर दिया जाएगा।
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