जबलपुर में एक नाबालिग युवक को बीच सड़क पर पीटते हुए ले जाते पुलिसकर्मियों का सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं, पुलिस अपनी सफाई में इस नाबालिग को हमलावर बता रही है। परिजनों ने पुलिस अधीक्षक से इस मामले में शिकायत की और न्याय की गुहार भी लगाई है।
पैसों की डिमांड के लिए मारपीट का आरोप
जबलपुर के रांझी थाना क्षेत्र स्थित बापू नगर में रहने वाले नाबालिग के साथ मारपीट का एक सीसीटीवी वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस के द्वारा लगातार पैसों की डिमांड की जा रही थी, जिसे पूरा न कर पाने पर पुलिस ने घर में घुसकर नाबालिग के साथ मारपीट की।
मारपीट इतनी भयंकर थी कि नाबालिग मौके पर ही बेहोश हो गया। इसके बाद पुलिस उसे बेरहमी से पीटते हुए थाने तक ले गई। परिजनों का कहना है कि उनका बेटा किसी भी प्रकार के अपराध में शामिल नहीं था। उन्होंने पुलिस पर जातिवाद से संबंधित गालियां देने का आरोप भी लगाया है।
पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार
परिजनों ने इस घटना से संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ पुलिस अधीक्षक से शिकायत की है। उनका कहना है कि रांझी पुलिस के द्वारा लगातार घर पर आकर पैसों की डिमांड की जा रही थी। शिकायत के अनुसार, तीन पुलिसकर्मियों (हरिओम, मनीष और अर्पित) ने घर में घेराबंदी कर नाबालिग के साथ बेरहमी से मारपीट की। इस मामले में परिजनों ने पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। पुलिस अधीक्षक कार्यालय ने उन्हें रांझी थाना जाकर CSP को आवेदन देने की सलाह दी है।
/sootr/media/media_files/2025/02/01/ztF0jPOu9NDDmp8uMb0v.jpeg)
नाबालिग से मारपीट के आरोप में मुकदमा दर्ज हो सकता है
अगर पुलिस किसी नाबालिक को बेरहमी से मारती है तो पुलिसकर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है। पुलिस किसी भी व्यक्ति से मारपीट नहीं कर सकती, यह अवैध है और मानवाधिकारों के खिलाफ है। इसे कस्टोडियल वायलेंस कहा जाता है। अगर पुलिस किसी नाबालिग के साथ मारपीट करती है, तो उस पर मानवाधिकारों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा सकता है।
जिस थाना क्षेत्र अंतर्गत यह घटना घटित होती है वहां जाकर लिखित शिकायत दर्ज कार्रवाई जा सकती है। इसके अलावा राज्य पुलिस की वेबसाइट पर मौजूद शिकायत पोर्टल पर भी शिकायत को दर्ज कराया जा सकता है, जिसके बाद आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज कर वैधानिक कार्रवाई किए जाने का प्रावधान मौजूद है। लेकिन हालात यह है कि कानून केवल किताबों में है अगर धरातल पर बात की जाए तो पुलिस आए दिन इन कानून को तोड़ती नजर आती है।
पुलिस का बचाव
इस मामले में रांझी थाना प्रभारी मानस द्विवेदी ने बताया कि पुलिस मुख्यालय के आदेश के पर क्षेत्र में गुंडा निगरानी का कार्य किया जा रहा है। जिसमें जीतू सोनकर और सोनू सोनकर नाम के दो बदमाशों को पुलिस निगरानी में रखा जा रहा है। जिसमें निरीक्षण के दौरान सोनू सोनकर के बेटे के द्वारा पुलिस पर फावड़े से हमला किया गया इसके बाद पुलिस के द्वारा हमलावर को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने बताया कि निगरानी बदमाशों के द्वारा लगातार क्षेत्र में शराब और नशीले इंजेक्शनों का व्यापार किया जा रहा है। इसी सूचना के आधार पर पुलिस के द्वारा कार्यवाही भी जा रही है। उन्होंने इस मामले में बताया है कि परिवार जनों के द्वारा जिन पुलिस कर्मियों के ऊपर मारपीट किए जाने के आरोप लगाए गए हैं, उन पर भी वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन के बाद कार्यवाही सुनिश्चित किए जाने की बात कही गई है।
हालांकि, पुलिस द्वारा लगातार इस मामले में सफाई दी जा रही है कि नाबालिक द्वारा हमले किए जाने पर पुलिस ने जवाबी कार्यवाही की। लेकिन पुलिस किसी भी प्रकार का कोई सीसीटीवी फुटेज या वीडियो प्रस्तुत नहीं कर पा रही है जिस पर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
thesootr links
द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें