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भोपाल के विधायक आरिफ मसूद ने ध्रुव नारायण सिंह से चुनाव तो जीत लिया पर उनकी विधायकी पर छाए काले बादल अभी भी छंटने का नाम नहीं ले रहे हैं। अपने खिलाफ लगी इलेक्शन पिटिशन को खारिज करवाने उन्होंने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है।
कर्ज छुपा कर चुनाव लड़ने का मामला
भोपाल मध्य के विधायक आरिफ मसूद और उनकी पत्नी पर लगभग 50 लाख रुपए के लोन की जानकारी छिपाकर चुनाव लड़ने के मामले में पूर्व विधायक ध्रुव नारायण सिंह द्वारा दायर इलेक्शन पिटिशन में जनवरी 2024 से सुनवाई चल रही है। जिसमे आरिफ मसूद बुरी तरह फंसते नजर आ रहे हैं उनके द्वारा लगातार अपनी विधायकी को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी के चलते एक बार फिर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। हालांकि पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि सुनवाई अब बिना किसी बाधा के जारी रहेगी। लेकिन अब मसूद ने फिर सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है।
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पहले भी जा चुके है सुप्रीम कोर्ट
विधायक आरिफ मसूद के द्वारा पहले भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट से मामले में दखल कर निर्णय देने का अनुरोध किया गया था। जिसमें उन्होंने हाईकोर्ट में दायर इलेक्शन पिटिशन में उन पर और उनकी पत्नी पर बैंक से लिए गए कर्ज की जानकारी निर्वाचन आयोग से छुपा कर चुनाव लड़ने के आरोपों को सही नहीं बताया था। इसके अलावा मसूद ने उनके खिलाफ पेश किए गए दस्तावेजों को जाली बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसमें उन्होंने दलील दी कि 2 महीने से ज्यादा के समय तक इलेक्शन पिटीशन पर सुनवाई नहीं की जाती है लेकिन फिर भी हाईकोर्ट के द्वारा इस मामले में कोई भी निर्णय न करके सुनवाई लगातार जारी है। जिसमें बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को जबलपुर हाईकोर्ट भेजते हुए निर्देश दिया था कि याचिका पर संज्ञान लिया जाए।
हाई कोर्ट में लगातार जारी है सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट से निर्देश मिलने के बाद हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर आगे की कार्रवाई शुरू की गई जिसमें 15 जनवरी को हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से प्रस्तावित गवाहों की सूची कोर्ट में पेश की गई । इसके बाद आरिफ मसूद के अधिवक्ता ने कोर्ट में आवेदन दिया जिसमें बताया कि इस मामले से संबंधित SLP सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है लिहाजा दो सप्ताह तक कार्यवाही को स्थगित करने का अनुरोध किया गया । कोर्ट के द्वारा इस आवेदन को खारिज करते हुए सुनवाई के लिए अगली तारीख दी गई। 17 जनवरी की हुई सुनवाई में प्रतिवादियों को गवाहों की संशोधित सूची कोर्ट में दाखिल किए जाने के आदेश दिए गए। इस मामले में अगली सुनवाई 22 जनवरी को तय हुई जिसमें प्रतिवादियों की तरफ से संशोधित 6 गवाहों की सूची कोर्ट के समक्ष पेश की गई साथ ही याचिकाकर्ताओं ओर से दायर किए गए आवेदन पर जवाब देने और इस याचिका पर बहस करने के साथ निर्णय लेने के लिए 27 जनवरी को मामला सूचीबद्ध किया गया।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय तक टली सुनवाई
इस याचिका पर सुनवाई जस्टिस विवेक अग्रवाल की सिंगल बेंच में हुई जिसमें उन्होंने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि इसी याचिका में मौजूद प्रतिवादी (आरिफ मसूद ) के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में SLP दायर की गई। जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति नोंगमेकपम कोटिश्वर सिंह की कोर्ट में की गई जिसमें उन्होंने आदेश दिया दोनों पक्षकार संयुक्त रूप से उच्च न्यायालय से 27.01.2025 को निर्धारित सुनवाई को स्थगित करने का अनुरोध कर सकते हैं। इसी आदेश के अनुसार हाईकोर्ट के द्वारा अब इस मामले की सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय तक स्थगित करने का अनुरोध किया गया। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए इस याचिका पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले की सुनवाई 29 जनवरी को तय की गई है।
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