RTE मापदंड पूरा नहीं करने वाले स्कूलों पर प्रशासन सख्त, यहां बंद होंगे MP बोर्ड के कई स्कूल

मध्य प्रदेश को स्कूलों की मान्यता को लेकर प्रशासन की जांच जारी है। अब जबलपुर में 28 निजी स्कूलों की मान्यता पर संकट गहरा गया है। आरटीई के मापदंड पूरे नहीं करने पर स्कूलों की मान्यता नवीनीकरण की प्रक्रिया प्रभावित हो गई है।

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Vikram Jain
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मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के माध्यमिक शिक्षा मंडल से मान्यता प्राप्त 783 निजी स्कूलों में से 28 स्कूलों की मान्यता पर संकट खड़ा हो गया है। इन स्कूलों ने आरटीई (Right to Education) के निर्धारित मापदंडों का पालन नहीं किया है, जिससे उनके मान्यता नवीनीकरण की प्रक्रिया प्रभावित हो गई है। बता दें कि शिक्षा विभाग ने स्कूलों की मान्यता को लेकर नए नियम लागू किए हैं।

आरटीई नियमों का पालन नहीं करने से समस्या

डीपीसी योगेश शर्मा के अनुसार, स्कूलों द्वारा मान्यता नवीनीकरण कराने की लास्ट डेट 24 फरवरी थी। शिक्षा विभाग से लागू नए नियमों के अनुसार, स्कूल के पास अपना भवन होना अनिवार्य है। अगर स्कूल किराए की इमारत में चल रहा है, तो रजिस्टर्ड किरायानामा देना होगा और साथ ही सिक्योरिटी डिपॉजिट के रूप में रिफंडेबल एफडी जमा करनी होगी। इन नियमों का पालन न करने वाले स्कूलों की मान्यता पर संकट पैदा हो गया है।

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नवीनीकरण प्रक्रिया में परेशानी

डीपीसी योगेश शर्मा के अनुसार, इन 28 स्कूलों ने अभी तक निर्धारित नियमों का पालन नहीं किया है, जिससे उनकी मान्यता पर संकट खड़ा हो गया है। इन स्कूलों के लिए मान्यता नवीनीकरण की प्रक्रिया अब जोखिम में है, और यदि ये स्कूल समय पर इन नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो उनकी मान्यता रद्द भी हो सकती है।

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स्कूलों की मान्यता को लेकर नए नियम लागू

दरअसल, मध्य प्रदेश में शिक्षा विभाग ने स्कूलों की मान्यता को लेकर नए नियम लागू किए हैं, जिनके तहत स्कूल के पास अपना भवन होना आवश्यक किया गया है, साथ ही यदि स्कूल का संचालन किसी किराए की इमारत में हो रहा है तो रजिस्टर्ड किरायानामा और सिक्योरिटी डिपॉजिट के रूप में रिफंडेबल एफडी जमा करनी होगी। ऐसे में कुछ स्कूल संचालक अब अपने स्कूल बंद करने की योजना बना रहे हैं।

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बढ़ी अभिभावकों की चिंता

अब एक अभिभावक विकास साहू ने डीपीसी योगेश शर्मा से मिलकर समस्या बताई है। विकास से अनुसान वे बीपीएल कार्डधारक हैं और उन्होंने शिक्षा के अधिकार के तहत अपने बच्चे का स्कूल में दाखिला कराया था। अगर स्कूल बंद हो जाएगा तो उनके बच्चे की पढ़ाई प्रभावित होगी। विकास साहू जैसे कई अभिभावकों की चिंता है कि अगर उनके बच्चों के स्कूल बंद हो गए तो उनकी पढ़ाई रुक जाएगी, और उनका भविष्य अनिश्चित हो सकता है। ऐसे में इन अभिभावकों ने शिक्षा विभाग से जल्द से जल्द समाधान की मांग की है ताकि उनके बच्चों की पढ़ाई में कोई परेशानी ना आए।

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