आयकर विभाग ने तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी आर्म्स डीलर प्रतीक जोशी के भोपाल स्थित ठिकानों पर दबिश दी थी। दबिश के दौरान आयकर विभाग को एक डायरी बरामद हुई थी। इसमें रिटायर्ड डीजी वी मधुकुमार ( Retired DG V Madhukumar ) द्वारा 12.5 करोड़ रुपये देने का उल्लेख किया गया था। चुनाव आयोग ने केन्द्र व राज्य सरकार को डायरी के पेज भेजते हुए दोषी अधिकारियों के खिलाफ जांच करने को कहा था। कैट ने केन्द्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई दो जुलाई को निर्धारित की है।
प्रतीक जोशी के ठिकानों पर IT ने मारा छापा
अधिवक्ता पंकज दुबे ने बताया कि आर्म्स डीलर प्रतीक जोशी के ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापा मारा था। मौके से दस्तावेज भी मिले थे। इसके अलावा खुली डायरी के कुछ पन्ने भी अधिकारियों को मिले थे। जिस में कि VMB 1250 लिखा था। ये जानकारी आयकर विभाग ने चुनाव आयोग को दी। केंद्र, राज्य सरकार और गृह विभाग को चुनाव आयोग ने निर्देश दिए कि इस मामले में जो भी अधिकारी शामिल है, उनके खिलाफ जांच की जाए। साथ ही, केस भी दर्ज किए जाए।
आयकर विभाग ने मधुकुमार को नहीं दिया नोटिस
मामले पर राज्य सरकार ने वी मधुकुमार को चार्जशीट देते हुए विभागीय जांच शुरू कर दी। राज्य सरकार ने VMB को वी मधुकुमार बाबू और 1250 को 12.50 करोड़ रुपए मानते हुए आपने यह राशि प्रतीक जोशी के साथ मिलकर ली। अधिवक्ता पंकज दुबे ने बताया कि वी मधुकुमार के ठिकानों पर न कभी जांच हुई और न ही सर्चिंग की गई। यही नहीं, आयकर विभाग ने उन्हें नोटिस भी नहीं दिया। इसके बाद भी सरकार के द्वारा उनके खिलाफ जांच करवाई गई। वी मधुकुमार ने इस पर आपत्ति भी लगाई, पर कार्रवाई नहीं की गई।
प्रतीक जोशी के यहां से मिली थी डायरी
केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण याचिकाकर्ता के इस तर्क से सहमत दिखा। तर्क दिया गया कि किसी की निजी डायरे के पन्नों में दर्ज संकेतों के आधार पर विभागीय जांच नहीं की जा सकती। प्रतीक जोशी के घर से आयकर विभाग को डायरी मिली थी, जिसमें इंग्लिश में वीएमबी के साथ 12 करोड़ 50 लाख रुपयों की राशि लिखी थी। जांच एजेंसी ने इस वीएमबी का मतलब, लोकायुक्त के तत्कालीन डी.जी वी मधुकुमार को माना।
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2 जुलाई को अगली सुनवाई तय
इसी के साथ राज्य और केन्द्र सरकार ने वी मधुकुमार को चार्जशीट देकर उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी। इसके खिलाफ रिटायर्ड आईपीएस वी मधुकुमार ने केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण में याचिका दायर की थी। अब अधिकरण ने उनके खिलाफ जांच पर रोक लगा दी है। सरकार से जवाब तलब करते हुए 2 जुलाई को अगली सुनवाई तय की है।