शिक्षा हर नागरिक का कानूनी अधिकार है, लेकिन जब से इसका व्यवसायीकरण हुआ है तभी से यह सिर्फ लाभ का धंधा बनकर रह गई है। जबलपुर में जहां एक और जिला प्रशासन के द्वारा निजी स्कूलों पर अवैध रूप से वसूली गई फीस को वापस किए जाने की कार्यवाही की जा रही है वहीं दूसरी ओर स्कूल प्रशासन के द्वारा बच्चों को फीस जमा न करने पर मुख्य परीक्षा में शामिल नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा उन्हें मानसिक रूप से भी प्रताड़ित किया जा रहा है अभिभावकों ने आरोप लगाए हैं कि आंख मिचौली के इस खेल में मासूमों को जबरन पीसा जा रहा है।
फीस जमा नही की तो पेपर नहीं देने दिया
जबलपुर के शास्त्री नगर स्थित विजडम वैली स्कूल से बीते दिनों एक चौंकाने वाला मामला सामने आया था। यहां 9वीं की एक छात्रा को फीस जमा न होने की वजह से मुख्य परीक्षा में शामिल नहीं किया गया। बावजूद इसके की छात्रा के परिजनों और स्कूल प्रबंधन के बीच सोमवार को फीस संबंधी चैक देने की बात भी हो गई थी, लेकिन परिजनों ने यह आरोप लगाया है कि स्कूल प्रबंधन के द्वारा अपने वादे से मुकरते हुए उनकी बेटी को घंटों अकेले कमरे में बैठाकर रखा गया। इस घटना से उसकी मानसिक स्थिति पर ऐसा प्रभाव पड़ा कि उसने घर जाकर खुद को एक कमरे में बंद कर लिया। आपको बता दे कि इस मामले में हाईकोर्ट का स्पष्ट आदेश आ चुका है कि 50% फीस जमा करने वाले छात्रों को परीक्षा में बैठने से वंचित नहीं किया जा सकता।
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स्कूल के प्रिंसिपल के खिलाफ जताई नाराजगी
विजडम वैली स्कूल में पढ़ रहे एक बच्चे के अभिभावक अमित ने बताया है कि कल जो घटना एक बच्ची के साथ हुई वह काफी निंदनीय है। स्कूल के प्रिंसिपल के द्वारा बच्चों और अभिभावकों के साथ अपनाया जा रहा रवैया ठीक नहीं है उन्होंने बताया कि कोर्ट का आदेश है कि जिन बच्चों की आधी फीस जमा है और जिन बच्चों की फीस बिल्कुल भी जमा नहीं है उन्हें भी एडमिट कार्ड दिया जाना चाहिए, लेकिन स्कूल के प्रिंसिपल के इस काम पर स्कूल प्रबंधन और प्रशासन के द्वारा कोई भी कार्यवाही न करना दुर्भाग्यपूर्ण है। साथ ही उन्होंने बताया फीस स्ट्रक्चर को लागू किए जाने के संबंध में जो पेरेंट्स एसोसिएशन ने कार्रवाई की है। इस कार्रवाई में सभी पेरेंट्स को संगठन का साथ देना चाहिए क्योंकि यह सभी की हित की लड़ाई है।
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100 में से 40 बच्चे डिप्रेशन का शिकार
पेरेंट्स एसोसिएशन के सदस्य विकास पॉल ने बताया कि विजडम वैली स्कूल के द्वारा बच्ची को अनैतिक रूप से प्रताड़ित किए जाने से बच्ची काफी मानसिक तनाव है। इसके अलावा अधिकांश निजी स्कूलों में 100 में से 40 बच्चे स्कूल की प्रताड़ना की वजह से डिप्रेशन का शिकार होते जा रहे हैं। उन्होंने निजी स्कूलों के द्वारा फीस वसूली के मामले में प्राइमरी तौर पर जिला प्रशासन और सेकेंडरी स्कूल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है क्योंकि जिला प्रशासन की सख्त कार्यवाही ही स्कूल की मनमानी पर रोक लगा सकती है। अभिभावक डबल फीस स्ट्रक्चर में उलझ रहे हैं। कोर्ट के द्वारा 50 प्रतिशत फीस जमा करने के निर्देश हुए हैं, लेकिन यह वह फीस है जो स्कूल प्रबंधन के द्वारा तय की गई है ना कि वह फीस जो कलेक्टर की गाइडलाइन के द्वारा नए फीस स्ट्रक्चर के तहत जारी की गई है। उन्होंने अभिभावकों से 50 प्रतिशत स्कूल के द्वारा तय की गई फीस को जमा करने की बात कहीं है।
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अभिभावकों की लड़ाई लड़ रहा पेरेंट्स एसोसिएशन
पेरेंट्स एसोसिएशन के सदस्यों और अभिभावकों ने बताया कि पेरेंट्स एसोसिएशन के द्वारा लगातार अभिभावकों के हित की लड़ाई लड़ी जा रही है जिसमें बीते दिनों अभिभावकों की तरफ से बात करने गए पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सचिन गुप्ता के साथ स्कूल प्रबंधन के बृजेश मित्तल के द्वारा धक्का मुक्की की गई। उनका यह व्यवहार अभिभावकों के हित में नहीं है साथ ही उन्होंने बताया कि पेरेंट्स एसोसिएशन अभी से ही फीस वृद्धि के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है और यदि नियम विरुद्ध की जाने वाली फीस वृद्धि का विरोध नहीं किया गया तो जहां आज 50 से 60 हजार रुपए स्कूल की फीस लग रही है आने वाले समय में यही फीस 1 से 1.50 लाख रुपए हो जाएगी। जो एक सामान्य परिवार के लिए जुटाना बहुत कठिन बात है उन्होंने सभी अभिभावकों से पेरेंट्स एसोसिएशन के साथ दिए जाने की अपील की है।
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स्कूल प्रबंधन की मामले पर चुप्पी
शास्त्री नगर स्थित विजडम वैली स्कूल के संचालकों से जब इस पूरे घटनाक्रम और मामले पर बात कर उनके पक्ष को जानने की कोशिश की गई तब मौके पर स्कूल प्रबंधन की तरफ से कोई भी मौजूद नहीं था साथ ही स्कूल में मौजूद शिक्षकों के द्वारा इस मामले पर किसी भी प्रकार की बात करने से साफ इनकार कर दिया।