जबलपुर स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने वन्य प्राणी तस्करी के एक बड़े मामले का खुलासा करते हुए एक तस्कर को गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से 24 लाख की 6.75 किलो वजन की पैंगोलिन स्किल्स (अंग) बरामद की गईं, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारी कीमत पर बेचा जाना था। यह तस्कर स्किल्स को विदेशों में बेचने की योजना बना रहा था। एसटीएफ ने आरोपी से पूछताछ तेज कर दी है।
STF की कार्रवाई, तस्कर गिरफ्तार
दरअसल, जबलपुर की स्पेशल टास्क फोर्स की टीम ने सिंगरौली जिले में अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। सूचना के आधार पर छापा मारते हुए एक तस्कर को गिरफ्तार किया गया, जिसके पास से 6.75 किलो पैंगोलिन स्किल्स बरामद की गईं। पुलिस ने सिंगरौली के वरदन क्षेत्र में ग्राम देवरी निवासी महावीर सिंह को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि यह स्किल्स छत्तीसगढ़ के बलरामपुर से लाकर बेचने की योजना बना रहा था। एसटीएफ ने अधिकारी के अनुसार आरोपी इन स्किल्स को विदेशों में बेचने की योजना बना रहा था।
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छत्तीसगढ़ से लाई गई थीं स्किल्स
एसटीएफ के डीएसपी संतोष तिवारी ने बताया कि यह तस्कर लंबे समय से वन्यजीवों के अवैध व्यापार में लिप्त था। पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया कि यह स्किल्स छत्तीसगढ़ के बलरामपुर से लाई गई थीं और आगे चलकर इन्हें अंतरराष्ट्रीय मार्केट में बेचने की योजना थी। अब तस्करी नेटवर्क से जुड़े अन्य संदिग्धों की भी तलाश की जा रही है।
अवैध वन्यजीव व्यापार पर बढ़ती चिंता
पैंगोलिन दुनिया के सबसे ज्यादा तस्करी किए जाने वाले जीवों में से एक है। इसकी स्किल्स का उपयोग पारंपरिक दवाओं और आभूषण निर्माण में किया जाता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इनकी भारी मांग है, जिसके कारण यह जीव विलुप्ति के कगार पर है। भारत में पैंगोलिन को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित किया गया है। इस अधिनियम के तहत इसका शिकार या तस्करी करना दंडनीय अपराध है।
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विलुप्त जीवों की श्रेणी में है पैंगोलिन
पैंगोलिन एक विलुप्तप्राय जीव है जो अपने कठोर, स्किलदार शरीर के लिए जाना जाता है। पैंगोलिन के स्किलदार शरीर को ही स्किल्स कहा जाता है। यह अफ्रीका और एशिया में पाया जाता है और मुख्य रूप से कीड़ों, जैसे चींटियों और दीमकों को खाता है। पैंगोलिन की शल्क संरचना उसे शिकारियों से सुरक्षा प्रदान करती है, क्योंकि यह शल्क शरीर के चारों ओर एक सुरक्षात्मक कवच की तरह कार्य करती है। हालांकि, इनका शिकार अधिकतर अवैध शिकार और जंगलों की कटाई के कारण बढ़ रहा है, जिससे इनकी संख्या तेजी से घट रही है। पैंगोलिन की शिकार और तस्करी को रोकने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन यह अभी भी संकटग्रस्त प्रजाति बनी हुई है।
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एसटीएफ और वन विभाग की अपील
वन विभाग और एसटीएफ ने नागरिकों से अपील की है कि वे वन्यजीव तस्करी से संबंधित किसी भी गतिविधि की सूचना तुरंत अधिकारियों को दें। आरोपी के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। जांच जारी है।
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