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JABALPUR. निगमीकरण के बाद जबलपुर की आयुध निर्माणियां (Jabalpur Ordnance Factory) नए रक्षा उत्पादों के निर्माण में तेजी से जुटी हुई हैं। यहां पर टी-72 टैंक, धनुष तोप के नए वर्जन और ब्रहोस मिसाइल जैसी बड़ी परियोजनाओं पर काम चल रहा है। हालांकि, पहले 18 मार्च को आयुध निर्माणी दिवस मनाया जाता था, अब इसका आयोजन नहीं किया जाता, लेकिन नए प्रोडक्ट्स का निर्माण जारी है, जो रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
आयुध निर्माणियों में नए डिफेंस प्रोडक्ट
निगमीकरण के बाद जबलपुर की आयुध निर्माणियों में नए डिफेंस प्रोडक्ट्स के निर्माण में तेजी आई है। जबलपुर की चारों आयुध निर्माणियां इस दिशा में सक्रिय हैं। सबसे नया प्रोजेक्ट टी-72 टैंक का है, जिसमें उन्नत तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत दो टी-72 टैंक जल्द ही जबलपुर लाए जाएंगे, जिनकी यूनिट तैयार हो चुकी है। इसके अलावा, धनुष तोप के नए वर्जन पर भी काम चल रहा है, जो पहले से अधिक प्रभावी होगी।
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धनुष तोप के नए वर्जन और ब्रहोस मिसाइल का निर्माण
दूसरी तरफ ब्रहोस मिसाइल के बारहेड की फिलिंग और टैंक भेदी बम के नए वर्जन बन रहे हैं। गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) ने 155 एमएम 45 कैलीबर धनुष तोप का निर्माण किया था, जिससे रक्षा क्षेत्र में नया रिकॉर्ड बना था। अब इसके प्रोटोटाइप के साथ 155 एमएम 52 कैलीबर टोड और माउंटेड धनुष तोप बनाने की योजना है। इसके साथ ही डबल बैरल एल-70 एंटी एयरक्राफ्ट गन का निर्माण भी किया जा रहा है।
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वीकल फैक्ट्री जबलपुर करेगा टैंक की ओवरहालिंग
ओएफके (ऑर्डनेंस फैक्ट्री खेड़ा) में 84 एमएम अटेक्स की तैयारी की गई है, जिसे बर्फ की पहाड़ियों में परीक्षण किया जाएगा। इसके साथ ही, ब्रहोस मिसाइल के वारहेड की फिलिंग का ट्रायल भी जारी है। इसके अलावा, एल-70 एंटी एयरक्राफ्ट एम्यूनिशन को अपग्रेड भी किया गया है। वीकल फैक्ट्री जबलपुर अब टैंक की ओवरहालिंग करेगा। जिसे एमआरओ प्रोजेक्ट नाम दिया गया है। वीएफजे के पीआरओ विपुल वाजपेयी के अनुसार 15 दिन में चेन्नई की ऑर्डनेंस फैक्ट्री आवडी से दो टी-72 टैंक जबलपुर आ रहे हैं। जिसके लिए यूनिट तैयार हो गई है।
गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) के महाप्रबंधक राहुल चौधरी ने बताते है कि गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) ने 155 एमएम 45 कैलीबर धनुष तोप का निर्माण किया था, जिससे रक्षा क्षेत्र में नया रेकॉर्ड बना था। अब इसके प्रोटोटाइप के साथ 155 एमएम 52 कैलीबर टोड और माउंटेड धनुष तोप बनाने की योजना है।
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अब नहीं होता आयुध निर्माणी दिवस का आयोजन
दरअसल, पिछले समय में आयुध निर्माणी दिवस का आयोजन होता था, लेकिन निगमीकरण के बाद अब इसका आयोजन नहीं किया जाता। हालांकि, इन बदलावों के बावजूद, रक्षा उत्पादों के निर्माण में कोई कमी नहीं आई है, और यह क्षेत्र लगातार उन्नति की दिशा में अग्रसर है।
5 मुख्य बिंदुओं से समझें पूरा मामला
✅ निगमीकरण के बाद जबलपुर आयुध निर्माणियों में नए डिफेंस प्रोडक्ट्स का निर्माण तेज़ी से हो रहा है।
✅ टी-72 टैंक, धनुष तोप के नए वर्जन और ब्रहोस मिसाइल पर काम जारी है।
✅ वीएफजे, जीसीएफ और ओएफके जैसे कारखाने रक्षा क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण सेवाएं दे रहे हैं।
✅ आयुध निर्माणी दिवस का आयोजन अब नहीं होता, लेकिन नए प्रोडक्ट्स का निर्माण जारी है।
✅ निगमीकरण के बावजूद, इन निर्माणियों में सुधार और विकास की प्रक्रिया लगातार जारी है।
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